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जानें- क्‍यों मनाया जाता है विजय दिवस और क्‍या है इसके पीछे की कहानी जिसे कभी नहीं भूलेगा पाकिस्‍तान

16 दिसंबर 1971 की दोपहर को पाकिस्तान की सेना ने भारतीय सेना के सामने घुटने टेक दिए थे। इस दौरान भारत की प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने एक नए देश बांग्लादेश का निर्माण किया था और वह पूर्वी पाकिस्तान से आजाद हो गया।

By Geetika SharmaEdited By: Published: Thu, 16 Dec 2021 11:39 AM (IST)Updated: Thu, 16 Dec 2021 11:42 AM (IST)
जानें- क्‍यों मनाया जाता है विजय दिवस और क्‍या है इसके पीछे की कहानी जिसे कभी नहीं भूलेगा पाकिस्‍तान
भारत पाकिस्तान की लड़ाई से कैसे जन्मा बंगलादेश

 नई दिल्ली, डेस्क। 16 दिंसबर का दिन भारत में विजय दिवस कहलाया और मनाया जाता है। आज ही के दिन यानि 16 दिसंबर 1971 की दोपहर को पाकिस्तान की सेना ने भारतीय सेना के सामने घुटने टेक दिए थे। इस दौरान एक नए देश बांग्लादेश का निर्माण हुआ। आज हम आपको बताएगें कि आखिर क्यों और कैसा हुआ था भारत व पाकिस्तान के बीच 1971 का युद्ध।

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पूर्वी और पश्चिमी पाकिस्तान में तनाव

साल 1970 खत्म होने की कगार पर था और इस दौरान पाकिस्तान में आम चुनाव की शुरुआत हुई। इस चुनाव में पूर्वी पाकिस्तान आवामी लीग के नेता शेख मुजीबुर रहमान ने अपनी लोकप्रियता साबित करते हुए जीत हासिल की और अपनी सरकार बनाने का दावा किया, लेकिन पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी के नेता जुल्फिकार अली भुट्टो इससे सहमत नहीं थे। क्योंकि पश्चिमी पाकिस्तान पर शासन कर रहे लोगों को पूर्वी पाकिस्तान की दखल मंजूर नहीं थी। इसके बाद पूर्वी और पश्चिमी पाकिस्तान के बीच तनाव शुरू हो गया था।

पूर्वी पाकिस्तान में सेना ने किए अत्याचार

पाकिस्तान आवामी लीग ने पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी का विरोध करना भी शुरू कर दिया था। हालात इतने बिगड़ गए कि पाकिस्तान आवामी लीग के नेता शेख मुजीबुर रहमान को गिरफ्तार कर लिया गया। इससे पू्र्वी पाकिस्तान के लोगों की नाराजगी बढ़ गई और उन्होंने पश्चिमी पाकिस्तान की सत्ता के खिलाफ आंदोलन करना शुरू कर दिया। इस विरोध को रोकने के लिए पूर्वी पाकिस्तान में सेना भेज दी गई। पूर्वी पाकिस्तान में सेना का अत्याचार लगातार लोगों पर बढ़ता जा रहा था और हालात बद से बदतर होते गए। इस दौरान सेना द्वारा लोगों की हत्याएं भी की गईं और अत्याचार से पीड़ित लोगों ने पूर्वी पाकिस्तान से भागना शुरू कर दिया।

कैसे हुई युद्ध की शुरुआत

इस दौरान कुछ लोग पूर्वी पाकिस्तान से भारत भी आने लगे। भारत में पाकिस्तान से भागकर आने वाले लोगों की संख्या बढ़ती जा रही थी। पूर्वी पाकिस्तान की सीमा से लगे भारतीय राज्यों में बड़ी संख्या में लोग पहुंचने लगे। जानकारी के अनुसार करीब 10 लाख लोगों ने उस वक्त भारत में शरण ली थी। उस वक्त भारत की प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी थीं। इसी बीच नवंबर के आखिरी हफ्ते में पाकिस्तान ने भारतीय हवाई सीमा में घुसना शुरू कर दिया था। साथ ही पाकिस्तान ने भारत पर हमले की धमकियां देना शुरू कर दिया।

पाकिस्तान ने भारत पर किया पहला हमला

3 दिसंबर 1971 को पाकिस्तान ने भारत के कई शहरों पर हमला कर दिया। इस वक्त तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने आधी रात को देश को संबोधित करते हुए पाकिस्तान की ओर से किए गए हमले की जानकारी दी और साथ ही युद्ध की घोषणा भी की। दोनों देशों के बीच युद्ध शुरू हो गया। भारतीय वायुसेना ने पश्चिमी पाकिस्तान के अहम हिस्सों पर बमबारी की। 4 दिसंबर को भारतीय नौसेना ने बंगाल की खाड़ी में पाकिस्तानी नौसेना से भी मुकाबला किया। अगले दिन यानि 5 दिसंबर 1971 को भारतीय नौसेना ने कराची बंदरगाह पर बमबारी करके पाकिस्तानी नौसेना के मुख्यालय को खत्म कर दिया। कहा जाता है कि 1971 के युद्ध में करीब 3 हजार 900 भारतीय सैनिक शहीद हुए थे।

अलग देश बना बांग्लादेश

इस दौरान तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने पूर्वी पाकिस्तान को अलग से एक नया राष्ट्र बनाने का एलान किया, जिससे बांग्लादेश का निर्माण हुआ। इस तरह 16 दिंसबर को बांगलादेश का जन्म हुआ और वह पूर्वी पाकिस्तान से आजाद हो गया। भारत ने पाकिस्तान पर जीत हासिल की थी। पाकिस्तानी सेना ने भारतीय सेना के सामने हार कबूल की थी।


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