बंगाल में SIR का फॉर्म नहीं मिलने पर मां-बेटी खाया जहर, निर्वासित होने के डर से आत्महत्या की कोशिश
पश्चिम बंगाल में एक दुखद घटना में, एक मां और बेटी ने एसआईआर फॉर्म न मिलने के कारण जहर खा लिया। निर्वासन के डर से उन्होंने यह कदम उठाया। गंभीर हालत में उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया है, जहाँ डॉक्टर उनकी जान बचाने की कोशिश कर रहे हैं। यह घटना एसआईआर फॉर्म और निर्वासन से जुड़े मुद्दों को उजागर करती है।

मां-बेटी ने खाया जहर। (प्रतीकात्मक)
राज्य ब्यूरो, जागरण, कोलकाता : बंगाल के हुगली जिले में 27-वर्षीय एक महिला ने विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआइआर) से संबंधित गणना प्रपत्र नहीं मिलने के बाद भय के कारण अपनी नाबालिग बेटी के साथ कथित तौर पर आत्महत्या का प्रयास किया। यह दावा उसके परिवार ने रविवार को किया।
यह कथित घटना शनिवार को जिले के धनियाखाली स्थित महिला के घर पर घटी। पुलिस ने बताया कि महिला और उसकी बेटी फिलहाल एसएसकेएम अस्पताल के आइसीयू में गंभीर हालत में हैं। पुलिस ने बताया कि घटना की जांच की जा रही है।
निर्वासित होने के डर से खाया बेटी ने खाया जहर- पिता
महिला के पिता के अनुसार, वह बहुत परेशान थी, क्योंकि उसे एसआइआर प्रपत्र नहीं मिला था, जबकि परिवार के अन्य सदस्यों को (प्रपत्र) मिल गया था। उन्होंने कोलकाता में अपनी बेटी से मिलने के बाद कहा कि वह डरी हुई थी, क्योंकि उसके पास कोई दस्तावेज नहीं थे और उसे डर था कि कहीं उसे निर्वासित न कर दिया जाए। घबराहट के कारण उसने अपनी बेटी के साथ जहर खा लिया।
उसके परिवार ने बताया कि वैवाहिक विवाद के बाद वह पिछले छह सालों से जिले के धनियाखली स्थित अपने पैतृक घर में रह रही थी। उन्होंने बताया कि वह पिछले कुछ दिनों से मानसिक तनाव में थी।
घटना के लिए भाजपा जिम्मेदार : टीएमसी
धनियाखली से तृणमूल कांग्रेस विधायक असीमा पात्रा ने भाजपा पर राष्ट्रीय नागरिक पंजी (एनआरसी) और डिटेंशन कैंप के बारे में भ्रामक बयान देकर लोगों में भय उत्पन्न करने का आरोप लगाया।
पात्रा ने कहा कि जब भाजपा नेता लोगों को डिटेंशन कैंप में भेजने की बात करते हैं, तो इससे पूरे बंगाल में दहशत फैल जाती है। कुछ दिन पहले जिले के डानकुनी में भी ऐसा ही मामला हुआ था। उन्होंने कहा कि भाजपा लोगों की जान से खेल रही है।

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