नई दिल्ली, जागरण ब्यूरो। विश्व हिंदू परिषद के पूर्व अंतरराष्ट्रीय अध्यक्ष अशोक सिंघल की याद में वैदिक पुरस्कार दिये जाएंगे। 'भारतात्मा अशोक सिंघल वैदिक पुरस्कार' वैदिक शिक्षा देने वाले सर्वश्रेष्ठ स्कूल, वेदज्ञान में सर्वश्रेष्ठ छात्र और वेद पढ़ाने वाले सर्वश्रेष्ठ शिक्षक तीनों को दिए जाएंगे। पहला वैदिक पुरस्कार पांच अक्टूबर को आरएसएस के सरसंघचालक मोहन भागवत प्रदान करेंगे।
सिंघल फाउंडेशन के जुड़े संजय सिंघल ने कहा कि अशोक सिंघल संघ के प्रचारक होने के साथ-साथ वेद के भी ज्ञाता थे। उन्हें वेद के पठन-पाठन में विशेष रुचि थी। उनके प्रयास से देश में कई वैदिक स्कूलों की स्थापना भी गई थी। वेदों के प्रति उनके लगाव को देखते हुए उनकी याद में वैदिक पुरस्कार देने का फैसला लिया गया। इसके लिए सभी वैदिक स्कूलों से प्रविष्टि मंगाई गई। उन्होंने कहा कि वैदिक पुरस्कार तीन श्रेणियों में दिये जाएंगे। पहली श्रेणी वैदिक शिक्षा ग्रहण कर रहे छात्र, दूसरी उन्हें पढ़ाने वाले शिक्षक और तीसरी श्रेणी वैदिक स्कूल की बनाई गई।
संजय सिंघल के अनुसार देश के सभी स्कूलों से तीनों श्रेणियों में अपनी-अपनी प्रविष्टि भेजने को कहा गया। 14 अगस्त तक आने वाली प्रविष्टियों पर विचार करने के लिए तीन कमेटियों का गठन किया गया। इन कमेटियों में प्रविष्टि भेजने वाले सभी स्कूलों का दौरा किया। छात्रों और शिक्षकों का साक्षात्कार लिया। फिर अपनी ओर से तीनों श्रेणियों में सर्वश्रेष्ठ तीन-तीन विजेताओं के नाम की सिफारिश की। इन सिफारिशों पर विचार करने का काम पांच वैदिक विशेषज्ञों की जूरी ने किया और अंतत एक-एक विजेताओं का चयन किया गया। संजय सिंघल ने कहा कि अब यह पुरस्कार हर साल दिया जाएगा ताकि देश में वैदिक शिक्षा को प्रोत्साहन मिल सके।
पहला भारतात्मा अशोक सिंघल वैदिक पुरस्कार वितरण समारोह का आयोजन पांच अक्टूबर को दिल्ली में किया जाएगा, जिसकी अध्यक्षता मोहन भागवत करेंगे। प्रथम पुरस्कार पाने वाले छात्र को तीन लाख रुपये, शिक्षक को पांच लाख रुपये और स्कूल को सात लाख रुपये की पुरस्कार राशि प्रदान की जाएगी।