सीएम ममता ने दुर्गा पूजा समितियों को मिलने वाला अनुदान बढ़ाया, अब मिलेंगे 1.10 लाख; विपक्ष ने बताया चुनावी चाल
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने गुरुवार को कोलकाता में दुर्गा पूजा समुदाय के आयोजकों के साथ एक समन्वय बैठक को संबोधित किया। उन्होंने राज्य की प्रत्येक दुर्गा पूजा समिति को 1 लाख 10 हज़ार रुपये का अनुदान देने की घोषणा की। वहीं मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्यभर में 45000 से ज्यादा पूजा समितियां हैं जिसे इसका लाभ मिलेगा।

राज्य ब्यूरो, जागरण, कोलकाता। बंगाल में अगले साल की शुरुआत में होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने राज्य में दुर्गा पूजा समितियों को मिलने वाले वार्षिक अनुदान में पिछले साल के मुकाबले इस बार 25 हजार रुपये की बंपर बढ़ोतरी कर 85 हजार से सीधे एक लाख 10 हजार रुपये कर दिया है।
प्रत्येक दुर्गा पूजा समिति को 85 हजार के बजाय 1.10 लाख रुपये मिलेंगे
गुरुवार को कोलकाता के नेताजी इंडोर स्टेडियम में राज्यभर के दुर्गा पूजा आयोजकों और पुलिस- प्रशासन के साथ आयोजित वार्षिक समन्वय बैठक में मुख्यमंत्री ने इसकी घोषणा की। इस बार प्रत्येक दुर्गा पूजा समिति को 85 हजार के बजाय 1.10 लाख रुपये मिलेंगे। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्यभर में 45,000 से ज्यादा पूजा समितियां हैं, जिसे इसका लाभ मिलेगा।
बिजली बिल में 80 प्रतिशत की छूट दी जाएगी
ममता ने इसके साथ ही हर साल की तरह पूजा कमेटियों के लिए बिजली बिल में छूट सहित कई अन्य सुविधाओं की भी घोषणा की। मुख्यमंत्री ने कहा कि सीइएससी एवं राज्य विद्युत वितरण बोर्ड की ओर से दुर्गा पूजा कमेटियों को इस बार बिजली बिल में 80 प्रतिशत की छूट दी जाएगी।
पिछले साल बिजली बिल में 75 प्रतिशत की छूट दी गई थी। ममता ने इसके साथ ही कहा कि पूजा कमेटियों को फायर लाइसेंस के लिए भी कोई शुल्क नहीं देना होगा।
पिछले साल की थी बढ़ोतरी
मालूम हो कि पिछले साल भी राज्य सरकार ने दुर्गा पूजा समितियों के अनुदान में 15 हजार रुपये की बढ़ोतरी कर 70 हजार से बढ़ाकर 85 हजार रुपये किया था। पिछले साल 43 हजार से ज्यादा पूजा समितियों को 85-85 हजार रुपये का अनुदान राज्य सरकार की ओर से दिया गया था।
ममता ने कहा कि इस साल दो से चार अक्टूबर तक सभी दुर्गा प्रतिमाओं का विसर्जन करना होगा। इस बार पांच अक्टूबर को पूजा कार्निवल आयोजित किया जाएगा।
समन्वय बैठक में कोलकाता की सभी प्रमुख पूजा कमेटियों के प्रतिनिधि उपस्थित थे। वहीं, वर्चुअल माध्यम से सभी जिला प्रशासन और जिलों की पूजा कमेटियां भी बैठक से जुड़े थे।
बैठक में कोलकाता के मेयर व मंत्री फिरहाद हकीम सहित कई अन्य मंत्री, राज्य के मुख्य सचिव मनोज पंत, गृह सचिव नंदिनी चक्रवर्ती, डीजीपी राजीव कुमार, कोलकाता के पुलिस आयुक्त मनोज वर्मा सहित अन्य आला अधिकारी उपस्थित थे।
भाजपा ने बताया चुनावी चाल
इधर, राज्य में मुख्य विपक्षी भाजपा ने दावा किया कि चुनाव से पहले अनुदान में भारी वृद्धि क्लबों को खुश करने और चुनाव के लिए उनका इस्तेमाल करने की चाल है। विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष सुवेंदु अधिकारी ने सवाल उठाया कि राज्य पर सात लाख करोड़ से ज्यादा का कर्ज है। सरकारी विभागों में छह लाख शून्य पद हैं। सरकारी कर्मचारियों का डीए बकाया है। उस तरफ राज्य सरकार का कोई ध्यान नहीं है।
बता दें कि अनुदान में वृद्धि के बाद 45 हजार से ज्यादा समितियों को दी जानी वाली आर्थिक सहायता से राज्य के खजाने पर 4,900 करोड़ रुपये से ज्यादा का बोझ पड़ेगा।
मुख्यमंत्री ने पूजा को लेकर दिए कई निर्देश
समन्वय बैठक में मुख्यमंत्री ने शांतिपूर्वक पूजा आयोजन को लेकर पुलिस को कई निर्देश दिए। ममता ने पूजा आयोजकों से कहा कि कोई अप्रिय घटना से बचने के लिए पंडाल का प्रवेश एवं निकास द्वार अलग-अलग होना चाहिए। सभी पंडालों में अग्नि सुरक्षा उपाय करने पर उन्होंने जोर दिया।
प्रशासन को आपातकालीन स्थिति के लिए डाक्टर, नर्स, एंबुलेंस की समुचित व्यवस्था करने को कहा। पूजा के दौरान हेल्पलाइन नंबर भी सक्रिय रखे जाएं। पूजा के दौरान भीड़ को नियंत्रण में रखने के लिए मुख्यमंत्री ने पूजा समितियों से बार-बार माइक पर घोषणा करने का अनुरोध किया।
ममता ने पुलिस से पूजा के दौरान ट्रैफिक व्यवस्था के सुचारू संचालन का भी निर्देश दिया। कहा कि पूजा पंडालों के चलते सड़क अवरुद्ध नहीं होनी चाहिए। आम लोगों को कोई दिक्कत न हो इसका प्रशासन ख्याल रखे। उन्होंने पुलिस को पूजा कमेटियों के साथ लगातार समन्वय रखने को कहा।
जिलों की पूजा की ममता ने की सराहना
ममता ने जिलों की दुर्गा पूजा पंडालों की इस बार भी जमकर सराहना की। ममता ने कहा कि आज जिलों से बहुत कुछ सीखने की जरूरत है। जिलों में बहुत अच्छे-अच्छे व आकर्षक थीम वाले पंडाल बनाए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि राज्य में पूजा समितियों की संख्या हर साल बढ़ रही है।
बता दें 2011 में राज्य की सत्ता में आने के कुछ वर्ष बाद ममता सरकार ने दुर्गा पूजा आयोजकों को हर साल आर्थिक अनुदान देने की प्रथा शुरू की थी। सबसे पहले राज्य सरकार ने प्रति समिति 25 हजार रुपये देना शुरू किया था। जो इस साल बढ़कर 1.10 लाख रुपये पर पहुंच गई है।
कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।