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    स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों के प्रदर्शन पर अब रहेगी सीधी नजर, प्रत्येक जिले में खुलेगा विद्या समीक्षा केंद्र

    By Jagran NewsEdited By: Devshanker Chovdhary
    Updated: Tue, 12 Sep 2023 11:28 PM (IST)

    स्कूली शिक्षा की गुणवत्ता को बेहतर बनाने की दिशा में एक और बड़ी पहल की गई है। जिसमें स्कूलों के साथ उनमें पढ़ने वाले प्रत्येक बच्चे के प्रदर्शन पर भी अब सीधी नजर रखी जाएगी। इसे लेकर देश भर के सभी जिलों में एक विद्या समीक्षा केंद्र खोला जाएगा। जो स्कूल और उनमें पढ़ने वाले एक-एक बच्चे के प्रदर्शन का रीयल टाइम ब्यौरा मुहैया कराएगा।

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    केंद्रों के जरिए स्कूलों में छात्रों से जुड़ी प्रत्येक गतिविधि पर भी रखी जाएगी नजर। (फाइल फोटो)

    अरविंद पांडेय, नई दिल्ली। स्कूली शिक्षा की गुणवत्ता को बेहतर बनाने की दिशा में एक और बड़ी पहल की गई है। जिसमें स्कूलों के साथ उनमें पढ़ने वाले प्रत्येक बच्चे के प्रदर्शन पर भी अब सीधी नजर रखी जाएगी। इसे लेकर देश भर के सभी जिलों में एक विद्या समीक्षा केंद्र खोला जाएगा, जो स्कूल और उनमें पढ़ने वाले एक-एक बच्चे के प्रदर्शन का रीयल टाइम ब्यौरा मुहैया कराएगा।

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    इतना ही नहीं, वह यह भी बताएगा कि किस स्कूल या किस बच्चे के प्रदर्शन में क्या कमी है। इसके आधार पर उसमें जरूरी सुधार भी किए जा सकेंगे। नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) लागू किए जाने के बाद स्कूली शिक्षा में सुधार को लेकर उठाए गए कदमों में यह एक बड़ा माना जा रहा है।

    करीब 15 राज्यों ने दिखाई रुचि

    वैसे तो देश के सभी राज्यों को इसे शुरू करने के लिए कहा गया है, लेकिन गुजरात के बाद उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश, हरियाणा, ओडिशा जैसे करीब पंद्रह राज्यों व केंद्र शासित प्रदेशों ने ही रुचि दिखाई है और इस दिशा में आगे बढ़कर काम भी शुरू किया है। हालांकि इनमें से कई राज्यों ने अभी इसे सिर्फ ट्रायल के रूप में ही शुरू किया है। फिलहाल इसकी उपयोगिता को देखते हुए माना जा रहा है कि आने वाले दिनों में विद्या समीक्षा केंद्र सभी राज्यों के लिए एक आवश्यक जरूरत बन जाएगी।

    शिक्षा मंत्रालय के मुताबिक यह पहल इसलिए भी अहम है क्योंकि अभी प्रत्येक स्कूल और उनमें पढ़ने वाले बच्चों के प्रदर्शन पर नजर रखने की कोई व्यवस्था नहीं है। ऐसे में स्कूलों और उनमें पढ़ने वाले बच्चों के प्रदर्शन से जुड़ी सही जानकारी नहीं मिल पा रही थी। फिलहाल इस नई व्यवस्था के तहत जिले में कितने स्कूल है। प्रत्येक स्कूलों में शिक्षक और जरूरी इंफ्रास्ट्रक्चर की स्थिति क्या है।

    इसके साथ ही स्कूलों में प्रतिदिन कितने बच्चे उपस्थित रहे है। कितने बच्चों ने मिड-डे मील लिया। इसके साथ ही बच्चों का रिपोर्ट कार्ड क्या है। किस विषय में बच्चे ने बेहतर प्रदर्शन किया और किस विषय में वह कमजोर है। खेल-कूद और दूसरी गतिविधियों में उसकी सक्रियता क्या है। आदि का पूरा ब्यौरा जिला स्तर पर तैयार होने वाले विद्या समीक्षा केंद्रों पर रहेगा। जो राज्य और केंद्र स्तर तक भी जोड़ा जाएगा। ताकि स्कूलों के प्रदर्शन से जुड़ी जानकारी को भी जांचा जा सके।

    बच्चों के खराब प्रदर्शन पर शिक्षकों की भी लगेगी क्लास

    विद्या समीक्षा केंद्र सिर्फ स्कूलों से जुड़ा सिर्फ रीयल टाइम डाटा ही मुहैया नहीं कराएगा बल्कि यह भी बताएगा कि किस स्कूल में किस कक्षा में किस विषय में बच्चों को प्रदर्शन तय मानकों के अनुरूप नहीं है। फिलहाल अभी जो योजना बनाई गई है, उसके तहत यदि किसी कक्षा में पचास फीसद से ज्यादा बच्चों का प्रदर्शन खराब पाया जाता है, तो उस विषय को पढ़ाने वाले शिक्षक की क्लास लगेगी।

    केंद्र ऐसे शिक्षकों को न सिर्फ नए सिरे से प्रशिक्षण देने की सिफारिश करेगा बल्कि यदि लगातार उनका प्रदर्शन खराब मिलेगा तो उनके खिलाफ विभागीय कार्रवाई की भी अनुशंसा कर सकेगा। इसके साथ ही यदि किसी विषय में बच्चें का प्रदर्शन लगातार आउट स्टैडिंग रहता है तो उसे क्षेत्र में आगे बढ़ाने के लिए या फिर कलस्टर सेंटर में उसे विशेष कक्षाओं के लिए भी प्रेरित किया जाएगा।

    इन राज्यों में शुरू हुई पहल

    विद्या समीक्षा केंद्र मूलत: गुजरात की मॉडल का है। एनईपी के अमल के दौरान इसे सभी राज्यों के सामने गुजरात ने प्रमुखता से रखा था। जिसे सभी राज्यों ने सर्वसम्मति से इसे अपनाने का फैसला लिया था। बाद में शिक्षा मंत्रालय ने इसे लेकर सभी राज्यों को स्कूलों की संख्या के हिसाब से वित्तीय मदद मुहैया कराई। फिलहाल गुजरात के बाद इसे उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश, हरियाणा, ओडिशा, असम, बिहार, झारखंड, महाराष्ट्र, कर्नाटक, छत्तीसगढ़, पंजाब, मिजोरम, मेघालय, दिल्ली, अरुणाचल प्रदेश, चंड़ीगढ़, अंडमान निकोबार आदि राज्यों व केंद्र शासित प्रदेश लागू करने की दिशा में आगे बढ़े है। बाकी राज्य भी इसकी तैयारी में है।