जीएसटी सुधारों का असर, अक्टूबर में UPI पेमेंट का बढ़ा नंबर गेम; हुआ अरबों का लेनदेन
जीएसटी सुधारों के बाद यूपीआई लेनदेन में भारी वृद्धि हुई है। अक्टूबर में 20.70 अरब लेनदेन हुए, जो पिछले साल से 25% अधिक हैं। यूपीआई से 27.28 लाख करोड़ रुपये का लेनदेन हुआ, जो 16% की वृद्धि दर्शाता है। आईएमपीएस से लेनदेन भी बढ़कर 6.42 लाख करोड़ रुपये हो गया है। डिजिटल भुगतान में यूपीआई की महत्वपूर्ण भूमिका है।

यूपीआई से रिकॉर्ड पेमेंट हुई।
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। जीएसटी में किए गए सुधारों का यूनिफाइड इंटरफेस पेमेंट (यूपीआई) लेनदेन पर सकारात्मक असर रहा है। भारतीय राष्ट्रीय भुगतान निगम (एनपीसीआई) के डाटा के अनुसार, अक्टूबर महीने में यूपीआई के जरिये कुल 20.70 अरब लेनदेन हुए हैं।
इसमें पिछले वर्ष की समान अवधि के मुकाबले 25 प्रतिशत की वृद्धि रही है। यूपीआई से लेनदेन की राशि भी वार्षिक आधार पर 16 प्रतिशत बढ़कर 27.28 लाख करोड़ रुपये रही है।
किस महीने कितना हुआ लेनदेन
डाटा के अनुसार, अक्टूबर में मासिक आधार पर भी यूपीआई लेनदेन की राशि में वृद्धि रही है। सितंबर 2025 में यूपीआई के जरिये 24.90 लाख करोड़ रुपये के लेनदेन हुए थे। अक्टूबर में औसत दैनिक लेनदेन की राशि 87,993 करोड़ रुपये रही, जो सितंबर में 82,991 करोड़ रुपये से अधिक है। अक्टूबर में औसत दैनिक लेनदेन की संख्या 66.8 करोड़ रही, जो सितंबर में 65.4 करोड़ से ज्यादा है।
आईएमपीएस के जरिए कितना हुआ लेनदेन
तत्काल धन हस्तांतरण (आईएमपीएस) के माध्यम से मासिक लेनदेन अक्टूबर में दो प्रतिशत बढ़कर 6.42 लाख करोड़ रुपये रहा है। आइएमपीएस के माध्यम से पिछले महीने दैनिक लेनदेन की राशि 20,709 करोड़ रुपये रही, जो सितंबर 2025 में 19,895 करोड़ रुपये से अधिक है।
देश के डिजिटल भुगतान परिदृश्य में यूपीआई की महत्वपूर्ण भूमिका बनी हुई है। बीते सप्ताह जारी हुई वर्ल्डलाइन की इंडिया डिजिटल पेमेंट्स रिपोर्ट के अनुसार, 2025 की पहली छमाही में यूपीआइ लेनदेन में 35 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है। इस दौरान यूपीआई के जरिये 106.36 अरब लेनदेन हुए हैं।

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