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    जापान, फिलीपींस और इंडोनेशिया के साथ ट्रंप की 'डील' फाइनल, भारत पर क्या होगा असर?

    Updated: Wed, 23 Jul 2025 08:18 PM (IST)

    अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने जापान फिलीपींस और इंडोनेशिया के साथ कारोबारी समझौते किए हैं जिससे वैश्विक व्यापार पर असर पड़ेगा। इन देशों से भारत ने पहले ही आर्थिक समझौते कर रखे हैं जिनकी समीक्षा हो रही है। विशेषज्ञों ने भारत को अमेरिका के साथ व्यापार समझौते में सतर्क रहने की सलाह दी है।

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    भारत के कारोबारी संबंधों पर भी असर पड़ने की संभावना (फोटो: रॉयटर्स)

    जयप्रकाश रंजन, नई दिल्ली। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने पिछले कुछ घंटों के दौरान एशिया के तीन बड़े देशों जापान, फिलीपींस और इंडोनेशिया के साथ कारोबारी समझौते का एलान किया है। जानकारों का कहना है कि अमेरिका का इन तीन एशियाई देशों के साथ किया जाने वाला समझौता ना सिर्फ वैश्विक कारोबारी ढांचे पर दूरगामी असर डालेगा बल्कि इन तीनों देशों के साथ भारत के कारोबारी संबंधों पर भी असर होगा।

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    इन तीनों देशों से भारत ने डेढ़ दशक पहले ही आर्थिक समझौता कर रखा है और अभी इन तीनों देशों के साथ किए गए विशेष आर्थिक सहयोग समझौते की समीक्षा भी की जा रही है। भारत ने जापान के साथ वर्ष 2011 में समग्र आर्थिक साझेदारी समझौता (सीईपीए) किया था जबकि इंडोनेशिया और फिलीपींस की सदस्यता वाले दक्षिण पूर्वी एशियाई देशों के संगठन आसियान के साथ वर्ष 2010 में ही मुक्त व्यापार समझौता (एफटीए) कर रखा है।

    जापान के साथ समझौते पर उत्साही ट्रंप

    कुछ विशेषज्ञों ने भारत को यह सुझाव दिया है कि इन तीनों देशों के साथ समझौते से सीख लेते हुए वह अमेरिका के साथ भावी ट्रेड एग्रीमेंट को लेकर सतर्कता बरते। जापान के साथ किए गए कारोबारी समझौते को राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने दुनिया की सबसे बड़ी ट्रेड डील करार दिया है। इसके मुताबिक जापान से अमेरिका को होने वाले निर्यात पर 15 प्रतिशत का शुल्क लगेगा और जापान अमेरिका में 550 अरब डॉलर का निवेश भी करेगा। अमेरिकी आयात पर जापान में कोई शुल्क नहीं लगेगा।

    इस घोषणा के बाद जापान के शेयर बाजार में टोयोटा, होंडा, निशान जैसी कंपनियों के शेयर में भारी उछाल देखने को मिला है। भारत में टोयोटा, होंडा जैसी कंपनियां पहले से कार्यरत हैं, जिन्हें उम्मीद है कि अमेरिकी बाजार में उनके उत्पादों की मांग बढ़ेगी। आटोमोबाइल सेक्टर के जानकारों का कहना है कि ये जापानी कंपनियां भारत निर्मित उत्पादों को अमेरिका में बेचने के लिए उत्साहित होंगी। 15 प्रतिशत शुल्क लगने के बावजूद इन कंपनियों के लिए भारत निर्मित उत्पादों को अमेरिका भेजना ज्यादा किफायती साबित होगा।

    फिलीपींस और इंडोनेशिया पर लगेगा इतना शुल्क

    • अमेरिका ने अब फिलीपींस और इंडोनेशिया से आयात पर 19-19 प्रतिशत का शुल्क लगाने का फैसला किया है। शुल्क की यह दर पूर्व में राष्ट्रपति ट्रंप की तरफ से की गई घोषणा से कम है। जबकि इन देशों को अमेरिकी निर्यात पर कोई शुल्क नहीं लगेगा। साथ ही इन देशों की तरफ से अमेरिकी आयात पर किसी भी तरह का गैर-शुल्कीय बाधाएं नहीं लगाई जाएंगी।
    • चूंकि ये दोनों देश आसियान के सदस्य हैं और अभी भारत आसियान के साथ किए गए अपने ट्रेड समझौते की समीक्षा करने पर जोर दे रहा है। भारत का मानना है कि एफटीए से आसियान देशों को ज्यादा फायदा हुआ है। दोनों देशों के वाणिज्य व उद्योग मंत्रालय के अधिकारियों के बीच इस बारे में नौ दौर की वार्ता हो चुकी है।

    अमेरिकी समझौते को प्राथमिकता दे रहे आसियान देश

    एक अधिकारी ने कहा, 'आसियान देश अमेरिका के साथ अपने कारोबारी रिश्तों को ज्यादा प्राथमिकता दे रहे हैं। भारत के साथ एफटीए समीक्षा पर नौ दौर की वार्ता के बाद भी कोई खास प्रगति नहीं है लेकिन इन देशों ने अमेरिकी राष्ट्रपति के दबाव में सिर्फ दो महीने में ही अमेरिका के कारोबारी हितों की रक्षा करने वाला समझौता कर लिया है।'

    उन्होंने कहा कि हमें देखना होगा कि कहीं शून्य शुल्क व बगैर किसी गैर-शुल्कीय बाधा के अमेरिकी उत्पाद इन देशों में ज्यादा तेजी से घुसपैठ नहीं कर जाए। भारत आसियान के बीच वर्ष 2023-24 में 121 अरब डॉलर का द्विपक्षीय कारोबार हुआ था।

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