आप भी जानें, क्या है एनसीटीसी
आतकवाद को राष्ट्रव्यापी समस्या मानते हुए केद्र सरकार ने इससे निपटने के लिए एनसीटीसी यानि राष्ट्रीय आतकवाद निरोधक केद्र के गठन का फैसला लिया है। इसको 1 ...और पढ़ें

नई दिल्ली। आतंकवाद को राष्ट्रव्यापी समस्या मानते हुए केंद्र सरकार ने इससे निपटने के लिए एनसीटीसी यानि राष्ट्रीय आतंकवाद निरोधक केंद्र के गठन का फैसला लिया है। इसको 1 मार्च 2012 से प्रभावी रूप में आना था, लेकिन इसके अमल में आने से पहले ही कई राज्यों ने इसका कड़ा विरोध शुरू कर दिया। जिससे इसके गठन में देरी होती जा रही है।
क्या है एनसीटीसी?
गृहमंत्री पी चिदंबरम की पहल पर गठित गृहमंत्रालय की एक महत्वाकांक्षी परियोजना है एनसीटीसी। आतंकवाद से जुड़े मामलों के लिए ये सेंटर, इंटेलिजेंस ब्यूरो [आईबी], रिसर्च एंड एनलिसिस विंग [रॉ], ज्वाइंट इंटेलिजेंस कमेटी और राज्यों की खुफिया एजेंसियों के लिए नोडल एजेंसी का काम करेगा। ये सारी एजेंसियां आतंकवाद से जुड़े मामलों में नेशनल काउंटर टेरररिज्म सेंटर को रिपोर्ट करेंगी।
एनसीटीसी यानी नेशनल काउंटर टेररिज्म सेंटर खुफिया एजेंसियों और नेशनल इनवेस्टिगेटिंग एजेंसी [एनआईए] के सहयोग से काम करते हुए आतंकवाद से जुड़े मामलों की जांच करेगा। जांच के दौरान जानकारियां एकत्र करने के लिए इसे दूसरी एजेंसियों पर निर्भर रहना होगा क्योंकि इसके लिए इस सेंटर के पास कोई स्टाफ नहीं होगा। एडीजी स्तर का पुलिस अफसर इस सेंटर का प्रमुख होगा जो सीधे गृह मंत्रालय को रिपोर्ट करेगा।
राज्यों का विरोध
भाजपा शासित राज्यों समेत दस राज्य एनसीटीसी का मुखर विरोध कर रहे हैं। इनमें संप्रग सरकार में शामिल तृणमूल कांग्रेस शासित पश्चिम बंगाल भी शामिल है। इन राज्यों के मुख्यमंत्रियों का कहना है कि एनसीटीसी को केंद्र की ओर से दी कानूनी ताकत देश के संघीय ढांचे के लिए खतरा है। इससे केंद्र और राच्य के बीच संबंध बिगड़ने का खतरा है। इसका विरोध करने वालों में गुजरात, पश्चिम बंगाल, उड़ीसा, तमिलनाडु, मध्य प्रदेश, हिमाचल प्रदेश, बिहार, उत्तराखंड, पंजाब और छत्तीसगढ़ शामिल हैं।
उधर, गृहमंत्री पी. चिदंबरम का कहना है कि एनसीटीसी पूरी तरह जरूरी है और यह संघीय ढांचे पर हमला नहीं है। उनका कहना है कि कुछ राज्य एनसीटीसी के कुछ प्रावधानों का विरोध कर रहे हैं लेकिन वे इसके गठन का समर्थन करते हैं।
आतंकवाद से निपटने में सहायक
यदि यह अमल में आ जाता है तो पहली बार भारत के संदर्भ में ऐसी व्यस्था होगी जो केंद्र के स्तर पर चरमपंथ, संगठित अपराध और माओवादी गतिविधियों की रोकथाम के लिए सहायक होगी। अब तक कानून व्यवस्था राज्य का विषय है। इसके बाद केंद्रीय स्तर पर सीधे इन आपराधिक गतिविधियों से निपटा जा सकेगा।
क्या है कार्य
-आतंकवाद रोधी कार्रवाइयों का समन्वय।
-खुफिया खबरों का एकीकरण और उनका विश्लेषण।
-विभिन्न एजेंसियों के साथ तालमेल।
गिरफ्तारी, तलाशी का अधिकार
एनसीटीसी के अभियान प्रभाग के अधिकारियों को गैर कानूनी गतिविधियां [रोकथाम] कानून, 1967 की धारा 43-ए के तहत गिरफ्तारी और तलाशी का अधिकार होगा। राष्ट्रीय सुरक्षा गार्ड [एनएसजी] या ब्लैक कैट कमांडो की सेवाएं हासिल करने का अधिकार होगा।
बजट
एनसीटीसी का बजट लगभग ढाई हजार करोड़ रुपये का होगा।
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