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    'कानूनी पेशे में सरल भाषा का उपयोग जरूरी', जस्टिस खन्ना बोले- विवादों को सुलझाने के लिए होते हैं कानून

    By AgencyEdited By: Sonu Gupta
    Updated: Mon, 25 Sep 2023 01:48 AM (IST)

    बार काउंसिल आफ इंडिया (बीसीआइ) द्वारा आयोजित अंतरराष्ट्रीय अधिवक्ता सम्मेलन के समापन सत्र को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि कानून विवादों को सुलझाने के लिए होते हैं न कि खुद विवादित बनने के लिए। जस्टिस खन्ना ने कहा कि कानून की सरलता यानी आम आदमी की समझ में आने वाली भाषा के इस्तेमाल पर अधिक ध्यान देने की जरूरत है।

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    सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश जस्टिस संजीव खन्ना ने बीसीआइ द्वारा आयोजित अंतरराष्ट्रीय अधिवक्ता सम्मेलन के समापन सत्र को किया संबोधित।

    नई दिल्ली, पीटीआई। सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश जस्टिस संजीव खन्ना ने रविवार को कहा कि कानूनी पेशे में सरल भाषा के उपयोग की जरूरत है, ताकि लोग सोच-समझकर निर्णय ले सकें और वे अनजाने में कोई उल्लंघन करने से बच सकें।

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    आम आदमी की समझ में आने वाली भाषा के इस्तेमाल पर जोर

    बार काउंसिल आफ इंडिया (बीसीआइ) द्वारा आयोजित अंतरराष्ट्रीय अधिवक्ता सम्मेलन के समापन सत्र को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि कानून विवादों को सुलझाने के लिए होते हैं, न कि खुद विवादित बनने के लिए। जस्टिस खन्ना ने कहा कि कानून की सरलता यानी आम आदमी की समझ में आने वाली भाषा के इस्तेमाल पर अधिक ध्यान देने की जरूरत है।

     क्या कानून एक पहेली है, जिसे हल करने की आवश्यकता है? कानून विवादों को सुलझाने के लिए होते हैं, न कि स्वयं विवादित बनने के लिए। कानून आम आदमी के लिए रहस्य नहीं होना चाहिए। कानून को इस तरह नहीं लिखा जाना चाहिए कि सिर्फ कानूनी विशेषज्ञ उसे समझ सकें। कानून हमारे दैनिक जीवन में लगभग हर चीज को नियंत्रित करते हैं। इसलिए सरल भाषा का इस्तेमाल आवश्यक है।

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    कानूनी पेशे में सरल भाषा के इस्तेमाल की जरूरतः जस्टिस खन्ना

    उन्होंने कहा कि कानूनी पेशे में सरल भाषा के इस्तेमाल की इसलिए जरूरत है, ताकि लोग सोच-समझकर निर्णय ले सकें। यह हमारे निर्णयों और फैसलों पर भी समान रूप से लागू होता है।

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