Cyber Crime: डिजिटल युग में स्मार्ट हो रहे हैकर्स, खुद को अपडेट रखकर ठगों को ऐसे दें चकमा
Cyber Crime इस समय देश में साइबर क्राइम तेजी से फैल रहा है। हैकर्स चुटकियों में किसी का भी बैंक अकाउंट खाली कर दे रहे हैं। लोगों की छोटी-सी लापरवाही उन्हें पछताने पर मजबूर कर दे रही है। ऑनलाइन ठगी का शिकार होते ही उसकी शिकायत दर्ज करानी चाहिए।

नई दिल्ली, शालिनी कुमारी। Cyber Crime: डिजिटल भारत में हमें कुछ शॉपिंग करनी हो, कही बुकिंग करनी हो या किसी से पैसे का लेन-देन करना हो, तो परेशान होने की जरूरत नहीं पड़ती है, बल्कि फोन और लैपटॉप पर एक टैप से ही सब कुछ आसानी से घर बैठे हो जाता है। हालांकि, यह दिखने में जितना आसान लग रहा है, उतना ही खतरनाक भी साबित हो सकता है।
डिजिटल भारत के कॉन्सेप्ट के बाद से देश में ऑनलाइन ठग यानी साइबर क्राइम बहुत बढ़ गया है। ऑनलाइन जालसाजों को पता है कि किसी भी व्यक्ति को किस तरह से लुभा कर वो पैसे ऐंठ सकते हैं या किस तरह लोगों की निजी जानकारी हासिल करके उसका गलत फायदा उठा सकते हैं।
आज के समय में डिजिटल ठग अपने चरम पर पहुंचा हुआ है। आपकी एक जरा-सी चूक का फायदा उठाकर साइबर ठग आपको कंगाल कर सकते हैं। इन ठगों के पास कई अलग-अलग पैटर्न होते हैं, जिससे ये किसी को भी कंगाल कर सकते हैं। इस लेख में हम आपको साइबर क्राइम से जुड़े हर एक सवाल का जवाब देने की कोशिश करेंगे, जिससे आप अपने आपको बचा सकते हैं।
क्या होता है साइबर क्राइम? (What Is Cyber Crime)
साइबर क्राइम एक ऐसी क्रिमिनल एक्टिविटी है, जिसमें कंप्यूटर, मोबाइल फोन या किसी भी डिजिटल डिवाइस के जरिए आसानी से ठगी की जाती है। इस क्राइम के अंतर्गत हैकिंग, ऑनलाइन ठगी, प्राइवेसी लीक, साइबर बुलिंग एवं इसी प्रकार के अन्य अपराधों को अंजाम दिया जाता है। इस समय देशभर में सबसे ज्यादा ऑनलाइन ठगी की जा रही है, जिसमें लोगों से फ्रॉड करके ऑनलाइन पैसे लूटे जाते हैं। आपको बता दें, साइबर क्राइम से जुड़े मामलों को पुलिस और केंद्रीय एजेंसियां दोनों देखती हैं।
साइबर क्राइम कितने प्रकार के होते हैं? (Types Of Cyber Crime)
डिजिटल भारत में ठग भी स्मार्ट हो चुके हैं। सभी अलग-अलग तरीके से लोगों को ठगने की कोशिश करते हैं, कई बार लोगों के पैसे गायब कर दिए जाते हैं, तो कई बार उन्हें ब्लैकमेल करके उनसे पैसे वसूले जाते हैं।
हैकिंग
हैकिंग, साइबर क्राइम का सबसे आम तरीका बनता जा रहा है। इसमें कोई भी प्रोफेशनल ठग किसी व्यक्ति के निजी फोन, लैपटॉप, कंप्यूटर या किसी भी डिवाइस को उनकी अनुमति के बिना हैक कर लेते है। इसके जरिए इन ठगों के पास उस व्यक्ति की सभी जानकारी पहुंच जाती है। इसके बाद हैकर्स उस व्यक्ति से संपर्क करके उसे ब्लैकमेल करने लगते और मुद्दे को दबाने के लिए भारी रकम वसूलते हैं। वेबसाइट हैकिंग भी हैकिंग का एक प्रकार है, जिसमें हैकर्स दूसरे व्यक्ति की वेबसाइट पर अनधिकृत प्रवेश करके उसके महत्वपूर्ण डाटा की चोरी कर लेता है।
साइबर स्टॉकिंग
