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    देश के प्रमुख जलाशयों में पानी का स्तर घटा; बिजली उत्पादन, सिंचाई और पीने के पानी की बढ़ सकती हैं मुश्किलें

    इस समय इन बांधों में मात्र 3.92 बीसीएम पानी यानी 20 फीसद पानी रह गया है। पिछले साल की इसी अवधि में इन बांधों में 40 फीसद पानी था। दस वर्षों के औसत जल भंडारण 32 फीसद से भी इस साल पानी कम हो गया है।

    By Bhupendra SinghEdited By: Updated: Mon, 24 May 2021 08:50 PM (IST)
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    दक्षिण को छोड़कर देश के बाकी हिस्सों के जलाशयों में जलस्तर घटा।

    जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। मानसून के आने में अभी देर है, जबकि देश के ज्यादातर बड़े जलाशयों में पानी का स्तर लगातार घट रहा है। इससे आने वाले दिनों में बिजली उत्पादन और नहरों में पानी की कमी हो सकती है। कई राज्यों में पीने के पानी का भी संकट होने की आशंका बढ़ सकती है। देश के कुल 130 प्रमुख जलाशयों में 44 से बिजली उत्पादन होता है। राष्ट्रीय स्तर पर इन जलाशयों की कुल जल भंडारण क्षमता का मात्र 30 फीसद पानी बचा हुआ है। पानी की यह मात्रा 52 अरब घन मीटर (बीसीएम) है जबकि पिछले साल अब तक इन जलाशयों में 42 अरब घन मीटर पानी का था।

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    उत्तरी क्षेत्र के जलाशयों में पानी का स्तर बहुत नीचे चला गया

    बांधों और जलाशयों का क्षेत्रवार आंकड़े में उत्तरी क्षेत्र के जलाशयों में पानी का स्तर बहुत नीचे चला गया है। इस क्षेत्र में हिमाचल प्रदेश, पंजाब और राजस्थान के बांध आते हैं। यहां के कुल आठ बांध व जलाशयों के जल स्तर की निगरानी केंद्रीय जल आयोग करता है। चालू सप्ताह में इन बांधों कुल जल भंडारण क्षमता 19.17 बीसीएम है।

    बांधों में कम पानी चिंता का विषय

    इस समय इन बांधों में मात्र 3.92 बीसीएम पानी यानी 20 फीसद पानी रह गया है। पिछले साल की इसी अवधि में इन बांधों में 40 फीसद पानी था। दस वर्षों के औसत जल भंडारण 32 फीसद से भी इस साल पानी कम हो गया है। यह एक चिंता का विषय बन सकता है। इन उत्तरी राज्यों में मानसून देश के दूसरे हिस्सों के मुकाबले बहुत देर से पहुंचता है। 

    पूर्वी क्षेत्र के कुल 20 जलाशयों में भंडारण क्षमता का कुल 25 फीसद पानी बचा

    पूर्वी क्षेत्र के राज्य झारखंड, ओडिशा, पश्चिम बंगाल, त्रिपुरा और नगालैंड के कुल 20 जलाशयों की कुल जल भंडारण क्षमता 19.96 बीसीएम है। केंद्रीय जल आयोग के जारी आंकड़ों के मुताबिक चालू सप्ताह में इनमें 4.91 बीसीएम पानी बचा है। यह भंडारण क्षमता का कुल 25 फीसद है। जबकि पिछले साल के मुकाबले इन जलाशयों व बांधों में 37 फीसद पानी बचा है। पिछले 10 सालों के औसत भंडारण 31 फीसद से भी कम पानी है।

    पश्चिमी क्षेत्र के कुल 42 बांधों और जलाशयों में भंडारण क्षमता का 36 फीसद पानी बचा

    पश्चिमी क्षेत्र के राज्य गुजरात व महाराष्ट्र के कुल 42 बांधों और जलाशयों की निगरानी केंद्रीय जल आयोग करता है। इनकी कुल भंडारण क्षमता 35.24 बीसीएम है। इन जलाशयों में फिलहाल 12.36 बीसीएम पानी बचा है, जो कुल क्षमता का 36 फीसद है। पिछले साल इन बांधों में अब तक 37 फीसद पानी बचा था।

    मध्य क्षेत्र के कुल 23 जलाशयों में भंडारण क्षमता का 31 फीसद पानी बचा

    मध्य क्षेत्र के राज्य उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ में कुल 23 जलाशयों के जल स्तर की निगरानी केंद्रीय जल आयोग (सीडब्लूसी) करता है। यहां के बांधों की कुल जल भंडारण क्षमता 45.27 बीसीएम है। सीडब्लूसी के जारी आंकड़ों के मुताबिक चालू सप्ताह में इन बांधों में मात्र 14.14 बीसीएम यानी 31 फीसद पानी बचा है। जबकि पिछले साल इस समय यहां के इन बांधों व जलाशयों में 43 फीसद पानी था। हालांकि संतोष की बात यह है कि पिछले एक दशक के औसत भंडारण के मुकाबले इन जलाशयों में पानी की मात्रा अधिक है।

    दक्षिणी क्षेत्र के कुल 37 जलाशयों व बांधों में भंडारण क्षमता का 31 फीसद पानी बचा

    दक्षिणी क्षेत्र के आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, कर्नाटक, केरल और तमिलनाडु के कुल 37 जलाशयों व बांधों की जल भंडार क्षमता 54.60 बीसीएम है। इस समय इन बांधों व जलाशयों में 16.76 बीसीएम यानी 31 फीसद पानी बचा है। हालांकि पिछले साल इससे कम यानी मात्र 27 फीसद पानी बचा था। इस बार पिछले एक दशक के लाइव जल भंडारण के मुकाबले भी अधिक पानी है।