कोकीन कांड में भाजपा नेता राकेश सिंह किए गए गिरफ्तार, पामेला गोस्वामी ने लगाए थे आरोप
कोलकाता पुलिस ने भाजपा नेता राकेश सिंह को पूर्वी बर्दवान जिले के गलसी से मंगलवार को गिरफ्तार कर लिया है। इससे पहले उनके घर पर तीन घंटे तक तक हाई-वोल्टेज ड्रामा चला. उनके दो बेटों को पुलिस ने सरकारी काम में बाधा देने के मामले में हिरासत में ले लिया।
कोलकाता, राज्य ब्यूरो। कोलकाता पुलिस ने भाजपा नेता राकेश सिंह को पूर्वी बर्दवान जिले के गलसी से मंगलवार को गिरफ्तार कर लिया है। इससे पहले दोपहर बाद उनके घर पर तीन घंटे तक तक हाई-वोल्टेज ड्रामा चला. उनके दो बेटों को पुलिस ने सरकारी काम में बाधा देने के मामले में हिरासत में ले लिया। उसके बाद राकेश सिंह को गिरफ्तार किया गया। भाजपा की युवा इकाई की कार्यकर्ता पामेला गोस्वामी ने मादक द्रव्य मामले में अपनी ही पार्टी के नेता राकेश सिंह का नाम लिया है। माना जा रहा है कि मंगलवार को सीबीआइ की टीम पूछताछ के लिए मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के सांसद भतीजे अभिषेक बनर्जी के घर पहुंचकर उनकी पत्नी से पूछताछ करने की जवाबी कार्रवाई मानी जा रही है।
भाजपा की युवा इकाई की कार्यकर्ता पामेला गोस्वामी ने राकेश पर लगाए हैं आरोप
पुलिस अधिकारियों ने कहा कि सिंह के बेटे साहेब ने दक्षिण-पश्चिम कोलकाता के वाटगंज पुलिस थाना क्षेत्र स्थित अपने घर में घुसने के लिए पुलिसकर्मियों से कानूनी दस्तावेज की मांग की थी , जिस पर दोनों तरफ से बहस हुई। पुलिस का कहना है कि उन्होंने परिवार को सभी दस्तावेज दिखाए और कहा कि वे कानून के मुताबिक काम कर रहे थे। सिंह से मामले के संबंध में कोलकाता पुलिस के मुख्यालय लालबाजार में आज पेश होने को कहा गया था, लेकिन उन्होंने कहा कि वह किसी काम से दिल्ली जा रहे हैं और 26 फरवरी को शहर में लौटने के बाद पुलिस के समक्ष पेश होंगे। बाद में राकेश सिंह को पूर्वी बर्दवान से गिरफ्तार कर लिया। बता दें कि पामेला गोस्वामी और उनके दोस्त प्रबीर कुमार दे को शुक्रवार को पुलिस ने गिरफ्तार किया था। गोस्वामी के बैग और कार में कथित तौर पर छिपाकर रखी गई कोकीन मिली थी। गोस्वामी ने इस मामले में राकेश सिंह का नाम लेते हुए उन पर साजिश रचने का आरोप लगाया था। सिंह ने आरोपों से इन्कार किया है।
सिंह को हाईकोर्ट से नहीं मिली राहत
दूसरी ओर कोलकाता पुलिस के समन पर रोक लगाने के लिए राकेश सिंह की ओर से कलकत्ता हाई कोर्ट में अपील की गई थी, जिसे कोर्ट ने यह कहते हुए खारिज कर दिया कि यह बहुत ही शुरुआती मामला है। ऐसे नोटिसों पर रोक लगाने की इसी समय कोई जरूरत नहीं है।