उत्तराखंड के गवर्नर की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने सरकार से मांगा जवाब
पद से हटाए जाने को लेकर बनाए जा रहे दबाव के खिलाफ उत्तराखंड के रा'यपाल अजीज कुरैशी द्वारा दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार से जवाब तलब किया है। याचिका पर सुनवाई करते हुए मुख्य न्यायाधीश आरएम लोढा ने केंद्र से छह हफ्ते में जवाब दाखिल करने को कहा है।
देहरादून। पद से हटाए जाने को लेकर बनाए जा रहे दबाव के खिलाफ उत्तराखंड के राज्यपाल अजीज कुरैशी द्वारा दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार से जवाब तलब किया है। याचिका पर सुनवाई करते हुए मुख्य न्यायाधीश आरएम लोढा ने केंद्र से छह हफ्ते में जवाब दाखिल करने को कहा है।
गौरतलब है कि राज्यपाल कुरैशी ने अपनी याचिका में मोदी सरकार के फैसले पर सवाल उठाते हुए कहा था कि राज्यपाल का पद एक संवैधानिक पद है जिस पर आसीन व्यक्ति को हटने के लिए दबाव बनाना गलत है। इसके साथ ही उन्होंने साफ कर दिया था कि वह पद नहीं छोड़ेंगे।
केंद्र में जबसे मोदी सरकार आई है तभी से यूपीए सरकार द्वारा नियुक्त किए गए कई राज्यपालों पर पद छोड़ने को लेकर दबाव बनाया जा रहा है। मीडिया में आई खबरों के मुताबिक केंद्रीय गृह सचिव ने खुद कई पूर्व राज्यपालों को इस बाबत फोन किया था। इस रवैये से खफा होकर ही कुरैशी ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है।
अपनी याचिका में राज्यपाल को केवल राष्ट्रपति ही पद छोड़ने के लिए कह सकते हैं। उनकी नियुक्ति भी राष्ट्रपति की मर्जी पर ही होती है। कुरैशी ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट यह पहले ही साफ कर चुका है कि राज्यपाल सरकारी कर्मचारी नहीं होता है।
इसके पूर्व मोदी सरकार के आने के बाद से गोवा के राज्यपाल बीवी वांचू, पश्चिमी बंगाल के राज्यपाल एमके नारायणन, और छत्तीसगढ़ के राज्यपाल अपने पद से केंद्र के दबाव के चलते इस्तीफा दे चुके हैं। वहीं कमला बेनीवाल को मिजोरम की गर्वनर पद से हटाया गया था।