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    अमेरिकी टैरिफ से भारतीय निर्यात पर खतरा, FIEO ने जताई चिंता

    Updated: Tue, 26 Aug 2025 11:30 PM (IST)

    फेडरेशन ऑफ इंडियन एक्सपोर्ट आर्गेनाइजेशन (फियो) ने भारतीय वस्तुओं पर अमेरिका के उच्च टैरिफ पर चिंता व्यक्त की है। इस शुल्क के कारण तिरुपुर नोएडा और सूरत में वस्त्र निर्माताओं ने उत्पादन रोक दिया है जिससे भारत का 55% निर्यात प्रभावित होगा। फियो के अध्यक्ष एससी रल्हन ने सरकार से निर्यातकों को तत्काल मदद देने का आग्रह किया है।

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    अमेरिकी टैरिफ से भारतीय निर्यात पर खतरा (फाइल फोटो)

    डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। निर्यातकों के प्रमुख संगठन फेडरेशन ऑफ इंडियन एक्सपोर्ट आर्गेनाइजेशन (फियो) ने मंगलवार को भारतीय वस्तुओं पर उच्च अमेरिकी टैरिफ को लेकर गंभीर चिंता जताई।

    संगठन ने बताया कि ऊंचे शुल्क से प्रतिस्पर्धा बढ़ने के कारण तिरुपुर, नोएडा और सूरत में वस्त्र और परिधान निर्माताओं ने उत्पादन रोक दिया है। फियो के प्रेसिडेंट एससी रल्हन ने उच्च टैरिफ एक झटका बताते हुए कहा कि यह भारत के अमेरिका के लिए निर्यात को गंभीर रूप से प्रभावित कर सकता है।

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    कितना निर्यात होगा प्रभावित

    उन्होंने बताया कि इस टैरिफ से भारत की ओर से अमेरिका को किया जाने वाले करीब 55 प्रतिशत निर्यात प्रभावित होगा, जिसका मूल्य 47-48 अरब डालर के करीब है। उन्होंने बताया कि अब भारत का अमेरिका को केवल 30-35 प्रतिशत निर्यात ही चीन, वियतनाम, कंबोडिया, फिलीपींस और अन्य एशियाई देशों के मुकाबले प्रतिस्पर्धी रह गया है।

    उन्होंने सरकार से निर्यातकों तत्काल मदद देने पर जोर दिया। कार्यशील पूंजी और तरलता बनाए रखने के लिए ब्याज सबवेंशन योजनाओं और निर्यात क्रेडिट समर्थन को बढ़ावा देना प्रमुख है। रल्हन ने एक वर्ष की अवधि के लिए ऋणों के मूलधन और ब्याज के भुगतान पर स्थगन की भी अपील की।

    किन देशों से हो सकता है समझौता

    इसके अलावा, उत्पादन से जुड़ी प्रोत्साहन (पीएलआइ) योजनाओं का विस्तार करने और बुनियादी ढांचे को बढ़ाने की मांग की। उन्होंने यूरोपीय संघ, ओमान, चिली, पेरू, अफ्रीका और अन्य लैटिन अमेरिकी देशों के साथ जल्द व्यापार समझौते करने की भी अपील की।

    रोजगार पर पड़ेगा असर

    ग्लोबल ट्रेड रिसर्च इंशिएटिव (GTRI) ने कहा है कि अमेरिका के इस फैसले से बड़ी संख्या में रोजगार प्रभावित हो सकते हैं। गत वित्त वर्ष 2024-25 में भारत ने अमेरिका में 86 अरब डालर का निर्यात किया था। जीटीआरआइ का अनुमान है कि इससे कुल निर्यात में 43 प्रतिशत तक की गिरावट आ सकती है। वहीं, रोजगारपरक सेक्टर के निर्यात में 70 प्रतिशत तक की गिरावट आने की आशंका है।

    (समाचार एजेंसी PTI के इनुपट के साथ)