Parliament: यूपीएससी पर्सनालिटी टेस्ट पूरी तरह भेदभाव मुक्त, इन आरोपों के बाद जितेंद्र सिंह ने संसद में दी जानकारी
केंद्रीय कार्मिक, लोक शिकायत एवं पेंशन राज्य मंत्री डॉ जितेंद्र सिंह ने गुरुवार को राज्यसभा में यह स्पष्ट किया कि यूपीएससी के इंटरव्यू और पर्सनालिटी ट ...और पढ़ें

यूपीएससी पर्सनालिटी टेस्ट पूरी तरह भेदभाव मुक्त- जितेंद्र सिंह ने संसद में दी जानकारी (फोटो- एक्स)
पीटीआई, नई दिल्ली। केंद्रीय कार्मिक, लोक शिकायत एवं पेंशन राज्य मंत्री डॉ जितेंद्र सिंह ने गुरुवार को राज्यसभा में यह स्पष्ट किया कि यूपीएससी के इंटरव्यू और पर्सनालिटी टेस्ट प्रक्रिया में किसी प्रकार का भेदभाव नहीं होता। यह टेस्ट पूरी तरह से भेदभाव, पक्षपात या पूर्वाग्रह से मुक्त है।
उन्होंने कहा कि साक्षात्कार से पहले उम्मीदवारों का चयन पूरी तरह रैंडम प्रक्रिया के आधार पर होता है। इंटरव्यू बोर्ड के सदस्यों को न तो उम्मीदवारों की कैटेगरी के बारे में पता होता है और न ही लिखित परीक्षा अंक के बारे में। जिससे इंटरव्यू केदौरान किसी भी प्रकार के अंजाने या जानबूझकर भेदभाव की संभावना समाप्त हो जाती है।
उन्होंने यह भी कहा कि इंटरव्यू बोर्ड के सदस्यों की पहचान भी उम्मीदवार को नहीं दी जाती। इससे प्रक्रिया पूरी तरह से निष्पक्ष और पारदर्शी रहती है।
पांच वर्षों में 99,000 हेक्टेयर वन भूमि परियोजनाओं के लिए हस्तांतरित की गई
भारत ने 2020 से अब तक 99,000 हेक्टेयर से अधिक वन भूमि को गैर-वानिकी उद्देश्यों के लिए परिवर्तित किया है, जिसमें सड़क, खनन, जलविद्युत और सिंचाई परियोजनाओं का सबसे बड़ा हिस्सा है।
केंद्रीय पर्यावरण राज्य मंत्री कीर्ति वर्धन सिंह ने राज्यसभा को बताया कि 2020-21 और 2024-25 के बीच केवल सड़क परियोजनाओं के लिए 22,233 हेक्टेयर भूमि का उपयोग किया गया, इसके बाद खनन और उत्खनन के लिए 18,914 हेक्टेयर और जलविद्युत और सिंचाई कार्यों के लिए 17,434 हेक्टेयर भूमि का उपयोग किया गया।
बिजली पारेषण लाइनों के लिए 13,859 हेक्टेयर की आवश्यकता थी, जबकि रेलवे परियोजनाओं के लिए 5,957 हेक्टेयर भूमि का उपयोग किया गया।
ई-श्रम पोर्टल पर 31.38 करोड़ से अधिक असंगठित श्रमिक पंजीकृत
श्रम एवं रोजगार राज्य मंत्री शोभा करंदलाजे ने राज्यसभा में बताया कि 27 नवंबर 2025 तक 31.38 करोड़ से अधिक असंगठित श्रमिक ई-श्रम पोर्टल पर पंजीकृत हो चुके हैं।
श्रम और रोजगार मंत्रालय ने आधार से जुड़े असंगठित श्रमिकों (एनडीयूडब्ल्यू) का एक व्यापक राष्ट्रीय डाटाबेस बनाने के लिए 26 अगस्त 2021 को ई-श्रम पोर्टल लांच किया।
ई-श्रम पोर्टल का उद्देश्य असंगठित श्रमिकों को स्व-घोषणा के आधार पर एक सार्वभौमिक खाता संख्या (यूएएन) प्रदान करके उनका पंजीकरण और समर्थन करना है। श्रम और रोजगार मंत्रालय ने 21 अक्टूबर 2024 को ई-श्रम-'वन-स्टाप-साल्यूशन' लांच किया था।
