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हाईवे निर्माण के लक्ष्य के लिए चाहिए अभूतपूर्व रफ्तार, नवंबर तक 4766 किलोमीटर सड़क का किया गया निर्माण

केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय के मुताबिक नवंबर तक 4766 किलोमीटर सड़क का निर्माण किया गया है। यह लक्ष्य का लगभग 39 प्रतिशत ही है। यह संख्या भी तब हासिल हुई है जब नवंबर में हाई निर्माण की रफ्तार बढ़ी और 705 किलोमीटर सड़क का निर्माण हुआ।

By Jagran NewsEdited By: Piyush KumarPublished: Sat, 10 Dec 2022 06:52 AM (IST)Updated: Sat, 10 Dec 2022 06:52 AM (IST)
हाईवे निर्माण के लक्ष्य के लिए चाहिए अभूतपूर्व रफ्तार, नवंबर तक 4766 किलोमीटर सड़क का किया गया निर्माण
केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय के लिए इस साल लक्ष्य हासिल कर पाना लगभग असंभव नजर आ रहा है।

जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। नवंबर में हाईवे निर्माण की रफ्तार बढ़ाने के बावजूद केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय के लिए इस साल लक्ष्य हासिल कर पाना लगभग असंभव नजर आ रहा है। 12 हजार किलोमीटर हाईवे बनाने का लक्ष्य पूरा करने के लिए मंत्रालय को इस वित्तीय वर्ष की शेष अवधि में प्रतिदिन 61 किलोमीटर से ज्यादा सड़क बनानी होगी। यह ऐसा आंकड़ा है जो अब तक के रिकार्ड से भी लगभग दो गुना है। इस साल भी पिछले साल वाली स्थिति रहने के आसार हैं। पिछले साल शुरुआती लक्ष्य 14600 किलोमीटर हाईवे निर्माण का रखा गया था, लेकिन इसमें लगभग चार हजार किलोमीटर की कमी रह गई थी।

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लक्ष्य हासिल करने के लिए चार महीने में बनानी होगी 7234 किलोमीटर सड़क

मंत्रालय के मुताबिक नवंबर तक 4766 किलोमीटर सड़क का निर्माण किया गया है। यह लक्ष्य का लगभग 39 प्रतिशत ही है। यह संख्या भी तब हासिल हुई है जब नवंबर में हाई निर्माण की रफ्तार बढ़ी और 705 किलोमीटर सड़क का निर्माण हुआ। वित्तीय वर्ष 2022-23 में आठ माह बीत चुके हैं। अब बाकी चार महीने में लक्ष्य हासिल करने के लिए 7234 किलोमीटर सड़क बनानी होगी। मंत्रालय के अधिकारियों का कहना है कि पिछले तीन साल में यही रुझान रहा है, वित्तीय वर्ष के आखिरी छह महीने में निर्माण की रफ्तार तेज होती है। लेकिन इस साल धीमी गति का सिलसिला आखिरी छमाही के पहले दो महीने तक खिसक गया है। मंत्रालय की ओर से हाईवे निर्माण की धीमी रफ्तार का कोई अधिकृत कारण नहीं बताया गया है।

पिछले साल सड़क बनाने की रफ्तार में लगी थी ब्रेक 

माना जा रहा है कि अपेक्षाकृत लंबे चले मानसून सीजन के अलावा कच्चे माल की उपलब्धता में कमी के कारण भी हाई निर्माण की रफ्तार प्रभावित हुई है। इस सुस्ती के बीच एक अच्छी बात यह है कि प्रोजेक्ट अवार्ड करने का सिलसिला पिछले महीने तेज हुआ है। सरकार ने कोरोना के पहले वित्तीय वर्ष 2019-20 में 10,237 किलोमीटर सड़क का निर्माण किया था और तब रफ्तार 28.04 किलोमीटर प्रतिदिन रही थी।

इसके अगले साल यानी कोरोना महामारी के पहले साल में लाकडाउन जैसी पाबंदियों के अप्रत्यक्ष फायदों के साथ हाई निर्माण की रफ्तार काफी तेज हुई और सबसे ज्यादा 13327 किलोमीटर सड़कें बनीं। उस साल 36.51 किलोमीटर प्रतिदिन सड़क निर्माण का रिकार्ड भी कायम हुआ। हालांकि पिछले साल फिर रफ्तार घट गई और 28.64 किलोमीटर प्रतिदिन के आंक़ड़े के साथ कुल 10457 किलोमीटर सड़क ही बनाई जा सकी।


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