इधर ट्रंप ने पीएम मोदी से की बात, उधर दिल्ली पहुंच गए US राजदूत; कितना अहम है दौरा?
अमेरिकी राजदूत एरिक गार्सेटी की भारत यात्रा महत्वपूर्ण है, खासकर जब डोनाल्ड ट्रंप ने पीएम मोदी से बात की है। इस यात्रा का मुख्य उद्देश्य भारत-अमेरिका रणनीतिक साझेदारी को मजबूत करना है। आर्थिक, रक्षा और क्षेत्रीय सुरक्षा जैसे मुद्दों पर सहयोग बढ़ाने पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा, जिससे दोनों देशों के संबंध और प्रगाढ़ होंगे।

गोर राष्ट्रपति ट्रंप के सबसे करीबी सहयोगियों में से है (फोटो: रॉयटर्स)
जयप्रकाश रंजन, नई दिल्ली। भारत में अमेरिका के नये राजदूत सर्जियो गोर ने अभी अपना कार्यभार तो नहीं संभाला है लेकिन वह गुरुवार को भारत के संक्षिप्त दौरे पर पहुंच गये हैं। सर्जियो गोर और ट्रंप प्रशासन में मैनेजमेंट व रिसोर्स विभाग में उप सचिव माइकल जे रिगास के साथ नौ अक्टूबर से 14 अक्टूबर तक भारत दौरे पर रहेंगे।
इस दौरान उक्त दोनों अधिकारी भारत सरकार के विभिन्न मंत्रालयों के अधिकारियों से मुलाकात करेंगे और भारत व अमेरिका के द्विपक्षीय संबंधों के तमाम आयामों पर बात करेंगे। अमेरिकी सरकार ने अपने इन दो अधिकारियों को जिस दिन भारत भेजा है उसी दिन पीएम नरेन्द्र मोदी और राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के बीच बातचीत हुई है। इस वार्ता के बाद पीएम मोदी ने कहा है कि दोनों देशों के बीच कारोबारी वार्ता में अच्छी प्रगति हुई है।
गोर ट्रंप के करीबियों में से एक
ऐसे में माना जा रहा है कि गोर की बातचीत में भारत-अमेरिका के बीच कारोबारी समझौते का विषय भी शामिल रहेगा। भारत और अमेरिका के संबंधों में यह संभवत: पहला मौका है जब राजदूत ने कार्यभार संभालने से पहले उस देश का दौरा किया और अधिकारियों से बात की है। गोर राष्ट्रपति ट्रंप के सबसे करीबी सहयोगियों में से है।
उन्हें भारत का राजदूत बनाने के साथ ही दक्षिण और मध्य एशिया का दूत भी नियुक्त किया गया है। इसका मतलब यह हुआ कि वह भारत के अलावा समूचे दक्षिण एशिया में अमेरिकी गतिविधियों के बीच सामंजस्य स्थापित करेंगे। इसका अमेरिका और भारत के कूटनीतिक सर्किल में विरोध भी हुआ है।
संक्षिप्त दौरे पर आए हैं गोर
बहरहाल, अमेरिकी विदेश मंत्रालय की तरफ से बताया गया है कि, 'भारत में अमेरिका के राजदूत सर्जियो गोर और मैनेजमेंट व रिसोर्स विभाग के उपसचिव माइकल जे रिगास भारत दौरे पर हैं। अमेरिका भारत के साथ मिल कर सुरक्षित, संपन्न और मजबूत हिंद प्रशांत बनाने के लिए और रणनीतिक साझेदारी मजबूत करने के लिए काम करता रहेगा।'
अमेरिकी दूतावास के प्रवक्ता ने बताया कि, 'गोर का यह संक्षिप्त दौरा है। अभी वह भारत सरकार को बतौर राजदूत अपनी नियुक्ति का प्रपत्र पेश करने नहीं जा रहे हैं। इस बारे में तिथि का निर्धारण बाद में होगा।'
भारत-अमेरिकी रिश्ते के लिए अहम मोड़
गोर उस समय राजदूत का पदभार संभालने जा रहे हैं जब भारत और अमेरिका के संबंध पिछले ढ़ाई दशक के सबसे खराब दौर में है। ट्रंप प्रशासन का रवैया इस बार लगातार भारत के हितों के खिलाफ है। ट्रंप ना सिर्फ भारत पर सबसे ज्यादा (50 फीसद) शुल्क लगा चुके हैं जबकि पाकिस्तानी सेना की भी पीठ थपथपा रहे हैं।
वह लगातार भारत व पाकिस्तान के बीच युद्ध (मई में ऑपरेशन सिंदूर) समाप्त करने का दावा कर रहे हैं जबकि भारत सरकार इस बात से कई बार इनकार कर चुकी है। गोर राष्ट्रपति ट्रंप के सबसे बड़े समर्थक हैं। ऐसे में देखना होगा कि वह भारत व अमेरिका के संबंधों को दीर्घकालिक रणनीतिक दृष्टिकोण से देखते हैं या फिर राष्ट्रपति ट्रंप के राजनीतिक चश्मे से देखते हैं।
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