Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    पश्चिम बंगाल: अब नहीं आए तो रद हो सकती है जमानत, कोर्ट ने पार्थ चटर्जी को दिया अल्टीमेटम

    Updated: Thu, 27 Nov 2025 11:04 AM (IST)

    पश्चिम बंगाल में नौकरी के बदले नकदी घोटाले में ईडी कोर्ट ने पूर्व शिक्षा मंत्री पार्थ चटर्जी को चेतावनी दी है। अदालत ने कहा कि यदि वे व्यक्तिगत रूप से पेश नहीं होते हैं, तो उनकी जमानत रद्द कर दी जाएगी। अदालत ने यह भी कहा कि सभी आरोपियों को सुनवाई की तारीख पर पेश होना होगा, अन्यथा उनकी जमानत रद हो सकती है। 

    Hero Image

    पार्थ चटर्जी को कोर्ट का अल्टीमेटम (फाइल फोटो)

    डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। पश्चिम बंगाल में नौकरी के बदले नकदी घोटाला मामले में स्पेशल ईडी कोर्ट ने पूर्व शिक्षा मंत्री को चेतावनी दी है। कोर्ट ने सुनवाई के दौरान कहा कि अगर वह व्यक्तिगत रूप से पेश नहीं होते हैं तो जमानत रद कर दी जाएगी।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    सीबीआई की स्थानीय अदालत ने बुधवार को स्कूल भर्ती घोटाला मामले में पूर्व शिक्षा मंत्री पार्थ चटर्जी समेत अन्य को चेताया है। कोर्ट ने कहा कि अगर सभी आरोपी सुनवाई की तारीख पर पेश नहीं होते तो उनकी जमानत रद कर दी जाएगी।

    सुनवाई के दौरान उपस्थित रहना अनिवार्य

    प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) द्वारा दायर प्राथमिक शिक्षक भर्ती मामले की विशेष सीबीआई अदालत में सुनवाई हुई। सुनवाई के दौरान आरोपियों को अदालत में व्यक्तिगत रूप से उपस्थित होना था। लेकिन चटर्जी उपस्थित नहीं हुए।

    इस शर्त पर मिली जमानत

    इस पर न्यायाधीश सुवेंदु साहा ने कहा कि पार्थ चटर्जी और बाकी लोगों को उच्च न्यायालय से इस शर्त पर जमानत मिली है कि उन्हें मामले के दिनों में अदालत में उपस्थित होना होगा। अगर नहीं होते तो कोर्ट को जमानत रद करने का अधिकार है।

    वहीं, पार्थ चटर्जी के वकील ने कहा कि वह स्वास्थ्य कारणों से अदालत में व्यक्तिगत रूप से पेश नहीं हो सकते, और उन्होंने इस संबंध में अदालत में एक आवेदन भी दायर किया है। सुनवाई के दौरान चटर्जी ने जमानत की शर्त के तहत अपने वकील के माध्यम से अदालत में अपना पासपोर्ट जमा कर दिया।

    बैंक खाता खोलने का अनुरोध

    चटर्जी के अलावा मामले के एक अन्य आरोपी शांतनु बनर्जी भी अदालत में अनुपस्थित थे। हालांकि, राज्य मंत्री चंद्रनाथ सिन्हा, कुंतल घोष और चटर्जी की साथी अर्पिता मुखर्जी समेत कई लोग मौजूद थे। मुखर्जी ने अदालत को बताया कि उनके तीन बैंक खाते बंद कर दिए गए हैं और उन्हें फिर से खोलने का अनुरोध किया। उनका तर्क है कि ये खाते 2002 में खोले गए थे और उस समय यह मामला अस्तित्व में नहीं था, इसलिए इन्हें बंद करने का कोई कारण नहीं है।