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    PFI पर पांच साल के प्रतिबंध पर UAPA ट्रिब्यूनल ने लगाई मुहर, यूएपीए एक्ट के तहत संगठन पर लगाया गया था प्रतिबंध

    By Jagran NewsEdited By: Piyush Kumar
    Updated: Tue, 21 Mar 2023 09:31 PM (IST)

    यूएपीए एक्ट के तहत इस संगठन पर प्रतिबंध लगाया गया था। मामले से जुड़े वकील ने बताया कि ट्रिब्यूनल का नेतृत्व कर रहे दिल्ली हाई कोर्ट के जस्टिस दिनेश ...और पढ़ें

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    यूएपीए से संबंधित ट्रिब्यूनल ने पीएफआइ को गैरकानूनी संगठन घोषित करने के केंद्र सरकार के फैसले पर मुहर लगा दी।

    नई दिल्ली, पीटीआइ।  गैरकानूनी गतिविधियां रोकथाम अधिनियम (यूएपीए) से संबंधित ट्रिब्यूनल ने मंगलवार को कट्टरपंथी इस्लामी संगठन पापुलर फ्रंट आफ इंडिया (पीएफआइ) को गैरकानूनी संगठन घोषित करने और उस पर पांच साल का प्रतिबंध लगाने के केंद्र सरकार के फैसले पर मुहर लगा दी।

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    केंद्र ने बीते साल सितंबर में अधिसूचना जारी कर पीएफआइ को आइएसआइएस जैसे वैश्विक आतंकवादी संगठन से संबंध रखने, आतंकी फंडिंग व हिंसक गतिविधियों में संलिप्तता के चलते भारत में पांच साल के लिए प्रतिबंधित कर दिया था।

    दिल्ली हाई कोर्ट ने केंद्र के फैसले को सही ठहराया

    यूएपीए एक्ट के तहत इस संगठन पर प्रतिबंध लगाया गया था। मामले से जुड़े वकील ने बताया कि ट्रिब्यूनल का नेतृत्व कर रहे दिल्ली हाई कोर्ट के जस्टिस दिनेश कुमार शर्मा ने पीएफआइ पर केंद्र द्वारा लगाए गए प्रतिबंध को सही ठहराते हुए फैसला सुनाया।

    गृह मंत्रालय ने पीएफआइ और उससे जुड़े संगठनों रिहैब इंडिया फाउंडेशन (आरआइएफ), कैंपस फ्रंट आफ इंडिया (सीएफआइ), आल इंडिया इमाम काउंसिल (एआइआइसी), नेशनल कंफेडरेशन आफ ह्यूमन राइट्स आर्गेनाइजेशन, (एनसीएचआरओ), नेशनल वूमन फ्रंट, जूनियर फ्रंट, एम्पावर इंडिया फाउंडेशन और रिहैब फाउंडेशन केरल आदि को गैरकानूनी संगठन घोषित किया था।

    एनआइए ने 150 से अधिक लोगों को पकड़ा था 

    राष्ट्रीय महिला मोर्चा का प्रतिनिधित्व करने वाले अधिवक्ता कार्तिक वेणु ने कहा कि ट्रिब्यूनल ने सभी आठ संगठनों पर प्रतिबंध की पुष्टि की है। एनआइए ने पिछले साल सितंबर में उत्तर प्रदेश, कर्नाटक, गुजरात, दिल्ली, महाराष्ट्र, असम और मध्य प्रदेश आदि राज्यों में छापेमारी कर पीएफआइ से जुड़े 150 से अधिक लोगों को पकड़ा था। साथ ही कई दर्जन संपत्तियों को भी जब्त किया था।

    गृह मंत्रालय की अधिसूचना में कहा गया था कि पीएफआइ के कुछ संस्थापक सदस्य स्टूडेंट्स इस्लामिक मूवमेंट आफ इंडिया (सिमी) के नेता हैं और पीएफआइ के जमात-उल-मुजाहिदीन बांग्लादेश (जेएमबी) के साथ संबंध हैं। बता दें कि जेएमबी और सिमी दोनों प्रतिबंधित संगठन हैं।