Move to Jagran APP

Weather Update: सितम ढा रही सर्दी, देहरादून, धर्मशाला और नैनीताल से भी नीचे पहुंचा राजधानी दिल्‍ली का पारा

दिल्ली के प्राथमिक मौसम केंद्र सफदरजंग वेधशाला में न्यूनतम तापमान सामान्य से एक डिग्री कम 5.6 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। अधिकतम तापमान करीब 16 डिग्री सेल्सियस के आसपास रहने का अनुमान है। बता दें कि दिल्ली का न्यूनतम तापमान देहरादून धर्मशाला और नैनीताल से भी नीचे पहुंच गया।

By AgencyEdited By: Ashisha Singh RajputPublished: Tue, 27 Dec 2022 11:27 PM (IST)Updated: Wed, 28 Dec 2022 03:35 AM (IST)
दिल्ली का न्यूनतम तापमान देहरादून, धर्मशाला और नैनीताल से भी नीचे पहुंच गया।

नई दिल्ली, पीटीआई। राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली के लोग कड़ाके की टंड का सामना कर रहे हैं। कंपकंपाने वाली इस सर्दी में बर्फीली हवाएं और परेशान कर रही हैं। दिल्ली में मंगलवार को 'बहुत ठंडा दिन' दर्ज किया गया है, क्योंकि अधिकतम तापमान कुछ स्थानों पर सामान्य से 10 डिग्री कम दर्ज किया गया। बता दें कि दिल्ली का न्यूनतम तापमान देहरादून, धर्मशाला और नैनीताल से भी नीचे पहुंच गया।

loksabha election banner

क्या होता है 'ठंडा दिन'

मौसम विभाग के अनुसार, 'ठंडा दिन' तब माना जाता है, जब न्यूनतम तापमान 10 डिग्री सेल्सियस या उससे कम रहे और अधिकतम तापमान सामान्य से कम से कम 4.5 डिग्री सेल्सियस कम दर्ज किया जाए। अधिकतम तापमान के सामान्य से 6.5 डिग्री या उससे अधिक कम होने पर उसे 'बेहद ठंडा दिन' माना जाता है। दिल्ली के प्राथमिक मौसम केंद्र सफदरजंग वेधशाला में न्यूनतम तापमान सामान्य से एक डिग्री कम 5.6 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। अधिकतम तापमान करीब 16 डिग्री सेल्सियस के आसपास रहने का अनुमान है।

इसकी तुलना में देहरादून में न्यूनतम तापमान सात डिग्री सेल्सियस, धर्मशाला में 6.2 डिग्री सेल्सियस और नैनीताल में 7.2 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। मौसम वैज्ञानिकों ने दिन के तापमान में इस गिरावट के लिए मैदानी इलाकों से गुजरने वाली उत्तर-पश्चिमी ठंडी हवाओं और कोहरे के मौसम के कारण कम धूप निकलने को जिम्मेदार ठहराया है।

पश्चिमी विक्षोभ के कारण 25-26 दिसंबर को हुई थी बर्फबारी

'स्काईमेट वेदर' के मौसम विज्ञान एवं जलवायु परिवर्तन संबंधी विभाग के उपाध्यक्ष महेश पलावत ने बताया कि पश्चिमी विक्षोभ के कारण 25-26 दिसंबर को पहाड़ों में फिर से बर्फबारी हुई थी, जिसके बाद उत्तर-पश्चिमी ठंडी हवाएं अब मैदानी इलाकों में भी बह रही हैं। राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर), हरियाणा, पंजाब, पश्चिमी उत्तर प्रदेश और उत्तरी राजस्थान के कुछ हिस्सों समेत पश्चिमोत्तर भारत के व्यापक हिस्सों में मंगलवार को घने से बेहद घना कोहरा छाया रहा।

राष्ट्रीय राजधानी में आवाजाही हुई प्रभावित

राष्ट्रीय राजधानी में दृश्यता गिरकर केवल 50 मीटर तक रह गई और सड़क यातायात और ट्रेन की आवाजाही प्रभावित हुई। पंजाब और हरियाणा के कई हिस्सों में कोहरा छाया रहा, जहां मंगलवार को भी कड़ाके की ठंड रही। हरियाणा में नारनौल सबसे ठंडा स्थान रहा जहां मौसम केंद्र के मुताबिक पारा सामान्य से चार डिग्री कम एक डिग्री सेल्सियस रहा। पंजाब के बठिंडा में तापमान 1.4 डिग्री सेल्सियस रहा तो अमृतसर में पांच डिग्री व लुधियाना में 6.6 डिग्री सेल्सियस तापमान दर्ज किया गया।

राजस्थान में भी कड़ाके की ठंड का दौर जारी

वहीं राजस्थान में भी कड़ाके की ठंड का दौर जारी है जहां बीते सोमवार की रात चुरू में न्यूनतम तापमान 0.5 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। कश्मीर शीतलहर की चपेट में है तथा समूची घाटी में तापमान कई डिग्री सेल्सियस तक लुढ़क गया है जिससे पारा शून्य से और नीचे चला गया है। अधिकारियों ने मंगलवार को बताया कि सोमवार रात का न्यूनतम तापमान रविवार रात्रि की तुलना में एक से दो डिग्री तक गिरा है।

भारत मौसम विज्ञान विभाग ने बताया

अधिकारियों ने बताया कि कड़ाके की सर्दी की वजह से कई इलाकों में पानी की आपूर्ति करने वाली पाइप लाइनों में पानी जम गया है। डल झील का अंदरूनी हिस्सा और घाटी के अन्य जलाशय भी जम गए। उन्होंने बताया कि श्रीनगर में न्यूनतम तापमान शून्य से 4.8 डिग्री सेल्सियस नीचे दर्ज किया गया है जबकि यहां पारा रविवार रात्रि को शून्य से 3.5 डिग्री सेल्सियस नीचे था। भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) के अनुसार, दृश्यता शून्य से 50 मीटर के बीच रहने पर 'बेहद घना कोहरा', 51 मीटर से 200 मीटर के बीच 'घना कोहरा', 201 मीटर से 500 मीटर के बीच 'मध्यम कोहरा' और 501 से 1,000 मीटर के बीच रहने पर 'हल्का कोहरा' माना जाता है।

यह भी पढ़ें- दस साल में दुनिया की तीसरी बड़ी इकोनॉमी होगा भारत-ब्रिटिश थिंक टैंक

यह भी पढ़ें- Fact Check : शाहरुख खान के इंटरव्‍यू की सात साल पुरानी क्लिप ‘पठान’ से जोड़ते हुए की गई वायरल


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.