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    OBC Reservation: क्या पश्चिम बंगाल और पंजाब में बढ़ेगा ओबीसी आरक्षण का कोटा? राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग ने दे दिया ये अहम सुझाव

    राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग ने पश्चिम बंगाल व पंजाब की राज्य सरकारों से अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) आरक्षण के अपने कोटे को बढ़ाने का सुझाव दिया है। आयोग ने दोनों राज्यों को लिखे पत्र में पंजाब को राज्य सरकार की नौकरियों में ओबीसी आरक्षण को 13 प्रतिशत व शैक्षणिक संस्थानों के दाखिले में 15 प्रतिशत तक बढ़ाने की सिफारिश की है।

    By Jagran News Edited By: Sonu Gupta Updated: Wed, 15 May 2024 10:30 PM (IST)
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    पश्चिम बंगाल और पंजाब बढ़ाए ओबीसी आरक्षण का कोटा: राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग

    जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। लोकसभा चुनाव में आरक्षण को लेकर गरमाई चर्चा के बीच राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग ने पश्चिम बंगाल व पंजाब की राज्य सरकारों से अन्य पिछड़ा वर्ग ( ओबीसी) आरक्षण के अपने कोटे को बढ़ाने का सुझाव दिया है। आयोग ने दोनों राज्यों को लिखे पत्र में पंजाब को राज्य सरकार की नौकरियों में ओबीसी आरक्षण को 13 प्रतिशत व शैक्षणिक संस्थानों के दाखिले में 15 प्रतिशत तक बढ़ाने की सिफारिश की है।

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    ओबीसी को देने की सिफारिश

    वहीं, पश्चिम बंगाल से राज्य सरकार की नौकरियों में आरक्षण की 50 प्रतिशत की अधिकतम सीमा से बच रहे पांच प्रतिशत के हिस्से को भी ओबीसी को देने की सिफारिश की है। आयोग ने पंजाब व पश्चिम बंगाल की राज्य सरकारों को लिखे पत्र में राज्य में आरक्षण को लेकर स्थिति स्पष्ट की है, जबकि पंजाब सरकार को लिखे पत्र में कहा है कि उनके यहां मौजूदा समय में नौकरियों में एससी के लिए 25 प्रतिशत व ओबीसी के लिए 12 प्रतिशत आरक्षण की व्यवस्था है।

    ऐसे में राज्य में सरकारी नौकरियों में 37 प्रतिशत आरक्षण दिया जा रहा है। हालांकि सुप्रीम कोर्ट के तहत 50 प्रतिशत तक अधिकतम आरक्षण दिया जा सकता है, ऐसे में बाकी का 13 प्रतिशत का आरक्षण ओबीसी वर्ग को दिया जाए। इसी तरह शैक्षणिक संस्थानों के दाखिले में भी राज्य में एससी को 25 प्रतिशत और ओबीसी को दस प्रतिशत आरक्षण दिया जाता है, ऐसे में अधिकतम सीमा से बचा 15 प्रतिशत कोटा ओबीसी को दिया जाए।

    आयोग ने पश्चिम बंगाल को लिखा पत्र

    आयोग ने पश्चिम बंगाल को भी इस संबंध में एक पत्र लिखा है जिसमें कहा है कि राज्य में ओबीसी को 17 प्रतिशत, एससी को 22 प्रतिशत और एससी को छह प्रतिशत आरक्षण दिया जा रहा है। ऐसे में कुल आरक्षण 45 प्रतिशत है। जो 50 प्रतिशत की अधिकतम आरक्षण की सीमा से पांच प्रतिशत कम है। ऐसे में आयोग ने बाकी पांच प्रतिशत के कोटे को ओबीसी को देने का सिफारिश की है।

    राज्य में ओबीसी सूची में हैं 179 जातियां

    आयोग ने राज्य में ओबीसी कोटे में मुस्लिम की हिस्सेदारी के मुद्दे को भी प्रमुखता से रखा है, जिसमें कहा है कि राज्य में ओबीसी सूची में कुल 179 जातियां है, जिसमें 118 मुस्लिम है। इनमें अति पिछड़ी ओबीसी की कैटेगरी ए में कुल 81 जातियों को रखा गया है, उनमें 73 मुस्लिम है।

    वहीं, ओबीसी की कैटेगरी बी में कुल 98 जातियों को रखा गया है, जिसमें 45 मुस्लिम जातियां है। राज्य के कैटेगरी ए को दस प्रतिशत और कैटेगरी बी को सात प्रतिशत आरक्षण दिया जाता है।  

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