SIR की दूसरी ड्राफ्ट लिस्ट जारी, CM ममता के विधानसभा क्षेत्र में कटे 44 हजार से ज्यादा के नाम
पश्चिम बंगाल में मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण के दूसरे चरण में मसौदा मतदाता सूची जारी की गई। इस सूची में 58,20,899 लोगों के नाम काटे गए हैं, जिन ...और पढ़ें

मसौदा सूची में 58,20,899 लोगों के नाम काटे गए
राज्य ब्यूरो, जागरण, कोलकाता। बंगाल में मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआइआर) की प्रक्रिया के दूसरे चरण के तहत मंगलवार को मसौदा मतदाता सूची जारी हो गई। कुल 58,20,899 लोगों के नाम काटकर मसौदा सूची बनी है। इनमें मृत, लापता, स्थानांतरित व फर्जी मतदाता शामिल हैं।
मृत मतदाताओं की संख्या 24,16,852, लापता मतदाताओं की 12,20,039, स्थानांतरित मतदाताओं की 19,88,076 व फर्जी मतदाताओं की 1,38,328 हैं। बंगाल की मुख्यमंत्री व तृणमूल कांग्रेस सुप्रीमो ममता बनर्जी के विधानसभा (विस) क्षेत्र भवानीपुर में 44,770 लोगों के नाम कटे हैं।
इस विस क्षेत्र के 260 नंबर बूथ, जहां ममता और उनके सांसद भतीजे व तृणमूल के राष्ट्रीय महासचिव अभिषेक बनर्जी मतदान करते हैं, में 127 लोगों के नाम कटे हैं। इनमें 13 मृत मतदाता हैं। बाकियों की पहचान स्थानांतरित, लापता व फर्जी मतदाताओं के तौर पर हुई है।
इसके अलावा उन 57,604 लोगों के नाम भी मसौदा सूची में शामिल नहीं हैं, जिन्होंने गणना प्रपत्र नहीं भरा था। मालूम हो कि 27 अक्टूबर, 2025 तक बंगाल में मतदाताओं की कुल संख्या 7,66,37,529 थी जबकि मंगलवार को जारी मसौदा सूची में यह घटकर 7,08,16,630 हो गई है।
मसौदा सूची ने निकाली सुवेंदु के दावे की हवा : तृणमूल कांग्रेस ने जारी मसौदा मतदाता सूची पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि इसने भाजपा विधायक व नेता प्रतिपक्ष सुवेंदु अधिकारी के उस दावे की हवा निकाल दी है, जिसमें उन्होंने कहा था कि बंगाल में एक करोड़ से अधिक रोहिंग्या व बांग्लादेशी हैं।
मसौदा सूची में मात्र 1,83,328 लोगों को फर्जी मतदाता के तौर पर चिन्हित किया गया है। वहीं, इसपर सुवेंदु ने कहा कि यह महज शुरुआत है। वह आगामी 14 फरवरी को अंतिम मतदाता सूची जारी होने के बाद इसपर बात करेंगे।
अंतिम संस्कार कराने श्मशान पहुंच गए 'मृत' पार्षद
डानकुनी नगरपालिका के 18 नंबर वार्ड के तृणमूल कांग्रेस पार्षद सूर्य दे ने मसौदा मतदाता सूची में अपना नाम मृतकों की श्रेणी में पाया तो अपना अंतिम संस्कार कराने श्मशान घाट पहुंच गए। उन्होंने वहां पत्रकारों से बातचीत में कहा-'चुनाव आयोग ने मुझे मृत घोषित कर दिया है इसलिए अपना अंतिम संस्कार कराने आया हूं।
आयोग के अधिकारी आकर इसे पूरा करें।' आगे कहा-'आयोग जब मेरे जैसे जीवित जनप्रतिनिधि को कागज पर मृत दिखा सकता है तो आम मतदाताओं का क्या होगा? मैंने नियमानुसार गणना प्रपत्र भरकर जमा किया था। इसके बावजूद ऐसा हुआ है। इसके पीछे आयोग की साजिश है।

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