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भारत में डेल्टा प्लस कोरोना वायरस के नए मामले सामने आए, म्यूटेशन के कारण ज्यादा संक्रामक होने की आशंका, टेस्टिंग बढ़ाने के निर्देश जारी

भारत में डेल्टा प्लस नामक संस्करण को पहली बार 11 जून को पब्लिक हेल्थ इंग्लैंड बुलेटिन में रिपोर्ट किया गया था। यह भारत में पहली बार खोजे गए डेल्टा वेरिएंट की एक उप-वंशावली है और इसने K417N नाम की स्पाइक प्रोटीन हासिल कर ली है।

By Amit KumarEdited By: Published: Wed, 23 Jun 2021 10:28 PM (IST)Updated: Wed, 23 Jun 2021 10:28 PM (IST)
भारत में डेल्टा प्लस कोरोना वायरस के नए मामले सामने आए, म्यूटेशन के कारण ज्यादा संक्रामक होने की आशंका, टेस्टिंग बढ़ाने के निर्देश जारी
केंद्र ने देश के राज्यों को कोरोना टेस्टिंग बढ़ाने की सलाह दी है।

नई दिल्ली, रॉयटर्स: भारत से डेल्टा प्लस कोरोना वायरस के संबंध में चौकाने वाले तथ्य सामने आ रहे हैं। बताया जा रहा है कि देश में नए कोरोना वायरस के लगभग 40 ऐसे मामले सामने आए हैं, जो कि बहुत ही ज्यादा संक्रामक हैं। केंद्र ने देश के राज्यों को कोरोना टेस्टिंग बढ़ाने की सलाह दी है।

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आखिर क्या है डेल्टा प्लस वैरिएंट?

भारत में "डेल्टा प्लस" नामक वैरिएंट को पहली बार 11 जून को पब्लिक हेल्थ इंग्लैंड बुलेटिन में रिपोर्ट किया गया था। यह भारत में पहली बार खोजे गए डेल्टा वेरिएंट की एक उप-वैरिएंट है और इसने K417N नाम की स्पाइक प्रोटीन हासिल कर ली है, जो कि दक्षिण अफ्रीका में पहली बार पहचाने गए बीटा वैरिएंट में भी पाया जाता है। वैज्ञानिकों को चिंता है कि म्यूटेशन के साथ डेल्टा वैरिएंट और ज्यादा संक्रामक बन सकता है।

भारत के स्वास्थ्य मंत्रालय के मुताबिक, "म्यूटेशन K417N रोचक इसलिए है, क्योंकि ये बीटा वैरिएंट (B.1.351) में मौजूद है। साथ ही सामने आया है कि, इसमें इम्यून इवेजन की प्रॉपर्टी भी है।

कब कहां कितने मामले आए सामने

16 जून तक, 11 देशों से कम से कम 197 मामले सामने आए थे। जिसमें, ब्रिटेन (36), कनाडा (1), भारत (8), जापान (15), नेपाल (3), पोलैंड (9), पुर्तगाल (22), रूस (1), स्विट्ज़रलैंड (18), तुर्की (1) और अमेरिका में कुल (83) मामले थे ।

भारत ने बुधवार को कहा कि महाराष्ट्र, केरल और मध्य प्रदेश में वैरिएंट के लगभग 40 मामले देखे गए हैं। जिसमें व्यापक तौर पर कोई उल्लेखनीय वृद्धि नहीं है। भारत में सबसे पहला मामला 5 अप्रैल को लिए गए सैंपल का है। वहीं, ब्रिटेन के मुताबिक, उनके पहले 5 मामले 26 अप्रैल को सामने आए थे। वो सभी उन व्यक्तियों के संपर्क थे, जिन्होंने नेपाल और तुर्की से यात्रा की थी या वहां से गुजरे थे।

आखिर क्या हैं चिंताएं?

इस म्यूटेशन के खिलाफ वैक्सीन के प्रभाव को लेकर भारत के साथ पूरे विश्व में अध्ययन चल रहा है। विश्व स्वास्थ्य संगठन ने रॉयटर्स को दिए एक बयान में कहा, डब्ल्यूएचओ इस संस्करण को डेल्टा संस्करण के हिस्से के रूप में ट्रैक कर रहा है, जैसा कि हम अतिरिक्त म्यूटेशन के अन्य रूपों के लिए कर रहे हैं। फिलहाल, यह वेरिएंट सामान्य नहीं लग रहा है, अभी हम डेल्टा सीक्वेंस के केवल एक छोटे से अंश का परीक्षण कर रहे हैं। डेल्टा और कोरोना वायरस के दूसरे वेरिएंट लोगों की जान के लिए जोखिम बने हुए हैं। क्योंकि इनसे संक्रमण बहुत तेजी से फैल रहा है।


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