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    बंगाल के खेल मंत्री अरूप बिस्वास का इस्तीफा, मेसी के कार्यक्रम में बवाल के बाद छोड़ा पद

    Updated: Tue, 16 Dec 2025 03:12 PM (IST)

    West Bengal Sports Minister Resigned: पश्चिम बंगाल के खेल मंत्री अरूप बिस्वास ने मेसी प्रकरण को लेकर बढ़ते विवाद के बीच अपने पद से इस्तीफा दे दिया है। ...और पढ़ें

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    पश्चिम बंगाल के खेल मंत्री अरूप बिस्वास ने दिया इस्तीफा। फाइल फोटो

    डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। पश्चिम बंगाल में मेसी प्रकरण को लेकर सियासी सरगर्मी बढ़ गई है। राज्य के खेल मंत्री अरूप बिस्वास ने खेल मंत्री के पद से इस्तीफा दे दिया है। बंगाल के खेल मंत्री अरूप बिस्वास ने निष्पक्ष जांच के लिए मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को पत्र लिखकर इस्तीफा दे दिया है।

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    तृणमूल प्रवक्ता कुणाल घोष का दावा है कि उनका इस्तीफा स्वीकार कर लिया गया है। युवा भारती स्कैंडल को लेकर चल रहे विवाद के बीच अरूप बिस्वास से खेल विभाग छोड़ने को कहा गया था।

    डीसी को किया गया सस्पेंड

    मेसी प्रकरण में राज्य के पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) राजीव कुमार और विधाननगर पुलिस आयुक्त (सीपी) मुकेश कुमार को मुख्य सचिव ने कारण बताओ नोटिस जारी किया है। वहीं बिधाननगर के पुलिस उपायुक्त (डीसी) को निलंबित कर दिया गया है।

    24 घंटे में मांगा जवाब

    डीजीपी राजीव कुमार और सीपी, बिधाननगर मुकेश कुमार को शो-काज नोटिस जारी कर उन्हें 24 घंटे के भीतर स्पष्टीकरण देने को कहा गया है कि उस दिन स्टेडियम में कुप्रबंधन और चूक क्यों हुई तथा कार्यक्रम के सुचारू संचालन को सुनिश्चित करने के लिए हितधारकों, जिसमें निजी आयोजक भी शामिल थे, के साथ उचित समन्वय क्यों नहीं किया गया।

    डीसीपी अनीश सरकार के खिलाफ इवेंट के दिन अपनी ड्यूटी और जिम्मेदारियों में कथित लापरवाही के लिए विभागीय कार्यवाही शुरू की गई है। उन्हें जांच पूरी होने तक तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया है।

    इस के साथ ही युवा मामले और खेल विभाग के प्रधान सचिव राजेश कुमार सिन्हा से भी इवेंट के दिन हुई कुप्रबंधन और चूक पर स्पष्टीकरण मांगा गया है। 

    जांच के लिए बनाई गई टीम

    मामले की गहन जांच के लिए एक विशेष जांच दल (सीट) का गठन किया गया है। इस टीम में IPS पीयूष पाण्डेय, IPS जावेद शमीम, IPS मुरलीधार और IPS सुप्रतिम सरकार शामिल हैं।

    प्रशासनिक कार्रवाई से स्पष्ट है कि राज्य सरकार इस घटना को अत्यंत गंभीरता से ले रही है और भविष्य में इस तरह की चूक से बचने के लिए उच्चाधिकारियों की जवाबदेही तय कर रही है।