यूपी में अनोखी गवर्नरी कर विदा हुए अजीज कुरैशी
लखनऊ। एक सादे समारोह के बाद आज सुबह राज्यपाल अजीज कुरैशी राजभवन से विदा हो गए। परंपरागत औपचारिकताओं के साथ उन्हें विदाई दी गई। उनका कार्यकाल एक रहा। विदाई के समय उनके साथ उनके स्टाफ के सदस्य और गण्यमान्य लोग थे। गत 23 जून को राज्यपाल का पदभार संभालने के बाद उन्होंने कहा था कि राजभवन में क्या होगा, कैसे होगा यह वह खु
लखनऊ। एक सादे समारोह के बाद आज सुबह राज्यपाल अजीज कुरैशी राजभवन से विदा हो गए। परंपरागत औपचारिकताओं के साथ उन्हें विदाई दी गई। उनका कार्यकाल एक रहा। विदाई के समय उनके साथ उनके स्टाफ के सदस्य और गण्यमान्य लोग थे। गत 23 जून को राज्यपाल का पदभार संभालने के बाद उन्होंने कहा था कि राजभवन में क्या होगा, कैसे होगा यह वह खुद तय करेंगे कोई और नहीं। एक माह पहले राजभवन आए अजीज कुरैशी ने परंपरा कुछ हटकर गवर्नरी की। राजभवन में जनता दरबार का मामला और जौहर विश्वविद्यालय जैसे प्रकरण पर वह कुछ राजनीतिक दलों को खटके भी लेकिन इसके बावजूद वह जाते-जाते यह कहकर कि अगर भगवान भी धरती पर उतर आएं तो दुष्कर्म को पूरी तरह रोका नहीं जा सकता, विवादों को धार दे गए।
राज्यपाल पद लायक नहीं कुरैशी : भाजपा
भाजपा की ओर से राज्यपाल के अधिकतर फैसलों पर एतराज जताया जाता रहा है। सामूहिक दुराचार मसले पर उनके बयान से भाजपा के तेवर उग्र हो गए। प्रदेश अध्यक्ष लक्ष्मीकांत वाजपेयी ने कहा कि राज्यपाल अजीज कुरैशी का आचरण पद और गरिमा के अनुरूप नहीं रहा। भगवान भी धरती पर उतर आए तो बलात्कार की घटनाओं को रोक नहीं सकते' जैसे बयान से उन्होंने पद की गरिमा के साथ लोगों की भावनाओं को भी आहत किया और इन बयानों से साबित होता है कि कुरैशी सांविधानिक पदों पर रहने योग्य नहीं हैं। वाजपेयी ने राज्यपाल से त्यागपत्र देने की मांग करते हुए प्रदेश की जनता से माफी मांगने को भी कहा है।
अब राज्यपाल कुरैशी बोले. भगवान भी नहीं रोक सकते उप्र में दुष्कर्म