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    तीन नई एयरलाइंस के अधिकारियों से मिले केंद्रीय उड्डयन मंत्री राम मोहन नायडू, इंडिगो के एकाधिकार को मात देने की तैयारी?

    Updated: Wed, 24 Dec 2025 07:01 AM (IST)

    नागरिक उड्डयन मंत्री राम मोहन नायडू किंजरापु ने 23 दिसंबर 2025 को तीन उभरती एयरलाइंस—शंख एयर, अल हिंद एयर और फ्लाई एक्सप्रेस की टीमों से मुलाकात की। य ...और पढ़ें

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    तीन नई एयरलाइंस के अधिकारियों से मिले केंद्रीय उड्डयन मंत्री राम मोहन नायडू (फोटो- एक्स)

    डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। नागरिक उड्डयन मंत्री राम मोहन नायडू किंजरापु ने 23 दिसंबर 2025 को तीन उभरती एयरलाइंसशंख एयर, अल हिंद एयर और फ्लाईएक्सप्रेसकी टीमों से मुलाकात की। यह कदम दिसंबर की शुरुआत में इंडिगो के बड़े पैमाने पर उड़ान रद्दीकरण संकट के बाद अधिक प्रतिस्पर्धा को बढ़ावा देने की दिशा में उठाया गया है।

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    मंत्री ने सोशल मीडिया पर बताया कि शंख एयर को पहले ही डीजीसीए से अनापत्ति प्रमाण पत्र (एनओसी) मिल चुका है, जबकि अल हिंद एयर (केरल के अलहिंद ग्रुप की) और फ्लाईएक्सप्रेस (हैदराबाद की कूरियर कंपनी) को इस सप्ताह एनओसी जारी हुई है।

    शंख एयर उत्तर प्रदेश के शहरों जैसे लखनऊ, वाराणसी, आगरा और गोरखपुर को सस्ती दरों पर जोड़ने पर फोकस करेगी।

    सरकार दुनिया के सबसे तेजी से बढ़ते एविएशन बाजार में नई एयरलाइंस को प्रोत्साहित कर रही है; उड़ान योजना ने स्टार एयर, फ्लाई91 आदि छोटी एयरलाइंस को क्षेत्रीय कनेक्टिविटी में मजबूत बनाया है।

    दिसंबर की शुरुआत में, इंडिगो द्वारा नए क्रू-रोस्टरिंग नियमों के अनुकूल न हो पाने के कारण व्यापक स्तर पर उड़ानें बाधित हुईं, जिससे देश भर के हवाई अड्डों पर लाखों यात्री फंस गए।

    इस संकट के केंद्र में वे नियम थे जिनके तहत पायलटों और केबिन क्रू को अधिक आराम करने की आवश्यकता थी, जिसमें पहले के 36 घंटे के बजाय 48 घंटे का साप्ताहिक अवकाश और रात में लैंडिंग पर सख्त सीमाएं शामिल थीं।

    एयरलाइन पर नए नियमों का पालन करने के लिए व्यवस्था न करने का आरोप लगाया गया है। परिणामस्वरूप, इंडिगो के पास कर्मचारियों की कमी हो गई, जिससे उसे अपने आधे से अधिक विमानों को रोकना पड़ा।

    इंडिगो की भारतीय विमानन उद्योग में 60फीसदी से अधिक परिचालन बाजार हिस्सेदारी है। भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग (CCI) इस बजट एयरलाइन की जांच ट्रस्ट विरोधी नियमों के तहत कर रहा है। टाटा समूह के स्वामित्व वाली एयर इंडिया की घरेलू बाजार में लगभग 25% हिस्सेदारी है, जिसके बाद अकासा एयर और स्पाइसजेट का स्थान आता है।