'हम भारतीय हैं, हमारे पास पासपोर्ट है', पहलगाम तनाव के बीच युवक की फरियाद पर क्या बोला सुप्रीम कोर्ट
बेंगलुरु के एक व्यक्ति ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर उसे और उसके परिवार को पाकिस्तान भेजे जाने पर रोक लगाने की मांग की थी। न्यायालय ने निर्देश दिया कि जब तक सरकारी अधिकारियों द्वारा उचित निर्णय नहीं लिया जाता तब तक परिवार के खिलाफ कोई दंडात्मक कार्रवाई नहीं की जाएगी। पहलगाम हमले के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव काफी बढ़ गया है।

पीटीआई, नई दिल्ली। पहलगाम हमले के बाद भारत सरकार ने आदेश पारित किया था कि जितने भी पाकिस्तानी नागरिक भारत में हैं, उन्हें तय समयसीमा तक भारत छोड़कर वापस पाकिस्तान जाना होगा।
इस बीच बेंगलुरु के एक व्यक्ति ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर उसे और उसके परिवार को पाकिस्तान भेजे जाने पर रोक लगाने की मांग की थी।
भारतीय नागरिक होने का किया दावा
बेंगलुरु के व्यक्ति ने सर्वोच्च न्यायालय में याचिका दाखिल की थी कि उसे और उसके परिवार को वापस पाकिस्तान न भेजा जाए और इस पर रोक लगाने की मांग की थी। इन सभी का दावा है कि वे भारतीय नागरिक हैं और उनके पास भारतीय पासपोर्ट और आधार कार्ड हैं।
इस मामले को लेकर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई और वकील और याचिकाकर्ता की दलीलें सुनने के बाद न्यायमूर्ति सूर्यकांत की अध्यक्षता वाली पीठ ने सरकारी अधिकारियों को परिवार के सदस्यों के भारतीय नागरिकता की वैधता के संबंध में उनके दस्तावेजों के सत्यापन का निर्देश दिया।
पीठ ने दी ये स्वतंत्रता
न्यायालय ने निर्देश दिया कि जब तक सरकारी अधिकारियों द्वारा उचित निर्णय नहीं लिया जाता, तब तक परिवार के खिलाफ कोई दंडात्मक कार्रवाई नहीं की जाएगी।
पीठ ने याचिकाकर्ता को जम्मू-कश्मीर और लद्दाख उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाने की भी स्वतंत्रता दी, अगर वे सरकार के निर्णय (उनके निर्वासन या प्रवास पर) से असंतुष्ट हैं।
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