'एक साल में 380 नक्सली ढेर, 1045 ने किया आत्मसमर्पण', राज्यसभा में बोले गृह मंत्री अमित शाह
गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि हमने नक्सलियों की कमर तोड़ दी है। एक साल में 380 नक्सली मारे गए हैं। अब सिर्फ 12 जिले नक्सल प्रभावित हैं। 1045 नक्सलियों ने आत्मसमर्पण किया है। उन्होंने आगे कहा कि नक्सलियों के फाइनेंसर को हमने खत्म किया। पूर्वोत्तर में हिंसा की घटनाओं में कमी आई है। गृह मंत्री ने यह जानकारी राज्यसभा में दी।

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। राज्यसभा में शुक्रवार को गृह मंत्रालय के कामकाज पर चर्चा हुई। उन्होंने बताया कि पूर्वोत्तर राज्यों में हिंसा घटनाओं में कमी आई। गृह मंत्री ने नक्सलियों को खत्म करने की अपनी प्रतिबद्धता को दोहराया और कहा कि एक साल में 2619 नक्सली कम हुए हैं। सालभर में 380 नक्सली मारे गए हैं। अब सिर्फ 12 जिले नक्सल प्रभावित हैं।
उन्होंने आगे कहा कि 1045 नक्सलियों ने आत्मसमर्पण किया है। शाह ने यह भी बताया कि नक्सलियों के फाइनेंसर को हमने खत्म किया है।
अनुच्छेद 370 अलगाववाद की मुख्य वजह
शाह ने कहा कि हमारी सरकार ने उग्रवाद, आतंकवाद और नक्सलवाद पर चोट किया है। उन्होंने अनुच्छेद 370 के हटने के बाद जम्मू-कश्मीर में हुई प्रगति का भी जिक्र किया। गृह मंत्री ने कश्मीर में अनुच्छेद 370 को अलगाव के पीछे की मुख्य वजह बताई।
उन्होने कहा कि अनुच्छेद 370 के हटने के बाद से कश्मीर में आतंकवाद की घटनाओं में कमी आई है। पत्थरबाजी भी रुक गई है। अब कश्मीर में कोई हड़ताल नहीं होती है। उन्होंने कहा कि 2024 में कश्मीर में एक भी पथराव की घटना सामने नहीं आई है।
जम्मू-कश्मीर में जी 20 की बैठक करवाई
गृह मंत्री ने कहा कि कश्मीर में बंद पड़े सिनेमा हॉल हमने खोले। वहां जी-20 की बैठक आयोजित करवाई। पठानकोट में नाका परमिट को हमने खत्म किया। उन्होंने कहा कि जम्मू-कश्मीर में एंटी करप्शन ब्यूरो का गठन किया। पहले की सरकारों का रवैया ढीला था और भ्रष्टाचार रोकने का कोई कानून नहीं था।
10 दिन में लिया उरी हमले का बदला
गृह मंत्री ने कहा कि अब कश्मीर में भ्रष्टाचार की संख्या लगभग शून्य हैं। पहले आतंकियों के मौत पर जुलूस निकलते थे। मगर हमारी सरकार ने इसे बंद करवाया। उरी हमले का बदला 10 दिनों के भीतर लिया गया। आतंकियों के परिजनों को नौकरी देना बंद किया। अब लाल चौक पर तिरंगा फहराया जाता है।
चुनाव में अब कश्मीर में एक भी गोली नहीं चलती
गृह मंत्रालय के कामकाज पर चर्चा का जवाब देते हुए गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि 21 सदस्यों ने यहां अपने विचार प्रस्तुत किए। एक तरह से गृह मंत्रालय के कई कार्यों के आयामों को समेटने का प्रयास किया।
सबसे पहले मैं उन हजारों राज्य पुलिस और केंद्रीय अर्धसैनिक बल के जवानों के प्रति आभार व्यक्त करता हूं जिन्होंने देश की आंतरिक सुरक्षा के साथ-साथ सीमाओं को मजबूत करने के लिए सर्वोच्च बलिदान दिया। उन्होंने आगे जम्मू-कश्मीर के चुनाव का जिक्र किया और कहा कि अब यहां चुनाव में एक भी गोली नहीं चलती है।
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