Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    इस गांव के पानी में है 300 गुना ज्यादा फ्लोराइड, अब तक 66 लोगों की हो चुकी है मौत

    By Arun Kumar SinghEdited By:
    Updated: Sat, 28 Jul 2018 09:21 PM (IST)

    जिन तीन सोर्स में फ्लोराइड रिमूवल प्लांट लगे हैं उस प्लांट के पानी में भी भारी मात्रा में फ्लोराइड मिला है। यहां के पानी में बैक्टरिया व अन्य प्रभावका ...और पढ़ें

    Hero Image
    इस गांव के पानी में है 300 गुना ज्यादा फ्लोराइड, अब तक 66 लोगों की हो चुकी है मौत

    गरियाबंद/देवभोग, प्रतिनिधि नई दुनिया। किडनी प्रभावित गरियाबंद जिले के सुपेबेड़ा में पानी की जांच करने के लिए मुंबई से भाभा परमाणु अनुसंधान की वाटर रिसर्च टीम पहुंची है। टीम ने गांव में पानी की जांच की तो पता चला कि पानी में फ्लोराइड की मात्रा तय मानक से 300 गुना ज्यादा है। फ्लोराइड स्थापित रिमूवल प्लांट से भी निकल रहा है। आर्सेनिक की मात्रा नहीं है।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    गौरतलब है कि सुपेबेड़ा में अब तक किडनी से 66 मौतें हो चुकी हैं और अब भी 200 से ज्यादा पीड़ित हैं। राज्य सरकार के कहने पर भाभा परमाणु अनुसंधान के वाटर रिसर्च टीम पहुंची हुई है। टीम के छत्तीसगढ़ प्रभारी डॉ. अरुण तिवारी ने बताया कि गांव में पानी के 20 सोर्स के सैंपल लिए गए हैं। ज्यादातर में फ्लोराइड की मात्रा निर्धारित मात्रा से 300 गुना ज्यादा मिला।

    जिन तीन सोर्स में फ्लोराइड रिमूवल प्लांट लगे हैं उस प्लांट के पानी में भी भारी मात्रा में फ्लोराइड मिला है। यहां के पानी में बैक्टरिया व अन्य प्रभावकारी जीवाणु होने की संभावना है। कैडमियम, क्रोमियम जैसे मेटल की जांच के लिए वाटर सैंपल मुंबई भेजे जा रहे हैं। टीम में मुंबई रिसर्च सेंटर के वरिष्ठ वैज्ञानिक ललित वासने के साथ दो सहयोगी साइंटिस्ट व इंदिरा गांधी कृषि विद्यालय के अनुराग तोमर पहुंचे थे।

    आइसीएमआर भी कर चुका है पुष्टि

    जुलाई 2017 में इंडियन काउंसिल फॉर मेडिकल रिसर्च (आइसीएमआर) जबलपुर के डायरेक्टर समेत दो सदस्यीय दल सुपेबेड़ा पहुंचा था। उनकी स्वाइल टेस्टिंग रिपोर्ट में भी फ्लोराइड के साथ-साथ केडमियम, क्रोमियम अन्य हेवी मेटल के होने की पुष्टि हुई थी। इसके बाद से यहां बोरिंग के पानी पर प्रतिबंध लगा दिया गया था।