आज के समय में लोगों का अधिकतर समय अपना सोशल मीडिया इस्तेमाल करने में बितता है। इसी बीच साइबर ठगों को लोगों को परेशान करने का मौका मिल जाता है। साइबर अपराधी लोगों को साइबर स्टॉकिंग के माध्यम से बार-बार परेशान करते हैं और उन्हें धमकी भरे सन्देश, बार-बार फोन, अश्लील तस्वीरें भेजना और ऐसी ही कई तरह की गलत हरकतें करते हैं। ऐसा देखा गया है कि बच्चे और अधिक उम्र के लोग बहुत आसानी से इसके चंगुल में फंस जाते हैं।
ऑनलाइन ठगी करना
इस समय में ऑनलाइन ठगी हमारे देश में साइबर क्राइम के सबसे आम तरीकों में शुमार हो चुका है। इसके तहत अपराधियों द्वारा हैकिंग के माध्यम से यूजर की बैंकिंग से जुड़ी जानकारियां चुरा ली जाती है और इसके माध्यम से यूजर के बैंक अकाउंट से पूरी रकम साफ कर दी जाती है। इसमें अपराधी किसी व्यक्ति को कॉल करते हैं और उन्हें किसी न किसी चीज का लालच देते हैं। इसके बाद जब व्यक्ति उनके बातों में फंस जाते हैं, तो वो उन्हें ओटीपी या कंफर्मेशन कोड शेयर कर देते हैं। इन दो-चार नंबरों से व्यक्ति के सालों की कमाई उनके बैंक से उड़न छू हो जाते हैं।
पहचान का अनधिकृत इस्तेमाल
किसी व्यक्ति की पहचान का अनधिकृत उपयोग भी साइबर क्राइम की श्रेणी में आता है। आजकल कई ठग किसी भी व्यक्ति की फोटो और नाम से फर्जी बैंक अकाउंट बनाकर अन्य लोगों से चैट करते हैं और कई बार तो पैसों की ठगी तक करते हैं। इस प्रकार के साइबर क्राइम की शिकार अधिकतर महिलाओं को होते देखा गया है।
फिशिंग
अक्सर आपने देखा होगा कि आपके ईमेल पर स्पैम मैसेज आते हैं। इसमें कोई न कोई लिंक जुड़ा होता है, जिस पर क्लिक करते ही आपका डिवाइस हैक हो जाता है। हैरानी की बात तो यह है कि इसका आपको अंदाजा भी नहीं लगता है कि आपकी एक्टिविटी पर कोई नजर रख रहा है। अक्सर लोग अपनी निजी एवं बैंकिंग सम्बंधित जानकारियां भरने पर फिशिंग का शिकार हो सकते है। 
साइबर क्राइम से कैसे बचें? (How To Avoid Cyber Crime)
आज के समय में बिना इंटरनेट के फोन और लैपटॉप जैसे स्मार्ट डिवाइस भी डब्बा लगते हैं, लेकिन अगर इसके इस्तेमाल में सावधानी नहीं बरती गई तो, यहीं आपके लिए जिंदगी भर का पछतावा बन सकते हैं। इंटरनेट का उपयोग करते समय थोड़ी-सी सावधानी बरत कर आप अपने साथ होने वाले क्राइम को रोक सकते हैं।
एक सुरक्षित इंटरनेट सेवा का ही उपयोग करें
हमें अक्सर कहीं भी अगर फ्री वाईफाई सेवा मिलती है, तो हम तुरंत उसे इस्तेमाल करने लगते हैं, लेकिन आपको बता दें कि ये फ्री इंटरनेट आपके लिए बहुत ही हानिकारक साबित हो सकता है। दरअसल, कुछ हैकर्स आपकी निजी जानकारी चुराने के लिए लोगों को फ्री वाईफाई का लालच देते हैं और जैसे ही कोई अपने डिवाइस को उस वाईफाई से कनेक्ट करता है, तो डिवाइस की सारी जानकारी हैकर्स के पास चली जाती है।
सभी अकाउंट का रखें स्ट्रांग पासवर्ड
हमें हमेशा अपने सभी सोशल मीडिया अकाउंट्स का पासवर्ड स्ट्रांग रखना चाहिए। ऐसा बिल्कुल नहीं होना चाहिए कि लापरवाही के कारण हम एक ही पासवर्ड लंबे समय तक लगा कर रखें या कोई एक ही पासवर्ड अपने सभी सोशल मीडिया अकाउंट पर लगाकर रखे। ऐसा करने से आप अपने लिए खुद मुसीबत को बुलावा दे सकते हैं। सभी को अपना पासवर्ड नियमित रूप से बदलते रहना चाहिए, ताकि कोई भी उसे क्रैक ना कर सके।
