'कराची में है दाऊद इब्राहिम', अंडरवर्ल्ड डान के भांजे अलीशाह ने ED के सामने किया बड़ा खुलासा
Dawood Ibrahim News अंडरवर्ल्ड डान दाऊद इब्राहिम को लेकर उसके भांजे ने बड़ा खुलासा किया है। दाऊद के भांजे अलीशाह पारकर के मुताबिक दाऊद पाकिस्तान के कराची में है। ईडी के सामने अलीशाह ने ये जानकारी दी है।
नई दिल्ली, एएनआइ। अंडरवर्ल्ड डान दाऊद इब्राहिम को लेकर बड़ा खुलासा हुआ है। दाऊद इब्राहिम इस समय कहां है... इसको लेकर दाऊद इब्राहिम के भांजे ने बड़ी जानकारी दी है। दाऊद के भांजे अलीशाह पारकर ने ईडी को बताया कि दाऊद अभी पाकिस्तान के कराची में रह रहा है।
अलीशाह ने ईडी की पूछताछ में किए खुलासे
अलीशाह ने ईडी को पूछताछ में और भी कई अहम जानकारी दी है। अलीशाह ने बताया कि उसका परिवार और वह दाऊद के संपर्क में नहीं है। दाऊद की पत्नी महजबीन त्योहारों के दौरान उसकी पत्नी और बहनों से संपर्क करती है। बता दें कि मनी लांड्रिंग केस में ईडी अधिकारी अलीशाह से पूछताछ कर रहे हैं।
Money laundering case | Underworld don Dawood Ibrahim is in Karachi, Pakistan - his sister Haseena Parkar's son Alishah Parkar tells ED; also tells ED that his family & he aren't in contact with Dawood & that Dawood's wife Mehajabin contacts his wife & sisters during festivals.— ANI (@ANI) May 24, 2022
नवाब मलिक की हुई गिरफ्तारी
बता दें कि नवाब मलिक को प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने मनी लांड्रिंग मामले में गिरफ्तार किया था। उनकी गिरफ्तारी एक भूमि सौदे के मामले में 23 फरवरी को हुई थी। आरोप है कि वह अंडरवर्ल्ड डान दाऊद इब्राहिम और उसके सहयोगियों से जुड़े मनी लांड्रिंग मामले से संबंध रखते हैं। उन्हें पहले ईडी की हिरासत में भेजा गया था, फिर न्यायिक हिरासत में भेज दिया था।
नवाब मलिक मनी लान्ड्रिंग और आपराधिक साजिश में थे शामिल
विशेष पीएमएलए अदालत ने शुक्रवार को एनसीपी नेता नवाब मलिक के खिलाफ ईडी के आरोप पत्र पर संज्ञान लेते हुए बड़ी बात कही थी। विशेष पीएमएलए अदालत ने कहा था कि इस बात के प्रथम दृष्टया यह सबूत हैं कि नवाब मलिक सीधे तौर पर जानबूझकर कुर्ला में स्थित गोवावाला परिसर को हड़पने के लिए मनी लान्ड्रिंग और आपराधिक साजिश में शामिल थे। जज ने कहा कि नवाब मलिक ने दाऊद इब्राहिम की दिवंगत बहन हसीना पारकर और डी कंपनी के अन्य सदस्यों की मदद से संपत्ति हड़प ली थी। ये संपत्ति धन शोधन निवारण अधिनियम के तहत अपराध की श्रेणी में आती है।