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    केंद्रीय मंत्री प्रसाद ने कहा- इंटरनेट मीडिया के लिए रेगुलेटर नियुक्त करने का प्रस्ताव नहीं

    लिए रेगुलेटर नियुक्त करने का प्रस्ताव नहीं रविशंकर प्रसाद नई दिल्ली प्रेट्र। सूचना प्रौद्योगिकी (आइटी) मंत्रालय के पास फिलहाल इंटरनेट मीडिया के लिए कोई रेगुलेटर बनाने का प्रस्ताव नहीं है। केंद्रीय संचार एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री रविशंकर प्रसाद ने बुधवार को लोकसभा में यह जानकारी दी।

    By Bhupendra SinghEdited By: Updated: Wed, 17 Mar 2021 07:41 PM (IST)
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    इंटरनेट मीडिया इंटरमीडियरी समेत अन्य सभी इंटरमीडियरी कंपनियों को कुछ नियमों का अनुपालन करना होगा।

    नई दिल्ली, प्रेट्र। सूचना प्रौद्योगिकी (आइटी) मंत्रालय के पास फिलहाल इंटरनेट मीडिया के लिए कोई रेगुलेटर बनाने का प्रस्ताव नहीं है। केंद्रीय संचार एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री रविशंकर प्रसाद ने बुधवार को लोकसभा में यह जानकारी दी। प्रसाद ने बताया कि सरकार ने इंफॉर्मेशन टेक्नोलॉजी (इंटरमीडियरी गाइडलाइंस एंड डिजिटल मीडिया एथिक्स कोड) रूल्स, 2021 जारी किए हैं। इसके तहत इंटरनेट मीडिया इंटरमीडियरी समेत अन्य सभी इंटरमीडियरी कंपनियों को कुछ नियमों का अनुपालन करना होगा।

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    केंद्रीय मंत्री ने कहा- प्लेटफा‌र्म्स को मजबूत शिकायत निवारण तंत्र बनाने का निर्देश

    उन्होंने कहा, 'इंटरनेट मीडिया प्लेटफा‌र्म्स को शिकायत निवारण की मजबूत व्यवस्था तैयार करने को कहा गया है। फिलहाल मंत्रालय के पास रेगुलेटर नियुक्त करने का कोई प्रस्ताव नहीं है।' नए नियमों के तहत इंटरनेट मीडिया प्लेटफा‌र्म्स से जुड़े नियम आइटी मंत्रालय के अधीन होंगे और एंटरटेनमेंट एप एवं ऑनलाइन न्यूज पोर्टल के कंटेंट की निगरानी सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय के अधीन होगी।

    सरकार देश की संप्रभुता, रक्षा, सुरक्षा को प्रभावित करने वाले कंटेंट को ब्लॉक कर सकती है

    प्रसाद ने बताया कि आइटी कानून, 2000 की धारा 69ए के तहत सरकार देश की संप्रभुता, रक्षा, सुरक्षा, अन्य देशों से संबंध और कानून व्यवस्था को प्रभावित करने वाले गैर-कानूनी एवं गलत ऑनलाइन कंटेंट को ब्लॉक कर सकती है। इस प्रविधान के तहत 2020 में 9,849 यूआरएल/अकाउंट/वेबपेज ब्लॉक किए गए। इनमें से ज्यादातर इंटरनेट मीडिया प्लेटफार्म से जुड़े थे।

    इंटरनेट मीडिया का इस्तेमाल आतंकवाद या हिंसा को बढ़ावा देने, महिलाओं का अपमान करने में न हो

    इंटरनेट मीडिया पर सरकार के नियंत्रण से अभिव्यक्ति की आजादी पर पड़ने वाले प्रभाव के सवाल पर प्रसाद ने बताया कि ऐसा कोई अध्ययन सरकार ने नहीं कराया है। उन्होंने कहा कि सरकार आलोचना और इंटरनेट मीडिया पर लोगों से सवाल पूछने के अधिकार का स्वागत करती है। हालांकि यह ध्यान रखा जाना चाहिए कि सुरक्षा, कानून व्यवस्था एवं देश की संप्रभुता से जुड़े मामलों में अभिव्यक्ति की आजादी पर भी संविधान के तहत कुछ सीमाएं हैं। उन्होंने कहा कि यह जरूरी है कि इंटरनेट मीडिया का इस्तेमाल आतंकवाद या हिंसा को बढ़ावा देने और महिलाओं का अपमान करने में न हो।

    सरकार ने कहा- प्राइवेसी पॉलिसी की समीक्षा करे वाट्सएप

    एक अन्य प्रश्न के उत्तर में संचार एवं सूचना प्रौद्योगिकी राज्य मंत्री संजय धोत्रे ने बताया कि वाट्सएप को अपनी अपडेट प्राइवेसी पॉलिसी की समीक्षा करने और बदलावों की जरूरत के बारे में विस्तार से बताने को कहा गया है। वाट्सएप ने अपने यूजर्स को अपडेट प्राइवेसी पॉलिसी स्वीकार करने को कहा है। ऐसा नहीं करने पर वाट्सएप बंद हो सकता है।