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Chandra Grahan 2020 : इस बार 4 घंटे 5 मिनट तक रहेगा चंद्रगहण, जानिए- इसके मायने

इस साल का पहला चंद्रग्रहण कल यानि 10 जनवरी को पड़ने जा रहा है। अगर आप टेलिस्‍कोप की सहायता से देखेंगे तो आपको एक अद्भुत नजारा देखने को मिलेगा।

By Tilak RajEdited By: Published: Thu, 09 Jan 2020 12:06 PM (IST)Updated: Fri, 10 Jan 2020 01:57 AM (IST)
Chandra Grahan 2020 : इस बार 4 घंटे 5 मिनट तक रहेगा चंद्रगहण, जानिए- इसके मायने
Chandra Grahan 2020 : इस बार 4 घंटे 5 मिनट तक रहेगा चंद्रगहण, जानिए- इसके मायने

नई दिल्‍ली, जेएनएन। Chandra Grahan 2020 : चन्‍द्र ग्रहण यानि चंद्रमा, पृथ्‍वी और सूर्य का लाइन में आ जाना। इस स्थिति में पृथ्‍वी के कारण सूर्य की रोशनी चंद्रमा पर नहीं पड़ पाती है। ऐसी स्थिति में पृथ्‍वी की पूर्ण या आंशिक छाया चंद्रमा पर पड़ती है। धार्मिक परंपराओं के अनुसार चंद्रग्रहण और सूर्यग्रहण को शुभ नहीं माना जाता हैं, लेकिन वैज्ञानिकों के मुताबिक यह पूरी तरह से सामान्य घटना है। इस साल का पहला चंद्रग्रहण कल यानि 10 जनवरी को पड़ने जा रहा है। यह एक उपच्‍छाया चंद्रग्रहण है, रात 10 बजकर 37 मिनट पर शुरू होगा और 11 जनवरी को सुबह 2 बजकर 42 मिनट तक चलेगा।

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वैज्ञानिकों के लिए खगोलीय घटना, शास्‍त्रों में अशुभ घटना

एक खगोलीय घटना होने के कारण वैज्ञानिकों के लिए ग्रहण विशेष महत्‍व रखता है। वैज्ञानिक इस दौरान कई गणनाएं करते हैं। चंद्रग्रहण को नंगी आंखों से भी देखा जा सकता है। इसमें कोई परेशानी नहीं है। हालांकि, धार्मिक मान्‍यता के अनुसार चंद्रग्रहण को नंगी आंखों से देखना शुभ नहीं माना जाता है। गर्भवती महिलाओं को तो ग्रहण के दौरान विशेष सावधानी बरतने की सलाह दी जाती है। शास्‍त्रों के अनुसार चंद्रग्रहण के दौरान सोना नहीं चाहिए। भोजन करना, पूजा करना, कंघी करना, ब्रश करना, स्‍नान करना और घर से बाहर जाने से भी मना किया जाता है।

उपच्छाया चंद्र ग्रहण

10 जनवरी को उपच्छाया चंद्रग्रहण लग रहा है। ऐसा चंद्रग्रहण उस समय लगता है, जब सूर्य और चंद्रमा के बीच पृथ्‍वी आ जाती है। हालांकि, इस स्थिति में सूर्य, चंद्रमा और पृथ्‍वी तीनों एक सीधी लाइन में नहीं होते। इस दौरान चंद्रमा की छोटी-सी सतह पर अंब्र(पृथ्वी के बीच के हिस्से से पड़ने वाली छाया) नहीं पड़ती। चंद्रमा के बाकी हिस्‍से में पृथ्‍वी के बाहरी हिस्‍से की छाया पड़ती है, जिसे पिनम्‍ब्र या उपच्छाया कहा जाता है। हिंदू शास्‍त्रों के अनुसार, उपच्‍छाया चंद्र ग्रहण में सूतक मान्‍य नहीं होता है। इस चंद्रग्रहण को यूरोप, ऑस्‍ट्रेलिया, अफ्रीका और एशिया में रहने वाले लोग देख सकेंगे। इसलिए भारत में चंद्रग्रहण को देखा जा सकेगा।

नंगी आंखों से भी देख सकते हैं चंद्रग्रहण

सूर्य ग्रहण को नंगी आंखों से देखने के लिए मना किया जाता है, लेकिन चंद्रग्रहण के साथ ऐसा बिल्‍कुल नहीं है। अगर आप इस खूबसूरत खगोलीय घटना का लुत्‍फ उठाना चाहते हैं, तो आप नंगी आंखों से भी चंद्रग्रहण को निहार सकते हैं। इससे आपकी आंखों पर कोई बुरा प्रभाव नहीं पड़ेगा। हां, अगर आप चंद्रग्रहण को टेलिस्‍कोप की सहायता से देखेंगे, तो आपको एक अद्भुत नजारा देखने को मिलेगा, जिसे आप शायद ही कभी भुला पाएं। अगर आप चंद्रग्रहण देखना चाहते हैं, तो बस आपको अब कुछ ही घंटों को इंतजार करना है। वैसे बता दें कि 10 जनवरी के बाद इस साल ही 5 जून, 5 जुलाई और फिर 30 नंवबर को भी चंद्रग्रहण पड़ने वाला है।


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