2023-24 के दौरान 17.5 लाख से ज्यादा आरटीआइ आवेदन आए
केंद्रीय कार्मिक राज्य मंत्री जितेंद्र सिंह द्वारा एक लिखित उत्तर में साझा किए गए आंकड़ों के अनुसार, 2023-24 के दौरान सूचना का अधिकार (आरटीआइ) अधिनियम के तहत 17.5 लाख से ज्यादा आवेदन दायर किए गए।
दायर किए गए कुल 17,50,863 ऐसे आवेदनों में से 67,615 खारिज कर दिए गए और 14,30,031 का जवाब दिया गया। 2022-23 के दौरान 16,38,784 आरटीआई आवेदन दायर किए गए।
इनमें से 52,662 खारिज कर दिए गए और 13,15,222 का जवाब दिया गया। आंकड़ों के अनुसार, 2021-22 में 14,21,226 ऐसे आवेदन दायर किए गए, जिनमें से 53,733 को खारिज कर दिया गया और 11,31,757 का जवाब दिया गया।
भारत ने गाजा शांति योजना के पहले चरण पर समझौते का किया स्वागत
विदेश राज्य मंत्री कीर्ति वर्धन सिंह ने एक प्रश्न के लिखित उत्तर में कहा कि भारत ने युद्धविराम, सभी बंधकों की रिहाई और बातचीत व कूटनीति के माध्यम से इजरायल-हमास संघर्ष के शांतिपूर्ण समाधान का आह्वान किया है। नई दिल्ली गाजा शांति योजना के पहले चरण पर समझौते का स्वागत करता है।
इस मुद्दे पर भारत की स्थिति संयुक्त राष्ट्र, ब्रिक्स, गुटनिरपेक्ष आंदोलन और वायस आफ ग्लोबल साउथ जैसे विभिन्न द्विपक्षीय और बहुपक्षीय मंचों पर दोहराई गई है। विदेश मंत्रालय से गाजा में बड़े पैमाने पर लोगों की मौत और गंभीर मानवीय संकट पर भारत का रुख पूछा गया था, जिसे कई अंतरराष्ट्रीय संगठनों ने इजरायल द्वारा किया गया ''नरसंहार'' बताया है।
कीर्ति वर्धन सिंह ने कहा कि भारत ने इजरायल-हमास संघर्ष में लोगों की जान जाने की निंदा की है और फलस्तीन के लोगों को सुरक्षित, निरंतर और समय पर मानवीय सहायता प्रदान करने का आह्वान किया है। भारत ने युद्धविराम, सभी बंधकों की रिहाई और बातचीत एवं कूटनीति के माध्यम से संघर्ष के शांतिपूर्ण समाधान का भी आह्वान किया है।
सरकार नालंदा विश्वविद्यालय को और संसाधन उपलब्ध कराए: संजय झा
जदयू सदस्य संजय झा ने गुरुवार को राज्यसभा में मांग की कि सरकार को नालंदा विश्वविद्यालय को पुनर्जीवित करने और उसका गौरव पुन: प्राप्त करने के लिए और संसाधन उपलब्ध कराने चाहिए। 2023 में नालंदा के पुराने विश्वविद्यालय के भव्य खंडहरों को यूनेस्को की विश्व धरोहर सूची में शामिल किया गया।
जून 2024 में एक नए परिसर का उद्घाटन किया गया। झा ने राज्यसभा में विशेष उल्लेख के दौरान कहा कि नया नालंदा विश्वविद्यालय, जिसमें 2024-25 शैक्षणिक वर्ष में 1,200 से अधिक छात्र नामांकित हैं, एक अंतर्राष्ट्रीय विश्वविद्यालय के रूप में उभर रहा है।
सरकार को अंतरराष्ट्रीय सहयोग, बुनियादी ढांचे, परिसर संरक्षण और डिजिटल बुनियादी ढाँचे में सुधार के लिए और संसाधन उपलब्ध कराने चाहिए।

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