नई शिक्षा नीति के तहत पहली बार तैयार हो रहा बालवाटिका का पाठ्यक्रम, Class 1 में 6 साल के बाद पहुंचेगा बच्चा
वसंत पंचमी को बालवाटिका से दूसरी कक्षा तक का नया पाठ्यक्रम जारी हो सकता है। बालवाटिका को हाल ही में स्कूली शिक्षा का हिस्सा बनाया गया है। बता दें कि बच्चों को तीन साल की उम्र से दाखिला मिलेगा।

जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति (NEP) के जरिए देश की नई पीढ़ी को गढ़ने का जो सपना देखा गया है अब उसके साकार होने का वक्त नजदीक आ गया है। नीति की सिफारिश पर अमल करते हुए शिक्षा मंत्रालय इनके लिए जल्द ही एक नया पाठ्यक्रम लाने की तैयारी में है। जो नौनिहालों को न सिर्फ भविष्य के लिहाज से गढ़ेगा बल्कि उनके सर्वांगीण विकास में मदद भी देगा। माना जा रहा है कि यह नया पाठ्यक्रम वसंत पंचमी के मौके पर जारी किया जा सकता है।
फाउंडेशन स्टेज के लिए जुड़ा फ्रेमवर्क हो चुका है जारी
शिक्षा मंत्रालय इससे पहले स्कूलों के लिए तैयार किए नए बुनियादी स्तर (फाउंडेशन स्टेज) के लिए पाठ्यक्रम से जुड़ा फ्रेमवर्क पहले ही जारी कर चुका है। जिसके आधार पर ही पाठ्यक्रम को तैयार किया जाना है। इस स्टेज में तीन साल का बालवाटिका (प्री-प्राइमरी या नर्सरी) का भी एक चरण होगा। जिसमें बच्चों को तीन से छह साल की उम्र तक शिक्षा दी जाएगी। इस दौरान उन्हें खिलौना या खेल आधारित शिक्षा देने पर ही सबसे ज्यादा फोकस रहेगा।
पाठ्यक्रम की तैयारी के लिए एनसीआरटी ने लगाई विशेष टीम
मंत्रालय से जुड़े अधिकारियों के मुताबिक बुनियादी स्तर की शिक्षा में बालवाटिका के लिए अभी कोई पाठ्यक्रम नहीं है। आने वाला पाठ्यक्रम बिल्कुल नया होगा। जल्द ही इनकी किताबें भी तैयार हो जाएगी। खासबात यह है कि स्कूली शिक्षा के इस पाठ्यक्रम को तैयार करने के लिए एनसीईआरटी ने अपनी एक विशेष टीम लगाई है। जिसने हाल ही में फिनलैंड,आस्ट्रेलिया और कोरिया सहित देशों का दौरा भी किया है। इस पहल के तहत जिन स्कूलों में बालवाटिका नहीं है वहां आंगनवाड़ी को इन्हें पढ़ाने का जिम्मा सौंपा गया है।
गौरतलब है कि स्कूली शिक्षा के बुनियादी चरण से जुड़ा कैरीकुलम फ्रेमवर्क जारी करने के दौरान ही शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने वसंत पंचमी के मौके पर इसका पाठ्यक्रम जारी करने का ऐलान किया था। इसके तहत बच्चों को तीन साल तक बालवाटिका में पढ़ाया जाएगा। इसके बाद स्कूलों में पहली व दूसरी कक्षा की शिक्षा दी जाएगी।
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