Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    अब इतिहास बन जाएगा विस्तारा का सफर, आज से एयर इंडिया समूह का हिस्सा हो जाएगी कंपनी

    By Agency Edited By: Mahen Khanna
    Updated: Mon, 11 Nov 2024 06:00 AM (IST)

    Vistara Air India deal विस्तारा का आज एयर इंडिया समूह में विलय हो जाएगा। इसी के साथ 17 सालों में भारतीय विमानन क्षेत्र में पूर्ण सेवा वाहक कंपनियों की संख्या पांच से घटकर एक रह जाएगी। चूंकि सिंगापुर एयरलाइंस की विस्तारा में 49 प्रतिशत हिस्सेदारी है इसलिए विलय के बाद विदेशी विमानन कंपनी की एयर इंडिया में 25.1 प्रतिशत हिस्सेदारी होगी।

    Hero Image
    Vistara Air India deal विस्तारा की आज आखिरी उड़ान।

    एजेंसी, मुंबई। Vistara Air India deal आज यानी सोमवार को विस्तारा का एयर इंडिया समूह में विलय हो जाएगा। इसी के साथ 17 सालों में भारतीय विमानन क्षेत्र में पूर्ण सेवा वाहक कंपनियों की संख्या पांच से घटकर एक रह जाएगी। चूंकि सिंगापुर एयरलाइंस की विस्तारा में 49 प्रतिशत हिस्सेदारी है, इसलिए विलय के बाद विदेशी विमानन कंपनी की एयर इंडिया में 25.1 प्रतिशत हिस्सेदारी होगी।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    विस्तारा का अस्तित्व खत्म हो जाएगा

    प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआइ) मानदंडों के उदारीकरण के बाद एक विदेशी विमानन कंपनी द्वारा संयुक्त रूप से स्वामित्व वाली एक अन्य भारतीय एयरलाइन का अस्तित्व खत्म हो जाएगा। पूर्ण सेवा वाहक कंपनी उन्हें माना जाता है, जिनके टिकट किराए में सहायक सेवाएं शामिल होती हैं। यह कम लागत वाली विमानन कंपनियों के विपरीत है, जहां सभी अतिरिक्त सेवाओं के लिए अतिरिक्त शुल्क के साथ कम कीमत प्रदान करते हैं।

    FDI में छूट के चलते कई कंपनियां बिकी

    वर्ष 2012 में प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के नेतृत्व वाली संप्रग सरकार ने विदेशी विमानन कंपनियों को एक घरेलू कंपनी में 49 प्रतिशत तक हिस्सेदारी खरीदने की अनुमति दी थी। जिसके परिणामस्वरूप अबूधाबी की एतिहाद एयरवेज ने अब बंद हो चुकी जेट एयरवेज में 24 प्रतिशत हिस्सेदारी खरीदी थी।

    इसके अलावा एयरएशिया इंडिया और विस्तारा का जन्म हुआ। पिछले 10 सालों में परिचालन शुरू करने वाली विस्तारा एकमात्र पूर्ण सेवा वाहक कंपनी थी। 2007 में पूर्ण सेवा वाहक (फुल सर्विस करियर-एफएससी) इंडियन एयरलाइंस के एयर इंडिया में विलय के बाद कम से कम पांच एफएससी परिचालन में थीं।

    समय बीतने के साथ 2012 में किंगफिशर बंद हो गई जबकि एयर सहारा का जेट एयरवेज ने अधिग्रहण कर लिया और उसका नाम बदलकर जेटलाइट कर दिया, लेकिन वह चल नहीं सकी और 2019 में जेट एयरवेज के साथ डूब गई। वहीं एक अन्य एफएससी जेट एयरवेज वित्तीय अनियमितताओं में फंसकर अप्रैल 2019 में बंद हो गई और अब सुप्रीम कोर्ट ने उसकी संपत्ति बेचने का आदेश दिया है। इस तरह 12 नवंबर से एयर इंडिया एकमात्र एफएससी रह जाएगी। 

    भारतीय विमानन क्षेत्र में कम कीमत वाली कंपनियां हावी

    विदेशी हिस्सेदारी वाली भारतीय विमानन कंपनियों की बात करें तो पहली जेट एयरवेज थी, जिसमें अबू धाबी की एतिहाद एयरवेज ने 24 प्रतिशत हिस्सेदारी खरीदी थी। इसके बाद एयरएशिया इंडिया का नंबर आता है, जिसमें 49 प्रतिशत हिस्सेदारी मलेशिया एयरएशिया के पास है और बाकी हिस्सा टाटा के पास है।

    इसके बाद विस्तारा का नंबर आता है, जिसमें सिंगापुर एयरलाइंस की 49 प्रतिशत हिस्सेदारी है और 51 प्रतिशत टाटा समूह के पास है। बढ़ते हवाई यातायात के बीच इस समय कई कम कीमत वाली विमानन कंपनियां सेक्टर में हावी हो रही हैं और इस तरह की एक प्रमुख कंपनी इंडिगो की भारत के बाजार में हिस्सेदारी 60 प्रतिशत के आसपास है। एक वरिष्ठ एयरलाइन अधिकारी के अनुसार, एक पूर्ण सेवा और एक कम लागत वाली एयरलाइन के बीच अंतर करना बहुत मुश्किल हो रहा है। 

    अलग-अलग सेवानिवृत्ति आयु को लेकर एयर इंडिया में नाराजगी

    आज से विस्तारा का एयर इंडिया में विलय प्रभावी हो जाएगा, लेकिन टाटा समूह की दो विमानन कंपनियों के पायलटों ने अलग-अलग सेवानिवृत्ति आयु सीमा को लेकर नाखुशी जताई है। दरअसल, एयर इंडिया में जहां पायलटों और अन्य कर्मचारियों के लिए सेवानिवृत्ति आयु 58 वर्ष है जबकि विस्तारा में यह 60 वर्ष है। वर्तमान डीजीसीए नियमों के तहत, एक पायलट 65 वर्ष की आयु तक सेवा प्रदान कर सकता है। इस साल अगस्त में, एयर इंडिया ने कहा था कि वह सेवानिवृत्ति के बाद पांच साल की अवधि के लिए अनुबंध के आधार पर चुनिंदा पायलटों को रखने का विकल्प चुन सकता है और उनकी सेवा अवधि को 65 वर्ष तक बढ़ा सकता है।