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    दो चरणों में होगी जनगणना, जाति आधारित जनगणना-2011 के आंकड़े जारी करने का प्रस्ताव नहीं : सरकार

    By Krishna Bihari SinghEdited By:
    Updated: Thu, 11 Mar 2021 12:56 AM (IST)

    केंद्र सरकार ने दो चरणों में जनगणना 2021 के आयोजन का फैसला किया है। गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय ने राज्यसभा में एक सवाल के लिखित जवाब में बताया कि एक चरण में मकानों की गिनती और आवास जनगणना जबकि दूसरे चरण में जनसंख्या गणना कराई जाएगी।

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    केंद्र सरकार ने दो चरणों में जनगणना 2021 के आयोजन का फैसला किया है।

    नई दिल्‍ली, एजेंसियां। केंद्र सरकार ने दो चरणों में जनगणना 2021 के आयोजन का फैसला किया है। गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय ने राज्यसभा में एक सवाल के लिखित जवाब में बताया कि एक चरण में मकानों की गिनती और आवास जनगणना जबकि दूसरे चरण में जनसंख्या गणना कराई जाएगी। समाचार एजेंसी एएनआइ के मुताबिक पहले चरण के साथ राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर को भी अपडेट करने का फैसला लिया गया है। उन्‍होंने यह भी बताया कि कोरोना संकट के चलते जनगणना का पहला चरण और NPR का अपडेशन समेत अन्य संबंधित क्षेत्र की गतिविधियों को स्थगित कर दिया गया है। 

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    वहीं समाचार एजेंसी पीटीआइ के मुताबिक सरकार ने कहा है कि वर्तमान में 2011 में कराई गई जाति आधारित जनगणना के आंकड़े जारी करने का कोई प्रस्ताव विचाराधीन नहीं है। केंद्र ने जनगणना 2021 को दो चरणों में कराने का फैसला लिया है। अप्रैल-सितंबर 2020 के दौरान आवास सूचीबद्ध और आवास गणना की गई और नौ से 28 फरवरी 2021 के दौरान जनसंख्या गणना की गई। केंद्रीय गृह राज्यमंत्री नित्यानंद राय ने बुधवार को राज्यसभा में लिखित उत्तर में यह जानकारी दी।

    केंद्रीय मंत्री ने कहा कि ग्रामीण विकास मंत्रालय तथा तत्कालीन आवास एवं शहरी गरीबी उन्मूलन मंत्रालय द्वारा क्रमश: ग्रामीण और शहरी इलाकों में सामाजिक आíथक एवं जाति जनगणना (एसईसीसी), 2011 कराई गई थी। उन्होंने कहा कि जाति संबंधी आंकड़ों को छोड़कर, एसईसीसी 2011 के आंकड़ों को ग्रामीण विकास मंत्रालय तथा आवास एवं शहरी गरीबी उन्मूलन मंत्रालय द्वारा अंतिम रूप देकर प्रकाशित किया जा चुका है।

    राय ने कहा कि जाति संबंधी बिना संशोधित आंकड़े सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय को वर्गीकरण और श्रेणीकरण के लिए आंकड़े उपलब्ध करा दिए गए हैं। सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय द्वारा दी गई सूचना के अनुसार, इस स्थिति में जाति संबंधी आंकड़े जारी करने का कोई प्रस्ताव नहीं है। उन्होंने कहा कि जनगणना में, उन जातियों एवं जनजातियों की जनगणना की जाती है, जो संविधान (अनुसूचित जाति) आदेश, 1950 और संविधान (अनुसूचित जनजाति) आदेश, 1950 के अनुसार अधिसूचित हैं।

    स्वतंत्रता के बाद भारत ने नीतिगत रूप से अनुसूचित जातियों और अनुसूचित जनजातियों के अतिरिक्त जातिवार जनसंख्या की गणना नहीं करने का फैसला किया है। एक अन्य सवाल के लिखित उत्तर में राय ने कहा कि जनगणना के पहले चरण के साथ नागरिकता अधिनियम 1955 के तहत राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर (एनपीआर) को अपडेट करने का भी फैसला लिया गया है। एनपीआर एवं अन्य संबंधित फील्ड गतिविधियां स्थगित हो गई हैं।