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    क्या है Digital Currency, कैसे होता है इस्तेमाल और क्या हैं इसके फायदे, जानिए सभी सवालों के जवाब

    By Shalini KumariEdited By: Shalini Kumari
    Updated: Sat, 29 Apr 2023 01:19 PM (IST)

    भारत में Digital Currency की शुरुआत 1 नवंबर 2022 को हुई थी। इसे कई चरणों में पूरा किया जा रहा है जिसके बाद पूरे देश में इसका इस्तेमाल होने लगेगा। फिलहाल पहला चरण पूरा हो चुका है जिसके बाद इसे देश के चार शहरों में इस्तेमाल किया जा रहा है।

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    डिजिटल करेंसी से जुड़े सभी सवालों के जवाब

    नई दिल्ली, शालिनी कुमारी। देश में डिजिटल इकॉनमी को बढ़ावा दिया जा रहा है, जिसके लिए सरकार लगातार प्रयास कर रही है। इसी कड़ी में भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर डिजिटल रुपये की शुरुआत की है। फिलहाल, इसे देश के कुछ राज्यों में शुरू किया गया है, लेकिन जल्द ही इसे पूरे भारत में इस्तेमाल किया जाने लगेगा। आज देश में रुपये को एक जगह से दूसरी जगह ले जाने पर भी काफी पैसा खर्च करना पड़ता है।

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    ऐसे में लोगों के मन में डिजिटल करेंसी को लेकर कई तरह के सवाल उठते हैं। जैसे कि ये डिजिटल करेंसी क्या है, कैसे इस्तेमाल होता है और इसे कैसे खरीदा जा सकता है।

    क्या है डिजिटल करेंसी? (What Is Digital Currency)

    डिजिटल करेंसी या ई-रुपया (e-Rupee) नोट और सिक्कों का इलेक्ट्रॉनिक रूप है। डिजिटल करेंसी के इस्तेमाल के बाद से आपको नोट और सिक्कों की जरूरत नहीं पड़ेगी। इसे आप आसानी से अपनी शॉपिंग आदि के लिए इस्तेमाल कर सकते हैं। आम शब्दों में कहे तो इससे हर तरह की लेन-देन आसानी से की जा सकेगी। आपको बता दें, डिजिटल रुपया ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी पर आधारित है।

    कब शुरू हुआ डिजिटल करेंसी? (When Did Digital Currency Start)

    डिजिटल करेंसी की शुरुआत भारतीय रिजर्व बैंक ने 1 नवंबर, 2022 से कर दी है। भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने पायलट प्रोजेक्ट के 8 बैंकों के जरिए डिजिटल रुपया उपलब्ध कराने की बात कही है। पहले चरण में मुंबई, नई दिल्ली, बेंगलुरु और भुवनेश्वर में ये सुविधा शुरू होगी। दूसरे चरण में अहमदाबाद, गंगटोक, गुवाहाटी, हैदराबाद, इंदौर, कोच्चि, लखनऊ, पटना और शिमला में डिजिटल रुपया मिल सकेगा। जल्द ही इसे देश के अन्य हिस्से में भी लागू कर दिया जाएगा। इस पर सरकार काम कर रही है।

    दूसरे देशों में डिजिटल करेंसी

    आपको बता दें, पीपुल्स बैंक ऑफ चाइना ने अप्रैल 2020 में दो पायलट प्रोजेक्ट शुरू किया, जिसमें लॉटरी सिस्टम से ई-युआन बांटे गए। फिलहाल, कनाडा, जापान, स्वीडन, स्विट्जरलैंड, यूके और यूनाइटेड स्टेट्स के साथ-साथ यूरोपीय यूनियन भी बैंक ऑफ इंटरनेशनल सेटलमेंट्स (BIS) के साथ मिलकर डिजिटल करेंसी पर काम कर रहे हैं।

    डिजिटल करेंसी कैसे इस्तेमाल होता है? (How To Use Digital Currency)

    डिजिटल करेंसी (Digital Currency) या डिजिटल रुपये (Digital Rupee) पेमेंट का एक ऐसा ऑप्शन होगा, जो टोकन के रूप में इस्तेमाल होगा। यह सभी बिजनेस, सरकार आदि के लिए एक लीगल  टेंडर के तौर पर जारी किया जाएगा। इसकी कीमत वर्तमान में इस्तेमाल किए जाने वाले नोट और सिक्कों के बराबर ही होगा। आरबीआई (RBI) कुछ बैंकों को यह करेंसी देगा, जिसके बाद इसे बैंकों की ओर से जारी किया जाएगा।

