Voting Rights in India: कैदी भी कर सकते हैं मतदान? जानें- भारत में क्या है नियम, कौन कर सकता है वोटिंग
Voting Rights in India कैदियों को मतदान का अधिकार देने की मांग उठी है। इसे लेकर सुप्रीम कोर्ट में जनहित याचिका (PIL) भी दायर की गई है। ऐसे में सवाल उठता है कि देश में किसे है मतदान का अधिकार किसे नहीं है वोटिंग का अधिकार?
नई दिल्ली, आनलाइन डेस्क। देश की जेलों में बंद कैदियों को मतदान का अधिकार देने की मांग उठी है। इसे लेकर सुप्रीम कोर्ट में जनहित याचिका (PIL) भी दायर की गई है। सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार और चुनाव आयोग को नोटिस जारी जवाब मांगा है। इस मुद्दे पर अब देश में बहस छिड़ गई है कि जो चुनाव लड़ सकता है वह मतदान क्यों नहीं कर सकता। कानून के जानकारों ने इस कानून को संविधान के अनुच्छेद 14 और 19 (1) (ए) का उल्लंघन बताया है। याचिका में जनप्रतिनिधित्व कानून की धारा 62(5) की वैधता को चुनौती दी गई है। यह धारा जेल में बंद व्यक्ति को मतदान से रोकती है।
देश में विधाराधीन कैदियों की संख्या चार लाख से ऊपर है जो वोट के अधिकार से वंचित हैं। एनसीआरबी के अनुसार, जेल में बंद हर सातवां कैदी विचाराधीन है, जिसके मामले में कोर्ट ने फैसला नहीं सुनाया है और वह जेल में रहकर फैसले का इंतजार कर रहा है।
जन प्रतिनिधित्व कानून,1951 की धारा 62 (5) के अनुसार, न्यायिक आदेश से जेल में बंद या पुलिस अभिरक्षा में होने वाले व्यक्ति को वोट देने का अधिकार नहीं है। आइए जानते हैं कि भारत में किसे मतदान का अधिकार है? किसे मतदान का अधिकार नहीं है? मतदाता सूची में कैसे नाम दर्ज करा सकते है?
कौन वोट कर सकता है?
1-प्रत्येक नागरिक जो 18 वर्ष का हो
2-उस व्यक्ति का निवास स्थान पर ही वोटर के तौर पर नामांकन होगा
3- वोटिंग का अधिकार एक जगह का ही होगा
4-पासपोर्ट में दिए गए पते के आधार पर प्रवासी भारतीय को सामान्य रूप से निवासी माना जाता है और उनका वोटिंग अधिकार होता है
मतदान पंजीकरण की प्रक्रिया
चुनाव के समय एक मतदान केंद्र में आवंटित होने के लिए, 18 वर्ष से अधिक उम्र के नागरिक खुद को मतदाताओं के रूप में पंजीकृत करने और मतदाता पहचान पत्र बनवाने की आवश्यकता होती है। वे अपने निर्वाचन क्षेत्र के निर्वाचन पंजीकरण अधिकारी के पास प्रारुप -6 को भरकर जमा करके भी ऐसा कर सकते हैं। मतदाताओं को एक से अधिक स्थानों पर नामांकन करने की अनुमति नहीं है। इसके अलावा, मतदान अधिकार काम और निवास की वर्तमान जगह तक ही सीमित हैं। उदाहरण के लिए, यदि कोई व्यक्ति गुजरात का मूल निवासी है लेकिन मुंबई में काम कर रहा है, तो वह केवल मुंबई के उस निर्वाचन क्षेत्र में वोट डालने योग्य है।
जेल में बंद व्यक्ति नहीं कर सकता मतदान
जनप्रतिनिधित्व कानून की उक्त धारा में कहा गया है कि कोई भी व्यक्ति जो जेल में बंद हो, वह किसी भी चुनाव में मतदान नहीं कर सकेगा। ऐसे व्यक्ति को चाहे कारावास हुआ हो, वह ट्रांजिट रिमांड पर हो या पुलिस हिरासत में, उसे मतदान की पात्रता नहीं होगी।
भारत उन कुछ देशों में से एक है जो कैदियों को वोट देने की अनुमति नहीं देता है। लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम, 1951 की धारा 62(5) के तहत, पुलिस की कानूनी हिरासत में और कारावास की सजा काटने वाले व्यक्ति मतदान नहीं कर सकते। इसके खिलाफ याचिकाएं दायर की गई हैं और कुछ कार्यकर्ता भारत में बंदियों को वोट देने का अधिकार दिलाने के लिए लड़ रहे हैं।
एनआरआई के लिए क्या है नियम
मतदाता के रूप में पंजीकृत होने के लिए व्यक्ति को एक विशेष निर्वाचन क्षेत्र का निवासी होना जरूरी है। यही कारण है कि एनआरआई को मतदान प्रक्रिया में भाग लेने से प्रतिबंधित किया गया है। यदि एनआरआई भारत सरकार के अधीन कार्यरत एक भारतीय नागरिक है और वर्तमान में विदेशों में तैनात है, तो वह मतदाता के रूप में पंजीकृत हो सकता है। हालांकि, एनआरआई भारत से बाहर होने के कारण मतदाता के रूप में पंजीकरण करा सकते हैं। व्यक्ति को फॉर्म 6ए भरना होगा।
भ्रष्ट आचरण के दोषी पाए जाने वाले
इसके अलावा वे नागरिक जिन्हें कानून द्वारा भ्रष्ट आचरण या चुनाव से संबंधित किसी भी अवैध कार्य के कारण मतदाता बनने के हकदार सो वंचित कर दिया जाता है वो चुनाव में वोट नहीं कर सकते हैं।