Super Pink Moon 2020: आसमान में दिखा 'सुपर पिंक मून', साल का सबसे बड़ा चांद
आज रात आसमान में लोगों ने सुपरमून देखा। ये चांद का वो रूप है जो सामान्य से थोड़ा बड़ा और चमकीला दिखाई दिया।
नई दिल्ली, एजेंसी। आसमान में मंगलवार की रात सुपर मून (पिंक मून) ने 'चार चांद' लगा दिए। साल के सबसे बड़े आकार में चमकीले चांद ने खूबसूरत नजारा पेश किया। उदय के साथ यह लालिमा लिए रहा और फिर सारी रात इसकी चांदनी धरती को भी रोशन करती रही। सुपर मून के इस खूबसूरत नजारे का वैज्ञानिकों व खगोल प्रेमियों के अलावा आम लोगों ने भी दीदार किया।
बुधवार सुबह 8:05 बजे यह धरती के सबसे नजदीक होगा। मंगलवार शाम जब पश्चिम में सूर्य अस्त हो रहा था, तब पूरब में हल्की लालिमा बिखेरते हुए चांद का उदय हो रहा था। अन्य दिनों की अपेक्षा यह चांद आकार में बड़ा ही नहीं, बल्कि बेहद चमकदार भी था। इसकी चांदनी से मानो धरती भी नहा उठी। धरती के काफी करीब होने के कारण इसकी चमक 15 प्रतिशत ज्यादा और आकार भी यह करीब सात प्रतिशत बड़ा था।
समाचार एजेंसी एएनआई के हवाले से सुपर मून की तस्वीरें पंजाब के लुधियाना से सामने आई हैं। जिसमें चंद्रमा आकार में बड़ा और चमकार दिखाई दे रहा है। सुपर पिंक मून में चांद की रोशनी का खूबसूरत नजारा दिखाई दे रहा है।
Visuals of Super Pink Moon, which is the biggest and brightest full moon of the year 2020, from Ludhiana in Punjab. pic.twitter.com/ojHAkFlnnv — ANI (@ANI) April 7, 2020
पूर्णिमा पर चांद और धरती के बीच की दूरी कम हो जाती है, जिससे चंद्रमा की चमक बढ़ी हुई दिखाई देती है। सुपर पिंक मून के दौरान चंद्रमा सामान्य से 14 फीसद बड़ा और 30 फीसद ज्यादा चमकदार नजर आता है। सुपर पिंक मून के देखने से किसी भी प्रकार की परेशानी नहीं होती।
उदय के बाद बढ़ती ही गई आभा
मंगलवार शाम 5:58 बजे चंद्रमा का उदय हुआ। शुरू में यह लालिमा लिए हुए था। बुधवार सुबह 8:05 बजे चांद धरती के सबसे करीब होगा, तब धरती से इसकी दूरी 3,57,085 किमी रह जाएगी। इसके बाद चांद हमसे दूर होता चला जाएगा। अगला पिंक मून 26 अप्रैल 2021 में नजर आएगा।बाद निर्णय लेगी।
क्यों कहा जाता है सुपर पिंक मून
दरअसल पिंक सुपरमून कहलाने के पीछे ना तो धार्मिक वजह है ना कोई वैज्ञानिक। इस नाम के पीछे एक खास फूल है जो इन दिनों अमेरिका और कनाडा में खिलता है जिसे फ्लॉक्स सुबुलता और मॉस पिंक के नाम से जाना जाता है। चैत्र शुक्ल पूर्णिमा के दिन जब सुपर मून नजर आता है उन दिनों ये फूल भी खिले होते हैं जिससे इन फूलों से चांद का नाता जोड़कर लोग इसे पिंक सुपरमून कहने लगे।