ट्रंप की टैरिफ पॉलिसी का भारत पर कितना होगा असर, कौन-कौन से सेक्टर्स होंगे प्रभावित?
अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप ने भारत से आयात होने वाले उत्पादों पर 27% टैरिफ लगाने की घोषणा की है। पारस्परिक टैरिफ के तहत यह कदम अमेरिका के व्यापार घाटे को कम करने के उद्देश्य से उठाया गया है। हालांकि ट्रंप का यह फैसला भारत के लिए आपदा की जगह एक सुनहरा अवसर साबित हो सकता है। आइए जानते हैं कि इस पारस्परिक टैरिफ का भारत पर कितना असर होगा...

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भारत के खिलाफ 27 प्रतिशत टैरिफ लगाने का एलान किया है। भारत के साथ-साथ दुनिया के दूसरे देश भी ट्रंप के निशाने पर आए हैं। हालांकि, ट्रंप का यह फैसला भारत के लिए आपदा की जगह एक सुनहरा अवसर साबित हो सकता है। आइए जानते हैं कि इस पारस्परिक टैरिफ का भारत पर कितना असर होगा?
क्या है टैरिफ?
टैरिफ एक तरह का टैक्स है, जो वस्तुओं के आयात पर लगाया जाता है। इसे आयात शुल्क भी कहते हैं। वस्तुओं का आयात करने वाले को यह टैक्स सरकार को देना पड़ता है। आम तौर पर कंपनियां टैरिफ का बोझ ग्राहकों पर डालती हैं।
क्या है पारस्परिक टैरिफ?
पारस्परिक टैरिफ का मतलब है कि कोई देश दूसरे देश पर उतना ही टैरिफ लगाएगा, जितना टैरिफ दूसरा देश उस पर लगा रहा है। ट्रंप ने भी दूसरे देशों को पारस्परिक टैरिफ की धमकी दी थी। उन्होंने कहा था कि हम दूसरे देशों पर उतना ही टैरिफ लगाएंगे, जितना वे हमारे उत्पादों पर लगाते हैं।
अमेरिका भारत पर कितना टैरिफ लगाता है?
भारत से अमेरिका निर्यात किए जा रहे उत्पाद जैसे स्टील, एल्युमिनियम और ऑटो पर पहले से ही 25 प्रतिशत टैरिफ लग रहा है। बाकी उत्पादों पर 5-8 अप्रैल के बीच 10 प्रतिशत टैरिफ लगेगा। इसके बाद 9 अप्रैल से भारत के उत्पादों पर 27 प्रतिशत टैरिफ लगेगा। अमेरिका के टैरिफ वार से 60 से अधिक देश प्रभावित होंगे।
अमेरिका ने क्यों किया है टैरिफ का एलान?
अमेरिका का दावा है कि टैरिफ से अमेरिका में घरेलू मैन्युफैक्चरिंग को बढ़ावा मिलेगा और व्यापार घाटा कम होगा। अमेरिका कई देशों के साथ बड़े पैमाने पर व्यापार असंतुलन का सामना कर रहा है। खा कर चीन के साथ अमेरिका का व्यापार घाटा काफी अधिक है। वस्तुओं के व्यापार में भारत के साथ अमेरिका का व्यापार घाटा 2023-24 में 35.31 अरब डॉलर रहा था।
किन सेक्टर्स को टैरिफ से छूट मिली है?
थिंक टैंक जीटीआरआइ के अनुसार, आवश्यक और रणनीतिक वस्तुओं को टैरिफ से छूट मिली है। जैसे फार्मा, सेमीकंडक्टर, तांबा और ऊर्जा उत्पाद जैसे तेल, गैस, कोयला और एलएनजी।
टैरिफ का भारत पर क्या होगा असर?
भारत सरकार के अधिकारियों के अनुसार, वाणिज्य मंत्रालय अमेरिका द्वारा भारत पर लगाए गए 27 प्रतिशत टैरिफ के प्रभाव का विश्लेषण कर रहा है। हालांकि, इसका असर मिला-जुला होगा और यह भारत के लिए बड़ा झटका नहीं है।
भारत और अमेरिका के बीच व्यापार समझौते पर क्या चल रहा है?
फरवरी में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अमेरिका गए थे। उस समय दोनों देशों ने 2030 तक द्विपक्षीय व्यापार बढ़ाकर 500 अरब डॉलर करने के लिए एक व्यापार समझौते की बात कही थी। दोनों देश समझौते के पहले चरण को इस वर्ष सितंबर-अक्टूबर तक अंतिम रूप देने के लिए बातचीत कर रहे हैं।
क्या है व्यापार समझौता?
व्यापार समझौते में दो व्यापारिक साझीदार देश या तो आयात या निर्यात शुल्क बड़े पैमाने पर घटाते हैं या ज्यादातर उत्पादों पर शुल्क खत्म कर देते हैं। इसके अलावा वे सेवाओं और निवेश में व्यापार को बढ़ावा देने के लिए नियमों को आसान बनाते हैं।
क्या अमेरिका के टैरिफ डब्ल्यूटीओ के नियमों के हिसाब से हैं?
अंतरराष्ट्रीय व्यापार मामलों के विशेषज्ञ अभिजीत दास के अनुसार ये टैरिफ विश्व व्यापार संगठन (डब्ल्यूटीओ) के नियमों का उल्लंघन करते हैं। सदस्य देश के पास अधिकार है वह इनके खिलाफ डब्ल्यूटीओ में जाकर अपील करें।
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