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    Weather Update: पर्वतीय राज्यों में बर्फबारी, मैदानी इलाकों में वर्षा; उत्तराखंड-हिमाचल और जम्मू-कश्मीर में लुढ़का पारा

    By Jagran NewsEdited By: Mohd Faisal
    Updated: Tue, 17 Oct 2023 06:00 AM (IST)

    जम्मू-कश्मीर हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड के पर्वतीय इलाकों में बर्फबारी से पारा नीचे लुढ़क गया है। सोमवार को लद्दाख के द्रास में मौसम की पहली बर्फबारी हुई जिससे न्यूनतम तापमान शून्य से 5.8 डिग्री नीचे पहुंच गया। भारतीय मौसम विज्ञान विभाग ने देश के उत्तर पश्चिम क्षेत्र में मंगलवार तक बारिश जारी रहने की संभावना जताई है।

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    Weather Update: पर्वतीय राज्यों में बर्फबारी, मैदानी इलाकों में वर्षा; उत्तराखंड-हिमाचल और जम्मू-कश्मीर में लुढ़का पारा (फोटो एएनआई)

    जागरण टीम, नई दिल्ली। जम्मू-कश्मीर, हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड के पर्वतीय इलाकों में बर्फबारी से पारा नीचे लुढ़क गया है। सोमवार को लद्दाख के द्रास में मौसम की पहली बर्फबारी हुई, जिससे न्यूनतम तापमान शून्य से 5.8 डिग्री नीचे पहुंच गया।

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    पंजाब व हरियाणा समेत कई मैदानी इलाकों में बारिश से फसलों को भारी नुकसान पहुंचा है। कई जगहों प लगातार बारिश के कारण खेतों में धान की फसल बिछ गई है और मंडियों में रखा धान भीग गया है।

    IMD ने जारी किया अलर्ट

    भारतीय मौसम विज्ञान विभाग ने देश के उत्तर पश्चिम क्षेत्र में मंगलवार तक बारिश जारी रहने की संभावना जताई है। अगले 24 घंटों के दौरान तमिलनाडु और केरल में भारी से बहुत भारी बारिश जारी रहने की संभावना जताई गई है।

    जम्मू-कश्मीर में पहाड़ों पर हुई बर्फबारी

    जम्मू-कश्मीर में सोमवार को पहाड़ों पर बर्फबारी व निचले क्षेत्रों में दिनभर वर्षा जारी रही। बर्फबारी से पुंछ और राजौरी जिलों से कश्मीर को जोड़ने वाला मुगल रोड यातायात के लिए बंद हो गया। गुरेज-बांडीपोरा तथा कुपवाड़ा-करनाह मार्ग लगातार तीसरे दिन भी बंद रहे। कश्मीर में गुलमर्ग के अफरवट, साधना टाप, गुरेज, मर्गन टाप, पीर की गली तथा अन्य उच्च पर्वतीय क्षेत्रों में चार से छह इंच ताजा बर्फ रिकार्ड की गई। कटड़ा में जारी नवरात्र महोत्सव को लेकर कुछ कार्यक्रमों को स्थगित करना पड़ा। भव्य शोभायात्रा भी स्थगित कर दी गई।

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    शून्य से नीचे पहुंचा तापमान

    उत्तराखंड में चारों धाम के साथ ऊंचाई वाले क्षेत्रों में अच्छी बर्फबारी हुई, जबकि निचले क्षेत्रों में तेज हवा के बीच वर्षा की फुहारों ने जमकर भिगोया। बदरीनाथ, केदारनाथ, गंगोत्री व यमुनोत्री धाम में बर्फबारी के कारण न्यूनतम तापमान शून्य से नीचे पहुंच गया है। कड़ाके की ठंड के बावजूद तीर्थ यात्रियों का उत्साह ठंडा नहीं पड़ा। तीर्थयात्री बर्फबारी का आनंद लेते हुए पूरा दिन दर्शन के लिए पहुंचते रहे। चार धाम यात्रा सुचारू है।

    खेतों में बिछी फसल, मंडियों में भीगा हजारों टन धान

    तेज हवा के साथ वर्षा से जम्मू व आसपास के क्षेत्रों में बासमती की धान को भारी नुकसान पहुंचा है। खेतों में तैयार सामान्य धान की फसल पर भी मौसम का असर पड़ा है। पंजाब में रविवार व सोमवार को हुई वर्षा के कारण धान की पकी फसल खेतों में बिछ गई है और मंडियों में भी हजारों टन धान भीग गया। रविवार तक राज्य की मंडियों में 23.90 लाख टन धान की आवक हो चुकी है। 15.66 लाख टन धान लिफ्टिंग न होने से मंडियों पड़ा है। इसमें से ज्यादातर धान भीग गया है।

    हरियाणा में हिसार, सिरसा सहित कई जिलों में तेज हवा के साथ बरसात हुई तो कैथल और फतेहाबाद में जमकर ओले गिरे। मंडियों में पहुंचा लाखों टन धान भीग गया। कुरुक्षेत्र में सबसे ज्यादा चार घंटे रुक-रुक कर 21.5 एमएम बरसात हुई।

    किसानों को दी सलाह

    पंजाब एग्रीकल्चर यूनिवर्सिटी के वाइस चांसलर सतबीर सिंह गोसल का कहना है कि बारिश के कारण धान की फसल में 4 प्रतिशत तक नमी की मात्रा बढ़ सकती है। नमी की मात्रा बढ़ने से धान की खरीद प्रभावित होगी। फसल के खेत बिछ जाने से दाने का रंग बदरंग हो सकता है, क्योंकि फसल लगभग पक चुकी है। इसलिए जिन्होंने अभी कटाई नहीं की है, वह रुक जाएं। मौसम के साफ होने के बाद ही कटाई करें और फसल को सुखा कर ही मंडी में लेकर आएं।

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