अमेरिका ने वियतनाम के साथ किया ट्रेड एग्रीमेंट, भारत के साथ अगले हफ्ते फाइनल हो सकती है डील; चीन के लिए हुई मुश्किल
खबर है कि अमेरिका और भारत के बीच जल्द ही व्यापार समझौता हो सकता है। अमेरिका भारत पर कृषि उत्पादों के आयात शुल्क में कटौती करने का दबाव बना रहा है। भारत अनाज को छोड़कर कई कृषि उत्पादों के आयात के लिए दरवाजे खोल सकता है। बदले में भारत को टेक्सटाइल और इंजीनियरिंग वस्तुओं के निर्यात पर शुल्क में राहत मिल सकती है।

जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने गुरुवार को वियतनाम के साथ व्यापार समझौता करने का एलान कर दिया। माना जा रहा है कि अमेरिका का अगला व्यापार समझौता भारत के साथ होने जा रहा है। अमेरिका और भारत के बीच शुक्रवार को या फिर अगले सोमवार तक अंतरिम व्यापार समझौते की घोषणा हो सकती है।
अमेरिका भारत पर कृषि और डेयरी उत्पादों के लिए आयात शुल्क में कटौती करने का दबाव बना रहा है। सूत्रों का कहना है कि अनाज और जेनेटिकली मोडिफाइड (जीएम) उत्पादों को छोड़ अन्य कई कृषि उत्पादों के आयात को लेकर भारत अमेरिका के लिए अपने दरवाजे खोल सकता है।
निर्यात शुल्क में राहत मिलने की उम्मीद
बदले में भारत को टेक्सटाइल, लेदर, जेम्स व ज्वैलरी, इंजीनियरिंग गुड्स, इलेक्ट्रॉनिक्स जैसे रोजगारपरक सेक्टर में अमेरिका होने वाले निर्यात के शुल्क में बड़ी राहत मिल सकती है जिससे देश में मैन्यूफैक्चरिंग और रोजगार को प्रोत्साहन मिलेगा। लेकिन डेयरी उत्पादों के आयात को लेकर भारत अमेरिका के लिए अपने दरवाजे नहीं खोलने जा रहा है।
वियतनाम के साथ व्यापार समझौते में अमेरिका ने वियतनाम से अमेरिका आने वाली वस्तुओं पर 20 प्रतिशत का शुल्क लगाया है। वहीं, अगर वियतनाम के रास्ते किसी अन्य देश का माल अमेरिका भेजा जाता है तो उस पर 40 प्रतिशत का शुल्क लगेगा। विदेश व्यापार विशेषज्ञों का कहना है कि वियतनाम के रास्ते चीन अपने काफी माल को अमेरिका भेजने काम करता है, इसे ध्यान में रखते हुए अमेरिका ने 40 प्रतिशत का शुल्क लगाया है।
चीन को लग सकता है झटका
- चीन पर अमेरिका ने 30 प्रतिशत का शुल्क लगा रखा है। ऐसे में वियतनाम के रास्ते चीन को अमेरिका में अपने माल भेजना और महंगा पड़ेगा। अमेरिका के बाजार में भारत का मुख्य मुकाबला चीन और वियतनाम जैसे देशों से ही है। अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप के पहले कार्यकाल में चीन और अमेरिका के बीच व्यापार युद्ध का सबसे अधिक फायदा वियतनाम को मिला था। इस दौरान अमेरिका में होने वाले वियतनाम के निर्यात में काफी बढ़ोतरी हुई।
- वियतनाम अमेरिका में 135 अरब डॉलर का निर्यात करता है जबकि भारत का निर्यात 90 अरब डॉलर का है। जानकारों का कहना है कि अगर अमेरिका के साथ अंतरिम व्यापार समझौते में भारत पर वियतनाम की तुलना में अगर कम शुल्क लगता है तो इससे भारतीय निर्यात को निश्चित रूप से फायदा मिलेगा। जानकारों ने बताया कि ट्रंप ने अप्रैल में 50 से अधिक देशों के लिए पारस्परिक शुल्क की घोषणा की थी तब वियतनाम पर 46 प्रतिशत तो भारत पर 26 प्रतिशत का शुल्क लगाने का ऐलान किया गया था।
- अब इस पारस्परिक शुल्क की जगह ट्रंप ने व्यापार समझौते में वियतनाम पर 20 प्रतिशत का शुल्क लगाया है और इस हिसाब से भारत के साथ समझौते में अमेरिका 10-15 प्रतिशत के बीच शुल्क लगा सकता है। अप्रैल में पारस्परिक शुल्क को 90 दिनों के लिए टाल दिया गया था जिसकी अवधि आगामी आठ जुलाई को समाप्त हो रही है।
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