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    SIR को लेकर राज्यों में जमीनी कार्य पूरा, मतदाताओं की मैपिंग तैयार; कल चुनाव आयोग कर सकता है बैठक

    Updated: Thu, 23 Oct 2025 08:44 PM (IST)

    राज्य सरकारों ने संदिग्ध मतदाताओं की पहचान का काम पूरा कर लिया है और उनकी मैपिंग भी तैयार है। चुनाव आयोग इस मामले पर कल एक महत्वपूर्ण बैठक कर सकता है। इस बैठक में आगे की रणनीति पर विचार किया जाएगा, जिससे चुनाव प्रक्रिया को और अधिक पारदर्शी बनाने में मदद मिलेगी।

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    SIR को लेकर राज्यों में जमीनी कार्य पूरा (प्रतिकात्मक तस्वीर)

    जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। बिहार के बाद अब देश भर में मतदाता सूची के विशेष सघन पुनरीक्षण (एसआइआर) की तैयारी में जुटे चुनाव आयोग ने अभी भले इसके कार्यक्रम का ऐलान नहीं किया है, लेकिन राज्यों ने इससे पहले ही एसआइआर से जुड़ा 50 से 70 प्रतिशत तक काम पूरा करने का दावा किया है।

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    जिसमें प्रत्येक मतदान केंद्र में रहने वाले मतदाताओं की मैपिंग, पिछले एसआइआर के आधार पर सूची तैयार करने, विस्थापित व मृतकों आदि की सूची तैयार करने का काम पूरा कर लिया है।

    एसआइआर के ऐलान के अब बाद उन्हें सिर्फ इसको सत्यापित करना होगा। साथ ही इससे जुड़ी कागजी औपचारिकता को पूरा करना होगा। ध्यान रहे कि यही वह समय होगा जब आयोग को राजनीतिक विवादों से जूझना होगा। एसआइआर पर राज्यों की तैयारियों को जांचने के लिए बुलाई गई बैठक में राज्यों की ओर से तैयारियों को लेकर प्रस्तुति भी दी गई।

    राज्यों की तैयारियों से उत्साहित चुनाव आयोग ने पहले चरण के एसआइआर को इस हफ्ते से शुरू करने के संकेत दिए है। जिसमें पश्चिम बंगाल, केरल, तमिलनाडु, असम व पुडुचेरी सहित करीब दर्जन भर शामिल हो सकते है।

    चुनाव आयोग कर सकता है बैठक

    सूत्रों की मानें तो चुनाव आयोग इसको लेकर शुक्रवार को बैठक कर सकता है। इसमें एसआइआर के पहले चरण के कार्यक्रम को मंजूरी दी जा सकती है। इस दौरान मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार ने सहयोगी आयुक्तों के साथ उन राज्यों के सीईओ के साथ एक अलग से बैठक की है, जहां अगले साल विधानसभा चुनाव होने है। इनमें पश्चिम बंगाल, असम, तमिलनाडु, केरल और पुडुचेरी शामिल है।

    एसआइआर की प्रक्रिया संवैधानिक

    आयोग से जुडे अधिकारियों के मुताबिक, कांफ्रेंस के दौरान राज्यों के सीईओ ने एसआइआर से जुड़ी शंकाओं को लेकर सवाल भी किए, जिन्हें आयोग ने जवाब दिया। साथ ही कहा कि एसआइआर की पूरी प्रक्रिया संवैधानिक है, साथ ही इसके नियम पहले से अमल में है। आयोग ने इस दौरान साफ किया कि जिनके नाम 2003 या उसके बाद हुए एसआइआर में शामिल है, उनसे किसी तरह के कोई दस्तावेज नहीं लिए जाएंगे।

    आयोग से वरिष्ठ अधिकारियों के मुताबिक एसआइआर के दूसरे चरण में वे सारे राज्य व केंद्रशासित प्रदेश शामिल होंगे, जहां अगले चार महीने मौसम अनुकूल नहीं रहेंगे या फिर उन राज्यों में नगरीय निकाय या पंचायत आदि के चुनाव प्रस्तावित है।