Aata Sata Pratha: शादी नहीं सौदा है आटा-साटा, राजस्थान में कुप्रथा की वजह से 'बेड़ियों' में बेटियां
राजस्थान में आज भी आटा-साटा कुप्रथा का चलन देखने को मिलता है। आज भी कई लड़कियां और लड़के इस कुप्रथा के कारण आत्महत्या तक कर लेते हैं। इस खबर के माध्यम से जानिए कि आखिर क्या होती है आटा-साटा की कुप्रथा।

नई दिल्ली, वर्षा सिंह। आटा-साटा प्रथा (what is Aata Sata Pratha) एक ऐसी प्रथा है जो सदियों से राजस्थान के कुछ इलाकों में होती आ रही है। राजस्थान में फैली इस प्रथा को अगर हम आसान भाषा में समझे तो शादी के लिए लड़की के बदले लड़की देना ही आटा-साटा प्रथा (Aata Sata Pratha) है।
इस कुप्रथा के कारण राजस्थान (Aata Sata Pratha in rajasthan) में कई युवक और युवती आत्महत्या कर लेते हैं। वहीं, दूसरी तरफ कई महिलाएं इस कुप्रथा में फंसकर अपनी पूरी जिंदगी ऐसे ही बिताने के लिए मजबूर हो जाती हैं।

वहीं, इस कुप्रथा को रोकने के लिए गहलोत सरकार भी ये कह चुकी है कि वो जल्द ही कानून लेकर आएगी। इस खबर में समझिए कि क्या होती है आटा-साटा प्रथा, जिसके कारण लोग आत्महत्या तक कर लेते हैं।
क्या होती है आटा-साटा कुप्रथा?
लड़की की अदला बदली करना... इसे ही आटा-साटा कुप्रथा (aata sata pratha kya hai) कहा जाता है। जैसे मान लीजिए आटा-साटा कुप्रथा के चलते किसी लड़के की शादी किसी लड़की के साथ तय होती है तो लड़की की ओर से किसी लड़के की शादी होने वाले पति की बहन से कर दी जाती है। इसे ही अदला बदली या आटा-साटा कहा जाता है।
इस कुप्रथा के कारण लड़के और लड़कियों दोनों का ही जीवन खराब होता है। वहीं अगर लड़की की बात करें तो लड़कियों को अपनी पसंद और नापसंद देखने का कोई अवसर नहीं दिया जाता है। कई मामलों में तो ये अदला बदली बचपन में ही कर दी जाती है।
जब लड़कियां बड़ी होती हैं और उन्हें इस बारे में बताया जाता है तो वो सदमे में होती हैं। कई लड़कियां इसी कारण आत्महत्या करने को मजबूर हो जाती हैं। वहीं, कई लड़कियां इसे ही अपनी तकदीर समझ आगे बढ़ने का फैसला करती हैं।
रिश्तेदारों से भी हो जाती है शादी
आटा-साटा कुप्रथा (deaths due to aata sata) में बाल विवाह भी करा दिया जाता है। बच्चों के माता-पिता उनकी उम्र को भी दरकिनार कर देते हैं। इस कुप्रथा में दो परिवारों के बीच लड़की का लेन-देन होता है।
वहीं, कई मामलों में ये भी देखने को मिला जहां एक लड़की के बदले कई रिश्तेदारों की भी शादियां करवा दी जाती हैं। वहीं, कई मामलों में ये तक भी देखने को मिलता है कि एक कम उम्र की लड़की की शादी उसकी उम्र से दोगुने उम्र वाले लड़के के साथ कर दी जाती है।
देर से करते हैं बेटी की शादी
आटा-साटा कुप्रथा में घर के लोग अपने बेटे की शादी कराने के लिए अपनी लड़की की शादी देर से करते हैं। उदाहरण के तौर पर... एक घर में दो भाई बहन हैं। बड़ी बहन और छोटे भाई की उम्र में 7-8 साल का अंतर है।
तो ऐसे में कई परिवार वाले अपनी बेटी की भी शादी तब तक नहीं करते हैं जब तक उनका बेटा भी शादी के लायक ना हो जाए। जब लड़का भी शादी के लायक हो जाता है तो माता-पिता दोनों बच्चों की शादी आटा-साटा से करवा देते हैं। कई मामले तो ऐसे भी सामने आए हैं जिसमें बेटी की शादी उसकी उम्र से बड़े व्यक्ति से कर दी जाती है।
आटा-साटा कुप्रथा के कारण कई लोगों ने की आत्महत्या

