VIDEO: वायुसेना प्रमुख बीएस धनोआ ने मिग-21 लड़ाकू विमान से तीन बार भरी उड़ान
भारतीय वायुसेना प्रमुख बीएस धनोआ (BS Dhanoa) ने कोयंबटूर में वायुसैनिक अड्डा सुलुर के दौरे पर हैं। इस दौरान उन्होंने मिग-21 लड़ाकू विमान से तीन बार उड़ान भरी।
चेन्नई, एएनआइ। भारतीय वायुसेना प्रमुख बीएस धनोआ (BS Dhanoa) ने कोयंबटूर में वायुसैनिक अड्डा सुलुर के दौरे पर हैं। इस दौरान उन्होंने मिग-21 लड़ाकू विमान से तीन बार उड़ान भरी। यह विमान मिग-21 का टाइप-96 किस्म का विमान था। इसे वायुसेना प्रमुख ने अकेले ही उड़ाया।
#WATCH: Air Chief Marshal Birender Singh Dhanoa flew three solo sorties of MiG-21 T-96 fighter aircraft in Sulur, Tamil Nadu. pic.twitter.com/sfAx3d3mjl
— ANI (@ANI) May 17, 2019
बता दें की यह एयर चीफ की पहली बार पश्चिमी सीमा के महत्वपूर्ण उत्तरलाई एयर बेस का दौरा है। धनोआ ने इस दौरान वायुसैनिकों के साथ संवाद भी किया। उन्होंने कहा कि आज भी मिग-21 बेहतरीन फाइटर प्लेन है। बता दें कि इंडियन एयर फोर्स के पास सबसे अधिक संख्या में मिग श्रेणी के ही विमान हैं।
मिग -21 टाइप -96 आईएएफ के साथ सेवा में अभी भी सिंगल-इंजन फाइटर का सबसे पुराना संस्करण है। बता दें कि एयर चीफ लंबे समय तक मिग-21 को उड़ा चुके हैं। कारगिल युद्ध के दौरान उन्होंने इसी तरह से विमान से कई उड़ान भरकर दुश्मन के ठिकानों पर लगातार हमला बोला था।
गौरतलब है कि मिग-21 सोवियत रूस का बनाया हुआ लड़ाकू विमान है। जिसे पश्चिम में फिशबेड नाम से भी जाना जाता है। 1961 में, भारतीय वायु सेना (IAF)ने मिग -21 खरीदने का विकल्प चुना था। इस सौदे के साथ सोवियत संघ ने भारत को विमान के स्थानीय संयोजन के लिए प्रौद्योगिकी और अधिकारों के पूर्ण हस्तांतरण की पेशकश की थी ।
1964 में, मिग -21 भारतीय वायुसेना को सेवा देने वाला पहला सुपरसोनिक फाइटर जेट बन गया। पायलटों की प्रशिक्षण में कमी के कारण, मिग -21 ने 1965 के भारत-पाकिस्तान युद्ध में एक सीमित भूमिका निभाई।
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