बंगाल में SIR के तहत कट सकते हैं 35 लाख लोगों के नाम, आयोग 16 दिसंबर को मसौदा सूची प्रकाशित करेगा
पश्चिम बंगाल में राज्य पहचान रजिस्टर (SIR) के तहत लगभग 35 लाख लोगों के नाम काटे जा सकते हैं। आयोग 16 दिसंबर को मसौदा सूची प्रकाशित करेगा। इस सूची का उद्देश्य राज्य में अवैध रूप से रहने वाले निवासियों की पहचान करना है। जिन लोगों के नाम सूची में नहीं होंगे, उन्हें आपत्तियां दर्ज कराने का अवसर मिलेगा।

बंगाल में एसआइआर।
राज्य ब्यूरो, कोलकाता। राज्य में मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआइआर) के तहत मसौदा सूची में नाम कटने वाले मतदाताओं की संख्या बढ़ती जा रही है। चुनाव आयोग का कहना है कि अब तक एसआइआर में 35 लाख 23 हजार 800 मतदाताओं के नाम कटने का हिसाब मिला है।
आयोग सूत्रों के अनुसार, फिलहाल यह गणना बूथ स्तरीय अधिकारी (बीएलओ) से मिली जानकारी के आधार पर की गई है। उन्हें यह जानकारी घर-घर जाकर फॉर्म बांटते समय मिली। अंतिम सूची सभी गणना फार्म जमा होने के बाद उपलब्ध होगी। ऐसे में यह तय है कि सूची से बाहर किए गए मतदाताओं की संख्या और भी ज्यादा हो सकती है। आयोग 16 दिसंबर को मसौदा सूची प्रकाशित करेगा।
राज्य के मुख्य निर्वाचन अधिकारी (सीईओ) मनोज अग्रवाल ने कहा कि मसौदा मतदाता सूची में एक भी अवैध मतदाता का नाम नहीं होगा। वैध मतदाताओं के नाम नहीं छूटेंगे। आयोग को मिली जानकारी के अनुसार, जिन मतदाताओं के नाम सूची से हटाए गए हैं, उनमें से 18 लाख 70 हजार की मृत्यु हो चुकी है। तीन लाख 80 हजार मतदाताओं का पता नहीं चल सका है। जिनके नाम सूची से हटाए गए हैं, उनमें से 11 लाख 82 हजार स्थानांतरित हो चुके हैं।
बीएलओ पते में बदलाव के कारण कई घरों में बार-बार जाने के बावजूद उनका पता नहीं लगा पाए हैं। जिन लोगों के नाम सूची से हटाए गए हैं, उनमें से 77 हजार 560 फर्जी हैं।
आरोप है कि उनके नाम कई जगहों पर मतदाता सूची में हैं। उन फर्जी मतदाताओं की पहचान की जाएगी और उनके नाम सूची से हटा दिए जाएगे। राज्य में अब तक 88.50 प्रतिशत मतदाताओं की जानकारी का डिजिटलीकरण हो चुका है। आयोग के अनुसार, राज्य में कुल मतदाताओं की संख्या 7 करोड़ 66 लाख 37 हजार 529 है।

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