सभी सॉफ्टवेयर को अपडेट रखें
साइबर क्राइम से बचने का सबसे अच्छा तरीका होता है कि आप अपने सभी ऑपरेटिंग सिस्टम और इंटरनेट के सॉफ्टवेयर को पूरी तरह से अपडेट कर के रखें। अगर आपका सॉफ्टवेयर अपडेट रहेगा, तो कोई भी हैकर आपका पर्सनल डाटा नहीं चुरा पाएगा।
अपनी वेबसाइट पर रखें कड़ी नजर
अगर आप कोई व्यापारी हैं या किसी कंपनी में वेबसाइट को लीड कर रहे हैं, तो आपको अपनी वेबसाइट पर कड़ी नजर रखनी होगी। यदि कभी भी आपको थोड़ी भी गड़बड़ी नजर आती है, तो तुरंत ही अपने वेबसाइट का पासवर्ड बदल दें, चंद मिनटों की देरी भी आपका भारी नुकसान कर सकती है।
अनजाने लिंक पर क्लिक न करें
अक्सर साइबर ठग, लोगों को ईमेल या मैसेज के जरिए स्पैम लिंक भेजते हैं। जैसे ही कोई व्यक्ति इस लिंक पर क्लिक करता है, तो उसके डिवाइस की सारी जानकारी हैकर के पास पहुंच जाती है। ऐसे में बहुत जरूरी है कि आप अपने आपको अपडेट करें कि आपको किस लिंक पर क्लिक करना है और किस पर नहीं करना। 
अगर ठगी का शिकार हों तो क्या करें? (Where To Complain About Cyber Crime)
अगर आप किसी भी तरह के साइबर क्राइम का शिकार होते हैं तो, तुरंत इसकी शिकायत कर सकते हैं। दरअसल, सरकार की ओर से इसके लिए एक अलग पोर्टल बनाया गया है, जिस पर आप ऑनलाइन शिकायत कर सकते हैं। आपको www.cybercrime.gov.in लिंक पर जाकर अपनी शिकायत रजिस्टर करानी होती है। इसके बाद खुद आपको साइबर सेल की ओर से मेल या कॉल किया जाता है।
अगर आपको ऑनलाइन तरीके से समझ न आ रहा हो तो, पुलिस स्टेशन में जाकर आप साइबर सेल में भी अपने साथ हुए धोखाधड़ी के बारे में जानकारी दे सकते हैं। साइबर अपराधों से जुड़े मामलों की शिकायत के लिए 155260 हेल्पलाइन नंबर भी जारी किया गया है। अगर आपके साथ बैंक अकाउंट से जुड़ा कोई फ्रॉड हुआ है, तो आप सबसे पहले बैंक से संपर्क करके अपना अकाउंट फ्रीज कराएं और फिर इन साधनों के जरिए शिकायत दर्ज करा सकते हैं।
इस तरह दर्ज करें शिकायत
जब आप साइबर क्राइम पोर्टल पर जाएंगे तो आपको वहां पर मांगी गई कुछ जानकारी देकर अपना अकाउंट बनाना होगा। अकाउंट बनाते समय अपनी सही और पूरी जानकारी दें। इसके बाद अगर आपके साथ बैंक फ्रॉड हुआ है तो, इसकी पूरी जानकारी दर्ज करें और अगर आपके पास स्क्रीनशॉट हो तो, वो भी जमा करें। प्रक्रिया पूरी होने के बाद आपको एक यूजर आईडी मिलेगी, जिसे संभालकर रखें। अंत में साइबर क्राइम सेल के अधिकारी खुद आपसे और बैंक से संपर्क करेगा। अगर आप समय से इसकी शिकायत कर देते हैं, तो आपके पैसे रिकवर होने की थोड़ी बहुत उम्मीद रहती है।.jpeg)
साइबर क्राइम को लेकर कानूनी जानकारी
साइबर क्राइम से जुड़े ज्यादातर मामले IT एक्ट 2000 के तहत दर्ज किए जाते हैं। इसमें अपराधी के द्वारा किए गए क्राइम की श्रेणी तय की जाती है और उसके अनुसार आरोपी के खिलाफ एक्शन लिया जाता है। कई मामलों में अपराधियों के खिलाफ धारा 43, 65, 66 और 67 के तहत केस चलते हैं। वहीं, IPC की धारा 420, 120बी और 406 के तहत भी अपराधियों पर मामला दर्ज किया जाता है।

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