राजस्थान में भी अब साक्षरता दर बढ़ रही है। युवक-युवती पढ़ाई कर अपने करियर पर ध्यान दे रहे हैं। राजस्थान के ज्यादातर गांव इस कुप्रथा की चपेट में हैं। इस कुप्रथा से सबसे ज्यादा लड़कियां परेशान हैं। वहीं, दूसरी तरफ शिक्षित युवक और युवतियां इस कुप्रथा का हिस्सा नहीं बनना चाहती हैं। जिसके कारण ही गांवों में आत्महत्या के मामलों में बढ़ोतरी हो रही है।
आटा-साटा कुप्रथा के कारण राजस्थान के कई युवा आत्महत्या करने को मजबूर हो जाते हैं। ऐसे कई मामले पिछले सालों में और हर दिन सामने आते हैं।
महिला को मंगेतर के साथ पड़ा था भागना
राजस्थान के चूरू जिले के मुंदीताल गांव में एक आटा-साटा कुप्रथा के कारण एक महिला को अपने ही मंगेतर से शादी करने के लिए घर से भागना पड़ा। महिला के भाई ने अपनी बहन और उसके पति को जान से मारने की धमकी दी। जिसके बाद पीड़ित महिला और उसका पति सुरक्षा की गुहार लगाने के लिए एसपी के दफ्तर पहुंचे।
नागौर की बेटी ने की थी आत्महत्या
नागौर से भी एक युवती की आत्यहत्या का मामला सामने आया था। 21 साल की सुमन चौधरी ने सुसाइड नोट लिखकर आत्महत्या कर ली थी। सुसाइड नोट में युवती ने आटा-साटा कुप्रथा को वजह बताया था।



सुसाइड नोट में सुमन ने लिखा था कि
मेरा नाम सुमन चौधरी है। मुझे पता है सुसाइड करना गलत है, पर मैं सुसाइड करना चाहती हूं। मेरे मरने की वजह मेरा परिवार नहीं, पूरा समाज है। जिसने आटा-साटा नाम की कुप्रथा चला रखी है। इसके कारण लड़कियों को जीते जी मौत मिलती है। इसमें लड़कियों को समाज के समझदार परिवार अपने लड़कों के बदले बेच देते हैं।
आप समाज के लोगों की नजरों में तलाक लेना गलत है, परिवार के खिलाफ शादी करना गलत है, तो फिर यह आटा-साटा भी गलत है। आज इस प्रथा के कारण हजारों लड़कियों की जिंदगी और परिवार पूरी तरह से बर्बाद हो गए हैं। इस प्रथा के कारण पढ़ी-लिखी लड़कियों की जिंदगी खराब हो जाती है। इसी प्रथा के कारण 17 साल की लड़की की शादी 70 साल के बुजुर्ग से कर दी जाती है। केवल अपने स्वार्थ के कारण।
मैं चाहती हूं कि मेरी मौत के बाद मेरी बातें बनाने की जगह, मेरे परिवार वालों पर उंगली उठाने की जगह, इस प्रथा के खिलाफ आवाज उठाएं। इस प्रथा को बंद करने के लिए शुरुआत भाइयों को करनी होगी। मेरे हर एक भाई को अपनी बहन और राखी की सौगंध, अपनी बहन की जिंदगी खराब करके अपना घर न बसाएं।
आज इस प्रथा के कारण समाज की सोच कितनी खराब हो गई है कि लड़की के पैदा होते ही तय कर लिया जाता हैं कि इसके बदले किसकी शादी करानी है।
मैं चाहती हूं कि इस कुप्रथा की जानकारी स्कूल और कॉलेजों की पुस्तकों में दी जाए, ताकि हजारों लड़कियों की जिंदगी बर्बाद होने से बच जाए। आप समाज के लोगों से मेरी विनती है कि इस प्रथा को बंद कर दें।
सुमन ने अपने सुसाइट नोट में यह भी लिखा था कि मेरी चिता को अग्नि मेरा छोटा भाई दे और कोई नहीं, मेरा पति भी नहीं।

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