US Navy: 'मौत को गले लगाने जैसी ट्रेनिंग', लादेन का खात्मा करने वाली अमेरिकी सेना में ऐसे तैयार होते हैं सैनिक
US Navy SEAL अमेरिका ने 2 मई को खतरनाक आतंकी ओसामा बिन लादेन को मारकर वर्ल्ड ट्रेड सेंटर पर हुए 9/11 हमले का बदला लिया था। ऑपरेशन को अंजाम तक पहुंचाने वाली अमेरिकी सेना को खतरनाक ट्रेनिंग के लिए जाना जाता है आइए जानें नेवी सील की ट्रेनिंग की कहानी।
नई दिल्ली, ऑनलाइन डेस्क। Osama Bin Laden Death वर्ष 2011 को आज ही के दिन आतंकी संगठन अल कायदा के तत्कालीन प्रमुख ओसामा बिन लादेन को अमेरिकी सेना ने उसके घर में घुसकर मारा था। आधी रात को अमेरिकी सेना ने पाकिस्तान के एबटाबाद में 'Operation Neptune Spear' चलाकर लादेन का खात्मा किया था। ओसामा को मारकर अमेरिका ने 11 सितंबर 2001 को वर्ल्ड ट्रेड सेंटर पर हुए हमले का बदला लिया था, जिसे अल कायदा ने अंजाम दिया था।
ओसामा को मारने के लिए कैसे अमेरिका ने अभियान चलाया था यह तो कई बार आपने पढ़ा होगा, लेकिन उसका खात्मा करने वाली अमेरिकी सेना US Navy SEAL की ट्रेनिंग कितनी खतरनाक होती है और उसके जवान को कैसे मौत के मुंह में जाना पड़ता है, आज हम इस बारे में बताएंगे। आइए जानें, अमेरिकी नौ सेना नेवी सील की ट्रेनिंग की कहानी...
ट्रेनिंग के दौरान चली जाती है जवान की जान
US Navy SEAL की ट्रेनिंग सबसे खतरनाक मानी जाती है। इस सेना के सील (कमांडो) बनने के लिए दृढ़ निश्चयी और खतरों से खेलने का जज्बा होना बहुत जरूरी है। इन जवानों को अकल्पनीय इच्छाशक्ति और उनकी क्रूरता के लिए जाना जाता है। ट्रेनिंग के दौरान कई जवानों की जान तक चली जाती है। नेवी सील का प्रशिक्षण ले रहे जवानों से कई ऐसे कार्य करवाए जाते हैं जो कई बार उत्पीड़न से कम नहीं लगते।
हाथ पैर बांध समुद्र में डुबो दिया जाता
ट्रेनिंग के दौरान जवान को कई मुश्किल घटनाओं की सीख दी जाती है। हाथ पैर बांधकर अगर किसी को समुद्र में फैंक दिया जाए तो ऐसी स्थिति में कैसे बचना है, इसकी ट्रेनिंग भी यहां दी जाती है। सैनिकों को कई किलोमीटर की दौड़ भी लगानी होती है। इस दौरान एक जवान को 300 किमी से ज्यादा चलना भी होता है। समुद्र के रेतीले पानी में भारी भरकम लकड़ी पकड़कर कई घंटों रहना भी इसकी ट्रेनिंग का हिस्सा है।
'हेल वीक' में 75 फीसद सैनिक मान लेते हैं हार
US Navy SEAL की ट्रेनिंग इतनी खतरनाक होती है कि इसमें भाग लेने आए 75 फीसद सैनिक हार मानकर घर वापस लौट जाते हैं। यह ट्रेनिंग एक हफ्ते तक की होती है और इसे हेल वीक कहा जाता है। इसमें मानसिक और शरीरिक दोनों रूप से दर्द सहते हुए कई बाधाओं से पार पाना होता है।
फिजिकल टेस्ट देना होता है
- जवान को 10 मिनट के अंदर 500 यार्ड ब्रेस्ट या साइड स्ट्रोक तैरना होता है।
- दो मिनट में कम से कम 50 पुश-अप्स करने पड़ते हैं।
- दो मिनट में 50 उठक-बैठक करनी होती है।
- कई पुल-अप्स करने होते, जिसकी कोई समय सीमा नहीं होती है।
- 1.5 मील दौड़ना भी पड़ता है।
ये सब भी ट्रेनिंग में शामिल
साढ़े पांच दिन तक चलने वाले हेल वीक ट्रेनिंग में जवान की सहनशीलता और दृढ़ता जांची जाती है। दर्द और ठंड सहना, टीम में काम करने की क्षमता और कम नींद लेने की इसमें ट्रेनिंग दी जाती है। इसमें 9 मिनट 2 किमी से ज्यादा भागना होता है और कई बार तो नाव को सिर पर रखकर भी चलना होता है।
बता दें कि इसमें अभ्यर्थी को कई खेल भी खिलवाए जाते हैं। शुरूआत में ट्रेनिंग के लिए सफेद टीशर्ट और बाद में नेवी सील बनने के बाद उन्हें भूरी शर्ट दी जाती है।
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