    डिजिटल करेंसी को UPI से जोड़ने की तैयारी

    दरअसल, बैंकों द्वारा मोबाइल वॉलेट पेश किया जाएगा, जिसकी मदद से डिजिटल रुपये का लेनदेन कर सकते हैं। इसके अलावा,  QR कोड स्कैन करके भी इसका इस्तेमाल किया जा सकता है। डिजिटल करेंसी इस्तेमाल करने वालों को किसी तरह का कैश रखने की जरूरत नहीं पड़ेगी। इस करेंसी से पर्सन टू पर्सन और पर्सन टू मर्चेंट दोनों ही तरह की पेमेंट की जा सकती है। आपको बता दें, डिजिटल करेंसी को UPI से जोड़ने की तैयारी चल रही है। 

    कितने बैंक जारी करते हैं डिजिटल करेंसी? (How Many Banks Issue Digital Currency)

    भारतीय रिजर्व बैंक ने आठ बैंकों को डिजिटल करेंसी जारी करने के लिए चुना है। पहले चरण की सुविधा मुंबई, नई दिल्ली, बेंगलुरु और भुवनेश्वर के 4 बैंकों में शुरू हो चुकी है। इसमें  स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (SBI), आईसीआईसीआई बैंक (ICICI Bank), यस बैंक (YES Bank) और आईडीएफसी फर्स्ट बैंक (IDFC Bank) शामिल है। वहीं, दूसरे चरण में बैंक ऑफ बड़ौदा (BOI), यूनियन बैंक ऑफ इंडिया (UBI), एचडीएफसी बैंक (HDFC) और कोटक महिंद्रा बैंक (Kotak) के जरिए डिजिटल रुपया जारी किया जाने लगेगा।

    कोई भी इन बैंकों की वेबसाइट पर जाकर या फिर ऐप के जरिए डिजिटल करेंसी खरीद सकते हैं। इसके लिए ग्राहकों के मोबाइल या किसी अन्य डिवाइस में बैंकों द्वारा एक डिजिटल वॉलेट में उपलब्ध कराया जाएगा, जिसमें ग्राहक अपनी डिजिटल करेंसी को रख सकते हैं।

    हर जगह होगी डिजिटल करेंसी की मान्यता

    जिस तरह आरबीआई की ओर से जारी किया गया नोट की मान्यता हर जगह होती है, उसी तरह डिजिटल करेंसी लीगल टेंडर है, जिसकी मान्यता हर जगह होगी। अगर ग्राहक को इसके जरिए पेमेंट करना हो तो वो क्यूआर कोड स्कैन कर के पेमेंट कर सकता है।

    NPCI करेगी डिजिटल करेंसी का संचालन

    दुनियाभर के केंद्रीय बैंक बिटकॉइन, ईथर जैसी प्राइवेट क्रिप्टोकरेंसी के विकल्प के तौर पर डिजिटल करेंसी पर काम कर रहे हैं।  देश में e-RUPI की सुविधा नेशनल पेमेंट कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (NPCI) की ओर से दी गई है। NPCI ही ई-रुपये के पेमेंट के लिए QR Code भी जारी किया है।

    डिजिटल करेंसी के फायदे

    डिजिटल करेंसी के जरिए आम नागरिक और सरकार दोनों को ही काफी फायदे होंगे। आज के समय में सरकार को नोट छापने के लिए करोड़ों रुपये खर्च करने पड़ते हैं। वहीं, आए दिन लगातार इसकी मांग बढ़ती जा रही है, जिससे बजट पर और अधिक प्रभाव पड़ेगा, लेकिन अगर डिजिटल करेंसी शुरू हो जाती है तो इसके बाद नोट और सिक्कों की जरूरत नहीं पड़ेगी।

    आम नागरिकों की बात करें तो, डिजिटल करेंसी के जरिए दुकानदारों को काफी सुविधा मिलेगी। उन्हें अपने पैसों को बार -बार जमा करने के लिए बैंक नहीं जाना होगा। यह पेमेंट का सुरक्षित माध्यम है। किसी को भी अपने साथ कैश लेकर घूमने की जरूरत नहीं पड़ेगी।