विकसित भारत बिल्डथॉन में स्कूलों ने बढ़-चढ़कर की भागीदारी, ये राज्य सबसे आगे; धर्मेंद्र प्रधान ने लिया जायजा
तमिलनाडु, केरल और पश्चिम बंगाल जैसे राज्यों ने भी विकसित भारत बिल्डथॉन-2025 में सक्रिय रूप से भाग लिया, भले ही वे राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) के कुछ पहलुओं से असहमत हों। इस इनोवेशन चैलेंज में तीन लाख से अधिक स्कूलों के छात्रों ने अपने इनोवेशन का प्रदर्शन किया। उत्तर प्रदेश से सबसे अधिक 78 हजार से अधिक स्कूलों ने भाग लिया। केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने छात्रों के साथ बातचीत की और उनके इनोवेशन की सराहना की।

23 सितंबर को शुरू किया गया विकसित भारत बिल्डथान-2025 (फोटो: @dpradhanbjp)
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। तमिलनाडु, केरल और पश्चिम बंगाल भले ही नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) के कुछ बिंदुओं पर उसके खिलाफ है लेकिन इनोवेशन से देश की नई पीढ़ी को जोड़ने की एनईपी की सिफारिश के साथ वह खड़े है। विकसित भारत बिल्डथॉन-2025 में उत्तर प्रदेश, बिहार और मध्य प्रदेश की तरह इन सभी राज्यों के स्कूलों ने भी बड़े पैमाने पर भागीदारी की है।
इस दौरान सोमवार को आयोजित इनोवेशन चैलेंज में देशभर के तीन लाख से अधिक स्कूलों के बच्चों ने हिस्ला लिया है। साथ ही सभी ने अपने इनोवेशन को प्रदर्शित किया है। केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने स्कूलों के बीच आयोजित इस इनोवेशन चैलेंज में हिस्सा लिया और स्कूली बच्चों के साथ ही उनके इनोवेशन को लेकर बात भी की।
स्कूलों की बड़े पैमाने पर भागीदारी
शिक्षा मंत्रालय की ओर से 23 सितंबर को शुरू किए विकसित भारत बिल्डथान-2025 में जिन राज्यों के स्कूलों की बड़े पैमाने पर भागीदारी थी, उनमें उत्तर प्रदेश सबसे आगे है। जहां से 78 हजार से अधिक स्कूलों ने इसमें हिस्सा लिया है, वहीं बिहार से 15656, कर्नाटक से 19248, तमिलनाडु से 16370, केरल से 4640, पश्चिम बंगाल से 1216, मध्य प्रदेश से 18129, दिल्ली से 4033, हिमाचल प्रदेश से 4575 स्कूलों ने हिस्सेदारी की है।
इनमें से प्रत्येक स्कूल से औसतन तीन से पांच टीमों ने अपने अलग-अलग इनोवेशन के साथ हिस्सा लिया है। गौरतलब है कि छात्र अब अपने प्रदर्शित प्रोटोटाइप को 13 से 31 अक्टूबर तक जमा करेंगे। वहीं इसका मूल्यांकन एक नवंबर से 31 दिसंबर तक किया जाएगा। वहीं इसके परिणाम जनवरी 2026 में जारी किए जाएंगे। इस दौरान जिला, राज्य व राष्ट्रीय स्तर पर बेहतर प्रदर्शन करने वाले छात्रों के बीच एक करोड़ से अधिक पुरस्कार दिया जाएगा।
बच्चों के साथ क्लासरूम में बैठकर प्रधान ने देखी पढ़ाई
बिल्डथान में लाइव इनोवेशन को देखने दिल्ली के कैंट स्थित केंद्रीय विद्यालय पहुंचे केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने स्कूल में चल रही कक्षा एक के बच्चों की क्लासरूम में अचानक से पहुंचे। जहां उन्होंने बच्चों को पढ़ाए जा रहे संख्या जोड़ को रोचक तरीके से पढ़ाने की तकनीक को समझा।
इस दौरान वह काफी देर तक क्लासरूम में पीछे की सीट पर बैठे रहे। एनईपी के तहत स्कूलों में पहली से आठवीं तक के बच्चों को एनसीईआरटी की नई पाठ्यपुस्तकों से पढ़ाया जा रहा है।
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