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IAS Success Story: घर में रहकर वंदना ने की UPSC की तैयारी, पहले ही प्रयास में मिला 8वां रैंक; बनीं IAS अधिकारी

IAS Vandana Singh Chauhan आज हम आपको हरियाणा की रहने वाली वंदना सिंह चौहान की कहानी बताने जा रहे हैं जिन्होंने घर में ही रहकर सिविल सेवा की तैयारी की और 8वीं रैंक लाकर IAS अधिकारी बन गई। File Photo

By Jagran NewsEdited By: Devshanker ChovdharyPublished: Wed, 22 Mar 2023 06:07 PM (IST)Updated: Wed, 22 Mar 2023 06:07 PM (IST)
IAS Success Story: घर में रहकर वंदना ने की UPSC की तैयारी, पहले ही प्रयास में मिला 8वां रैंक; बनीं IAS अधिकारी
घर में रहकर वंदना ने की UPSC की तैयारी।

नई दिल्ली, ऑनलाइन डेस्क। देश की सबसे प्रतिष्ठित सिविल सेवा के लिए हर साल लाखों युवा, संघ लोक सेवा सेवा आयोग (UPSC) की परीक्षा देते हैं, लेकिन इसमें सफलता सभी के हाथ नहीं लगती है। संघ लोक सेवा आयोग की परीक्षा कठिन होने की वजह से इसे पास करना आसान नहीं होता है। ऐसे में युवा महंगी कोचिंग में दाखिला लेते हैं और तैयारी करते हैं।

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हालांकि, इसके बाद भी सफलता की कोई गारंटी नहीं होती है। आज हम आपको हरियाणा की रहने वाली वंदना सिंह चौहान की कहानी बताने जा रहे हैं, जिन्होंने घर में ही रहकर सिविल सेवा की तैयारी की और 8वीं रैंक लाकर IAS अधिकारी बन गई।

वंदना सिंह चौहान का परिचय

वंदना सिंह चौहान मूलरूप से हरियाणा के नसरूल्लागढ़ की रहने वाली हैं। उनका जन्म संयुक्त परिवार में हुआ था। वहीं, आसपास की पृष्ठभूमि की वजह से परिवार को बेटी के अधिक पढ़ने पर भी शिकायत थी, लेकिन उनके पिता महिपाल सिंह चौहान ने उन्हें मुरादाबाद स्थित गुरूकुल में भेज दिया, जहां से उन्होंने अपनी स्कूली शिक्षा पूरी की।

वंदना का LLB में दाखिला

वंदना सिंह चौहान ने अपनी स्कूली शिक्षा पूरी होने के बाद आगरा के डॉ. बीआर अंबेडकर विश्वविद्यालय में LLB में दाखिला लिया। हालांकि, परिवार के अधिक सहयोग नहीं करने पर उन्होंने घर में ही रहकर पढ़ना शुरू किया। वह किताबों को ऑनलाइन ऑर्डर किया करती थी या फिर अपने भाई को किताबें लाने के लिए भेजती थी। इस तरह से उन्होंने अपनी स्नातक की पढ़ाई पूरी की।

घर में रहकर 10 घंटे से अधिक की पढ़ाई

वंदना ने अपनी स्नातक की पढ़ाई पूरी होने के बाद सिविल सेवाओं में जाने का मन बनाया और इसकी तैयारी शुरू की। हालांकि, इस बार भी उन्होंने बाहर नहीं निकलने का निर्णय लिया और घर में ही रहकर तैयारी करना शुरू की। वंदना दिन में 10 से 12 घंटे अपनी पढ़ाई पर ध्यान देती थी। तैयारी के दौरान भी परिवार का अधिक साथ नहीं मिला, लेकिन उनके भाई ने उनका पूरा सहयोग किया।

2012 में 8वीं रैंक के साथ बनीं IAS

वंदना ने अपनी पूरी तैयारी होने के बाद साल 2012 में पहला प्रयास किया और वह प्रीलिम्स की परीक्षा को पास कर गई। इसके बाद उन्होंने मेंस का और अच्छे से रिविजन किया और उन्होंने मेंस की परीक्षा में भी सफलता पाई। साथ ही इंटरव्यू में भी उन्होंने बेहतर प्रदर्शन करते हुए 8वीं रैंक प्राप्त की और IAS अधिकारी बन गई।


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