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    Amit Shah: केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा,- विभाजन के दौरान हुई हिंसा और अमानवीय घटना को कभी नहीं भुलाया जा सकता

    By Sonu GuptaEdited By:
    Updated: Sun, 14 Aug 2022 03:33 PM (IST)

    केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने देश के विभाजन के दौरान पीड़ित सभी लोगों को श्रद्धांजलि दी है। इस दौरान उन्होंने कहा कि भारत के इतिहास में विभाजन के सम ...और पढ़ें

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    गृह मंत्री अमित शाह ने विभाजन के दौरान पीड़ित लोगों को श्रद्धांजलि दी है। ( फाइल फोटो)

    नई दिल्ली, एजेंसी। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने रविवार को देश के विभाजन के दौरान पीड़ित सभी लोगों को श्रद्धांजलि दी। उन्होंने कहा कि भारत के इतिहास में विभाजन के समय हुई हिंसा और अमानवीय घटना को कभी नहीं भुलाया जा सकता है। उन्होंने आगे कहा कि 'विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस' देश की युवा पीढ़ी को देश के विभाजन के दौरान लोगों द्वारा सही गई यातना को याद दिलाता रहेगा। इसके साथ देश में युवाओं को हमेशा शांति बनाए रखने के लिए प्रेरित भी करता रहेगा।

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    आजादी के समय हुआ था देश का विभाजन

    भारत 1947 में आजाद हुआ था। इसी दौरान देश का विभाजन हो गया। विभाजन के दौरान लोगों पर हुए जुल्म और अत्याचार के अध्याय को भारत के इतिहास में कभी भुलाया नहीं जा सकता है। विभाजन के दौरान हुई हिंसा में लाखों लोगों की जान चली गई और लाखों लोगों को विस्थापित होना पड़ा था। गृह मंत्री अमित शाह ने विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस के अवसर पर कहा, 'मैं इस अवसर पर उन सभी लोगों को नमन करता हूं,जिन्होंने बंटवारे की पीड़ा को सहा।' उन्होंने कहा कि विभाजन के दौरान हुई हिंसा से लाखों लोगों को जान गवांनी पड़ी और लाखों लोगों को एक जगह से दूसरे जगह विस्थापित होना पड़ा था।

    इस दिन से मनाया जा रहा है विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस

    प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में पिछले साल केंद्र सरकार ने विभाजन से पीड़ित लोगों के संघर्षों और बलिदानों की याद करने के लिए 14 अगस्त को विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस के रूप में मनाने की घोषणा की थी।

    आजादी के बाद पाकिस्तान बना था मुस्लिम देश

    1947 में जब भारत का विभाजन हुआ था तब अंग्रेजों ने पाकिस्तान को एक मुस्लिम देश के रूप में मान्यता दी थी। विभाजन के बाद पाकिस्तान में बड़े पैमाने पर दंगे भड़क गए और लाखों लोगों को पाकिस्तान छोड़ कर भारत आना पड़ा। दंगे फैलने से लाखों लोगों को जान गंवानी पड़ी थी।