Union Cabinet Decisions: घरेलू फील्ड से निकले क्रूड की मार्केटिंग में मिली छूट, जानिये कैबिनेट बैठक में क्या लिए गए निर्णय
केंद्र सरकार ने बुधवार को पीएम मोदी की अगुवाई में हुई केंद्रीय कैबिनेट की बैठक में बड़े फैसले लिये। कैबिनेट की बैठक के बाद केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने कहा कि सरकार ने घरेलू रूप से उत्पादित कच्चे तेल की बिक्री के विनियमन को मंजूरी दी।
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। भारत में देशी-विदेशी कंपनियों को तेल व गैस उत्खनन और खोज के लिए प्रोत्साहित करने को सरकार ने मौजूदा कानूनों में एक बड़ा बदलाव किया है। घेरलू हाइड्रोकार्बन ब्लाकों से निकाले गए कच्चे तेल को अब ये कंपनियां गैर सरकारी कंपनियों को भी बेच सकेंगी। बुधवार को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति (सीसीईए) की बैठक में यह फैसला किया गया है।
- गैर सरकारी कंपनियों को बेची जा सकेगी घरेलू फील्ड से निकली गैस और तेल
- लेकिन घरेलू फील्ड से निकली गैस और तेल के निर्यात पर जारी रहेगा प्रतिबंध
- लाइसेंसिंग पालिसी के प्रति बढ़ सकता है विदेशी कंपनियों का आकर्षण
निर्यात पर जारी रहेगा प्रतिबंध
हालांकि सरकार ने साफ किया है कि घरेलू ब्लाकों से निकाले गए तेल और गैस के निर्यात पर प्रतिबंध जारी रहेगा। माना जा रहा है कि कानूनों में बदलाव के बाद सरकार की हाइड्रोकार्बन एक्सप्लोरेशन लाइसेंसिंग पालिसी (एनईएलपी) के प्रति विदेशी कंपनियों का आकर्षण बढ़ेगा।
अक्टूबर, 2022 से लागू होगा फैसला
सरकार की तरफ से बताया गया है कि घरेलू स्तर पर हासिल कच्चे तेल की बिक्री पर लगी बंदिशें हटाने का फैसला किया गया है। नया फैसला अक्टूबर, 2022 से लागू होगा। अभी तक जो नियम है, उसके मुताबिक घरेलू फील्ड से निकाले गए कच्चे तेल को सरकार को या उसकी तरफ से नामित एजेंसियों या सरकारी कंपनियों को ही बेचने की छूट है। अब इस शर्त को हटा दिया गया है।
यह होगा फायदा
अब सभी एक्सप्लोरेशन कंपनियां घरेलू फील्ड से निकाले गए कच्चे तेल की बिक्री अपनी मर्जी से घरेलू बाजार में कर सकेंगी। हालांकि उन पर रायल्टी और दूसरे अधिभार पहले ही तरह ही देने होंगे। दूसरे शब्दों में कहें तो घरेलू फील्ड से निकाले गए क्रूड की बिक्री रिलायंस, शेल या दूसरी निजी कंपनियों को भी की जा सकेगी।
ज्यादा पारदर्शिता पर जोर
सरकार का मानना है कि इस फैसले से अपस्ट्रीम क्षेत्र (तेल निकालने की प्रक्रिया) में ज्यादा निवेश आमंत्रित किया जा सकेगा। साथ ही तेल और गैस के घरेलू मार्केटिंग बाजार को ज्यादा पारदर्शी बनाया जा सकेगा। बता दें कि भारत अपनी जरूरत का अभी भी 85 प्रतिशत क्रूड बाहर से आयात करता है।
सीडीआरआइ को अंतरराष्ट्रीय संगठन की मंजूरी
कैबिनेट ने आपदा रोधी अवसंरचना के लिए बनाए गए संगठन (सीडीआरआइ) को अंतरराष्ट्रीय संगठन की मंजूरी भी दे दी है। केंद्रीय कैबिनेट ने 28 अगस्त 2019 को इस संगठन के गठन की मंजूरी दी थी। कैबिनेट में नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय (एमएनआरई) और अंतरराष्ट्रीय नवीकरणीय ऊर्जा एजेंसी (आइआरईएनए) के बीच समझौते की भी जानकारी दी गई। यह समझौता एमएनआरई और आइआरईएनए के बीच जनवरी 2022 में हरित ऊर्जा को बढ़ावा देने के लिए किया गया था।
कृषि कर्ज समितियों के कम्प्यूटरीकरण को मंजूरी
इतना ही नहीं केंद्र सरकार ने वित्तीय समावेशन को बढ़ावा देने के लिए देश की 63 हजार प्राइमरी कृषि कर्ज समितियों के कम्प्यूटरीकरण को मंजूरी दी है। केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने बताया कि कृषि कर्ज समितियों (PACS) के कम्प्यूटरीकरण के लिए 2,516 करोड़ रुपये को मंजूरी दी गई है। इस फैसले का उद्देश्य यह है कि इन सोसाइटियों की दक्षता को बढ़ाई जाए और संचालन में पारदर्शिता लाई जाए। इस फैसले जवाबदेही सुनिश्चित करने में भी मदद मिलेगी।
13 करोड़ किसानों को होगा फायदा
कैबिनेट की बैठक के बाद मीडिया को संबोधित करते हुए सूचना एवं प्रसारण मंत्री अनुराग सिंह ठाकुर ने बताया कि इस फैसले से व्यवसाय में विविधता और सेवाओं को शुरू करने की सहायता भी मिलेगी। इससे 13 करोड़ किसानों को फायदा होगा, जिनमें ज्यादातर छोटे और किसान सीमांत हैं। उन्होंने कहा कि इस परियोजना में साइबर सुरक्षा और डेटा स्टोरेज के साथ क्लाउड आधारित सामान्य साफ्टवेयर का विकास करना शामिल है। इससे आंकड़ों का डिजिटलीकरण भी होगा।